रुद्रप्रयाग: तीर्थ पुरोहितों व देवस्थानम बोर्ड के बीच शुक्रवार को मंदिर में प्रवेश एवं पूजा को लेकर हुए विवाद के बाद शनिवार को बोर्ड ने अपना रुख बदला है. देवस्थानम् बोर्ड ने तीर्थ पुरोहितों को मंदिर एवं शिवलिंग पर जल चढ़ाने की अनुमति दे दी है. सभी तीर्थ पुरोहितों ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर भाले शंकर को जल चढ़ाया है.
बता दें, बीते शुक्रवार को केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों को मंदिर के अंदर प्रवेश को लेकर विवाद हो गया था. केदारनाथ मंदिर में प्रवेश देने को लेकर देवस्थानम् बोर्ड एवं तीर्थपुरोहितों में काफी देर तक नोकझोंक हुई. देवस्थानम् बोर्ड के कर्मचारियों ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश देने से मना कर दिया, जिस पर कुछ तीर्थ पुरोहित मंदिर में प्रवेश को लेकर अड़ गए.
हालांकि, काफी देर दोनो पक्षों के बीच वार्तालाप के बाद मामला शांत हो गया. देवस्थानम बोर्ड ने कहा था कि मुख्य पुजारी एवं रावल को ही मंदिर के गर्भगृह में जाने की अनुमति है. इसके अलावा प्रवेश वर्जित है. वहीं शनिवार को देवस्थानम बोर्ड ने अपना रुख बदलते हुए तीर्थपुरोहितों को मंदिर के अंदर गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी.
तीर्थ पुरोहित का कहना था कि सदियों से भगवान केदार की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. इसके बावजूद इस बार मंदिर के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है, जिस कारण वह बाबा केदार की पूजा अर्चना नहीं कर पा रहे हैं. तीर्थ पुरोहित का कहना है कि सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन कर रहे हैं. सरकार की गाइडलाइन में भी साफ है कि तीर्थ पुरोहित केदारनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना कर सकते हैं.
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तीर्थ पुरोहित तेज प्रकाश त्रिवेदी, अंकुर शुक्ला, पंकज शुक्ला आदि का कहना है कि केदारनाथ में पूजा करने का उनका अधिकार सदियों से है. ऐसे में मंदिर के अंदर प्रवेश करने से उन्हें रोका जाना उचित नहीं था. वहीं, देवस्थानम् बोर्ड के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी ने कहा कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का अध्ययन किया गया, जिसके बाद तीर्थ पुरोहितों को मंदिर के अंदर प्रवेश की अनुमति दी गई.