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'गोट वैली' योजना से सुधरेगी रुद्रप्रयाग के ग्रामीणों की आजीविका, सोनप्रयाग में पहली कार्यशाला

राज्य सरकार असंगठित बकरी पालकों को संगठित करते हुए 'गोट वैली' तैयार करने जा रही है. इस संबंध में राज्य की पहली कार्यशाला रुद्रप्रयाग में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस योजना के तहत 20 से 25 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों को जोड़ा जाएगा.

Got Valley Scheme
गोट वैली योजना
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Published : Sep 8, 2022, 11:39 AM IST

रुद्रप्रयाग: बकरी पालन को आधुनिक तकनीक से स्वरोजगार से जोड़कर ग्रामीणों की आजीविका सुधार के लिए राज्य में 'गोट वैली' तैयार होने जा रही है. पशुपालन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा की अगुवाई में तैयार हो रही राज्य सरकार की इस महात्वाकांक्षी योजना की पहली कार्यशाला रुद्रप्रयाग में आयोजित हुई.

सोनप्रयाग में आयोजित कार्यशाला में पशुपालन मंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गोट वैली तैयार की जा रही है, जिसके पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अल्मोड़ा, बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली में गोट वैली तैयार होंगी. इसके बाद दूसरे चरण में उधम सिंह नगर, देहरादून और चंपावत एवं तीसरे चरण में पूरे राज्य में गोट वैली तैयार की जाएंगी.

रुद्रप्रयाग में राज्य की पहली कार्यशाला हुई है. इसके बाद अन्य जिलों में कार्यशाला एवं प्रशिक्षण आयोजित कर योजना शुरू की जाएंगी. ऐसे केंद्र तैयार होने पर बकरी के दूध एवं अन्य उत्पादों की खरीद के लिए विशेष योजना तैयार की जा रही है. इसके साथ ही भूसे पर सब्सिडी देने एवं दूध के उचित मूल्य किसानों को दिलवाने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है. जल्द ही इसका लाभ किसानों को मिलने लगेगा.

इस अवसर पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने अपने सुझाव पेश करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं के लिए यह योजना मील का पत्थर साबित होगी और आने वाले समय में योजना के बेहतर परिणाम हासिल होंगे. योजना पहाड़ों से हो रहे को पलायन रोकने के लिए कारगर साबित होगी. उत्तराखंड भेड़, बकरी, शशक पालन को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड ने 'गोट वैली' योजना की विस्तृत जानकारी स्थानीय ग्रामीणों को दी.
पढ़ें- NEET Result 2022: उत्तराखंड में रिया ने किया टॉप, ऑल इंडिया 77वीं रैंक मिली

अपर निदेशक पशुपालन डॉ अविनाश आनंद ने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालन मंत्री के प्रयासों पर असंगठित बकरी पालकों को संगठित करते हुए व्यावसायिक मूल्य श्रृंखला विकसित करना उद्देश्य है, जिससे पर्वतीय सीमांत क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए जा सके. एक वैली में 20 से 25 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों को इससे जोड़ा जाएगा. आनंद ने बताया कि किसानों को इसके लिए लोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने पशुपालन मंत्री को आश्वस्त किया कि दूरस्थ क्षेत्रों के ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की जा रही 'गोट वैली' योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जो भी दिशा निर्देश एवं सुझाव पेश किए गए हैं, उनका संबंधित विभागों से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा. ताकि योजना का उद्देश्य सफल हो सके.

रुद्रप्रयाग: बकरी पालन को आधुनिक तकनीक से स्वरोजगार से जोड़कर ग्रामीणों की आजीविका सुधार के लिए राज्य में 'गोट वैली' तैयार होने जा रही है. पशुपालन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा की अगुवाई में तैयार हो रही राज्य सरकार की इस महात्वाकांक्षी योजना की पहली कार्यशाला रुद्रप्रयाग में आयोजित हुई.

सोनप्रयाग में आयोजित कार्यशाला में पशुपालन मंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से गोट वैली तैयार की जा रही है, जिसके पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अल्मोड़ा, बागेश्वर, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली में गोट वैली तैयार होंगी. इसके बाद दूसरे चरण में उधम सिंह नगर, देहरादून और चंपावत एवं तीसरे चरण में पूरे राज्य में गोट वैली तैयार की जाएंगी.

रुद्रप्रयाग में राज्य की पहली कार्यशाला हुई है. इसके बाद अन्य जिलों में कार्यशाला एवं प्रशिक्षण आयोजित कर योजना शुरू की जाएंगी. ऐसे केंद्र तैयार होने पर बकरी के दूध एवं अन्य उत्पादों की खरीद के लिए विशेष योजना तैयार की जा रही है. इसके साथ ही भूसे पर सब्सिडी देने एवं दूध के उचित मूल्य किसानों को दिलवाने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है. जल्द ही इसका लाभ किसानों को मिलने लगेगा.

इस अवसर पर केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने अपने सुझाव पेश करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों के बेरोजगार युवाओं के लिए यह योजना मील का पत्थर साबित होगी और आने वाले समय में योजना के बेहतर परिणाम हासिल होंगे. योजना पहाड़ों से हो रहे को पलायन रोकने के लिए कारगर साबित होगी. उत्तराखंड भेड़, बकरी, शशक पालन को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड ने 'गोट वैली' योजना की विस्तृत जानकारी स्थानीय ग्रामीणों को दी.
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अपर निदेशक पशुपालन डॉ अविनाश आनंद ने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि पशुपालन मंत्री के प्रयासों पर असंगठित बकरी पालकों को संगठित करते हुए व्यावसायिक मूल्य श्रृंखला विकसित करना उद्देश्य है, जिससे पर्वतीय सीमांत क्षेत्रों में बेरोजगार युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए जा सके. एक वैली में 20 से 25 किलोमीटर क्षेत्र के गांवों को इससे जोड़ा जाएगा. आनंद ने बताया कि किसानों को इसके लिए लोन भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने पशुपालन मंत्री को आश्वस्त किया कि दूरस्थ क्षेत्रों के ग्रामीणों को स्वरोजगार से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की जा रही 'गोट वैली' योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जो भी दिशा निर्देश एवं सुझाव पेश किए गए हैं, उनका संबंधित विभागों से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा. ताकि योजना का उद्देश्य सफल हो सके.

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