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रुद्रप्रयाग: सैलानियों से गुलजार रहने वाले पर्यटक स्थल पड़े वीरान

रुद्रप्रयाग में कोरोना के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. जिससे व्यापारी खासे चिंतित दिखाई दे रहे हैं.

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रुद्रप्रयाग
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Published : May 1, 2021, 2:26 PM IST

रुद्रप्रयाग: राज्य में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने गाइडलाइन लागू की है. जिस वजह से प्रदेश में दिन के दो बजे के बाद बाजारों और मोटरमार्ग पर सन्नाटा पसर जाता है. वहीं जल्दी दुकानें और बाजार बंद होने के कारण व्यापारियों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने के साथ ही प्रदेश सरकार और देवस्थानम बोर्ड के राजस्व को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है.

बता दें कि बीते साप्ताहिक कर्फ्यू के साथ ही अन्य दिनों दोपहर दो बजे बाद कर्फ्यू जारी होने से ऊखीमठ, मनसूना, राऊलैंक, रांसी, कालीमठ, ताला, मस्तूरा, मक्कूमठ, पल्द्वाणी, भीरी, चन्द्रापुरी, क्यूंजा कण्डारा, भणज, चन्द्रनगर, मोहनखाल, कोटमा, घिमतोली, खड़पतियाखाल, चोपता, दुर्गादास, मयकोटी, सतेराखाल सहित विभिन्न क्षेत्रों के बाजारों में दो बजे से पहले ही सन्नाटा पसर रहा है. ऊखीमठ मुख्य बाजार की बात करें तो ग्रामीण सीमान्त क्षेत्रों से बैंकिंग, तहसील या फिर विकासखंड के कार्य के निवारण के लिए आते हैं.कार्य निपटने के बाद सीधे गांव को चले जा रहे हैं. इसलिए ऊखीमठ मुख्य बाजार में दोपहर 12 बजे से सन्नाटा देखने को मिल रहा है. मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरने से व्यापारियों का व्यवसाय के साथ ही क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है.

पढ़ेंं:सीएम तीरथ के प्रमुख सलाहकार बने डॉ. आरबीएस रावत

इसलिए ऊखीमठ मुख्य बाजार में दोपहर 12 बजे से सन्नाटा देखने को मिल रहा है. मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरने से व्यापारियों का व्यवसाय के साथ ही क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है. विगत दो वर्ष पहले की बात करें तो इन दिनों देवरियाताल, चोपता, दुगलबिट्टा सहित तुंगनाथ घाटी के विभिन्न पर्यटन स्थलों में सैलानियों तथा ओंकारेश्वर मन्दिर, सिद्धपीठ कालीमठ, कालीशिला, त्रियुगीनारायण में भक्तों का तांता लगा रहता था. विगत दो वर्षों से क्षेत्र के तीर्थ व पर्यटक स्थल वीरान होने से क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने के साथ स्थानीय व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

पढ़े: मार्केट से ऑक्सी फ्लो मीटर गायब, अधिक कीमत वसूल रहे मुनाफाखोर

कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री आनन्द सिह रावत का कहना है, कि यहां का व्यापारी कभी नोट बन्दी, कभी जीएसटी तो कभी वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, ऐसी स्थिति में व्यापारी का उबरना मुश्किल है. मनसूना के व्यापारी धीरेन्द्र थपलियाल, अवतार राणा का कहना है, कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण कर्फ्यू लगने से व्यापार में खासा असर पड़ा है. चोपता व्यापार संघ अध्यक्ष योगम्बर कुनियाल, पंचम सिंह नेगी ने बताया कि सभी लोग अब सचेत हो गये हैं. तथा सिर्फ कार्य से ही बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं, इसलिए व्यापार को खासा नुकसान हो रहा है.

रुद्रप्रयाग: राज्य में कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने गाइडलाइन लागू की है. जिस वजह से प्रदेश में दिन के दो बजे के बाद बाजारों और मोटरमार्ग पर सन्नाटा पसर जाता है. वहीं जल्दी दुकानें और बाजार बंद होने के कारण व्यापारियों का व्यवसाय प्रभावित हो रहा है. क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने के साथ ही प्रदेश सरकार और देवस्थानम बोर्ड के राजस्व को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है.

बता दें कि बीते साप्ताहिक कर्फ्यू के साथ ही अन्य दिनों दोपहर दो बजे बाद कर्फ्यू जारी होने से ऊखीमठ, मनसूना, राऊलैंक, रांसी, कालीमठ, ताला, मस्तूरा, मक्कूमठ, पल्द्वाणी, भीरी, चन्द्रापुरी, क्यूंजा कण्डारा, भणज, चन्द्रनगर, मोहनखाल, कोटमा, घिमतोली, खड़पतियाखाल, चोपता, दुर्गादास, मयकोटी, सतेराखाल सहित विभिन्न क्षेत्रों के बाजारों में दो बजे से पहले ही सन्नाटा पसर रहा है. ऊखीमठ मुख्य बाजार की बात करें तो ग्रामीण सीमान्त क्षेत्रों से बैंकिंग, तहसील या फिर विकासखंड के कार्य के निवारण के लिए आते हैं.कार्य निपटने के बाद सीधे गांव को चले जा रहे हैं. इसलिए ऊखीमठ मुख्य बाजार में दोपहर 12 बजे से सन्नाटा देखने को मिल रहा है. मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरने से व्यापारियों का व्यवसाय के साथ ही क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है.

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इसलिए ऊखीमठ मुख्य बाजार में दोपहर 12 बजे से सन्नाटा देखने को मिल रहा है. मुख्य बाजारों में सन्नाटा पसरने से व्यापारियों का व्यवसाय के साथ ही क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित हो गया है. विगत दो वर्ष पहले की बात करें तो इन दिनों देवरियाताल, चोपता, दुगलबिट्टा सहित तुंगनाथ घाटी के विभिन्न पर्यटन स्थलों में सैलानियों तथा ओंकारेश्वर मन्दिर, सिद्धपीठ कालीमठ, कालीशिला, त्रियुगीनारायण में भक्तों का तांता लगा रहता था. विगत दो वर्षों से क्षेत्र के तीर्थ व पर्यटक स्थल वीरान होने से क्षेत्र का पर्यटन व्यवसाय खासा प्रभावित होने के साथ स्थानीय व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

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कांग्रेस व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश महामंत्री आनन्द सिह रावत का कहना है, कि यहां का व्यापारी कभी नोट बन्दी, कभी जीएसटी तो कभी वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण जैसी समस्याओं से जूझ रहा है, ऐसी स्थिति में व्यापारी का उबरना मुश्किल है. मनसूना के व्यापारी धीरेन्द्र थपलियाल, अवतार राणा का कहना है, कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण कर्फ्यू लगने से व्यापार में खासा असर पड़ा है. चोपता व्यापार संघ अध्यक्ष योगम्बर कुनियाल, पंचम सिंह नेगी ने बताया कि सभी लोग अब सचेत हो गये हैं. तथा सिर्फ कार्य से ही बाजारों की ओर रुख कर रहे हैं, इसलिए व्यापार को खासा नुकसान हो रहा है.

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