रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर धाम के कपाट (Madmaheshwar Dham) 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद (doors will be closed on November 18) किए जाएंगे. विभिन्न पड़ावों पर प्रवास के बाद 21 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी. इसी दिन मुख्य रूप से मदमहेश्वर मेला आयोजित होगा. रविवार को केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव एवं बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने मदमहेश्वर धाम पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया.
बता दें द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर धाम में भगवान शंकर के नाभि की पूजा की जाती है. इस बार मदमहेश्वर के कपाट 18 नवंबर को बंद होने जा रहे हैं. कपाट बंद होने के बाद डोली विभिन्न पड़ावों से होकर 21 नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी. कपाट बंद से पहले बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने मद्महेश्वर धाम पहुंचकर भगवान मदमहेश्वर के दर्शन किए. साथ ही उन्होंने यात्रा व्यवस्थाओं का अवलोकन तथा निरीक्षण भी किया.
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उनके साथ कार्याधिकारी आरसी तिवारी भी मौजूद रहे. इस अवसर पर मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 18 नवंबर को बंद किये जा रहे हैं. कपाट बंद करने को लेकर तैयारियां की जा रही हैं.
21 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने के अवसर पर भव्य रूप से डोली का स्वागत किया जायेगा. मंदिर समिति द्वारा मदमहेश्वर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं. मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ हरीश गौड़ ने बताया अभी तक साढ़े सात हजार यात्री मदमहेश्वर धाम पहुंच चुके हैं, जिनमें 21 विदेशी यात्री भी शामिल हैं.