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बदरी-केदार के कपाट बंद होने की तारीखों का ऐलान, मद्महेश्वर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट भी इस दिन होंगे बंद, जानें - बदरीनाथ धाम

kedarnath doors will close on 15 November in uttarakhand विजयादशी के अवसर पर पंचाग गणना के अनुसार 18 नवंबर को बाबा बदरी के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे, जबकि 15 नवंबर को बाबा केदार के कपाट बंद होंगे.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 24, 2023, 2:33 PM IST

Updated : Oct 24, 2023, 3:30 PM IST

बदरी-केदार के कपाट बंद होने की तारीखों का ऐलान

रुद्रप्रयाग/चमोली: बदरीनाथ धाम मंदिर के कपाट 18 नवंबर को दोपहर साढ़े 3 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. अब तक 16 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बदरी के दरबार में आ चुके हैं. वहीं, दशहरा पर्व पर 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ, द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथियां शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गई हैं.

  • Uttarakhand | The doors of Shri Badrinath Dham temple will be closed for the winter season on 18th November at 03:33 pm. In the current Yatra period so far, a record of more than 16 lakh devotees have visited the Badrinath temple

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

18 नवंबर को बंद होंगे बाबा बदरी के कपाट: धर्माधिकारी प्रकाश थपलियाल ने बताया कि 18 नवंबर को भगवान बदरी विशाल के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे. इससे पहले मंदिर के आसपास अन्य छोटे मंदिरों के कपाट बंद होने की भी प्रक्रिया होती हैं और उसके लिए भी धार्मिक परंपराओं का निर्माण किया जाता है.

kedarnath doors will close on 15 November  in uttarakhand
चारधाम में उमड़ रहा भक्तों का सैलाब

15 नवंबर को बंद होंगे बाबा केदार के कपाट: भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में घोषित तिथि के अनुसार इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट 15 नवंबर को (भैयादूज पर्व) वृश्चिक लग्न में सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी और लिनचोली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग और सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी.

kedarnath doors will close on 15 November in uttarakhand
18 नवंबर को बाबा बदरी के कपाट शीतकाल के लिए होंगे बंद

विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी उत्सव डोली: 16 नवंबर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडासू, फाटा, नारायण कोटी और नाला सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी. इसके बाद 17 नवंबर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी.

Badrinath door will closed on 18th November
बदरी-केदार के कपाट बंद होने की तारीखों का ऐलान

1 नवंबर को भगवान तुंगनाथ ंके कपाट होंगे बंद: पंचाग गणना के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट 1 नवंबर को 11 बजे धनु लग्न में शीतकालीन के लिए बंद कर दिए जाएंगे और कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. 2 नवंबर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर बनियाकुंड, दुगलविट्टा, मक्कूबैंड हूंडू और बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए भनकुंड पहुंचेगी और 3 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी.

Baba Kedarnath
15 नवंबर को बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट

22 नवंबर को मद्महेश्वर धाम के कपाट होंगे बंद: भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर शै भोज का आयोजन किया जाएगा. इस बार मद्महेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को सुबह आठ बजे वृश्चिक लग्न में शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. भगवान मद्महेश्वर के कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर कूनचट्टी, नानौ, खटारा और बनातोली यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी.

ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रा में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का रेला, आस्था ने बनाया नया कीर्तिमान

भव्य मेले का होगा आयोजन: 23 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार से रवाना होकर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रासी पहुंचेगी. 24 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली उनियाणा, राऊलैंक और मनसूना यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी और 25 नवंबर को विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा पहुंचे केदारनाथ धाम, कहा- 50 साल पहले आया था, विश्व कल्याण की कामना की

बदरी-केदार के कपाट बंद होने की तारीखों का ऐलान

रुद्रप्रयाग/चमोली: बदरीनाथ धाम मंदिर के कपाट 18 नवंबर को दोपहर साढ़े 3 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. अब तक 16 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा बदरी के दरबार में आ चुके हैं. वहीं, दशहरा पर्व पर 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ, द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथियां शीतकालीन गद्दी स्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गई हैं.

  • Uttarakhand | The doors of Shri Badrinath Dham temple will be closed for the winter season on 18th November at 03:33 pm. In the current Yatra period so far, a record of more than 16 lakh devotees have visited the Badrinath temple

    — ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 24, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

18 नवंबर को बंद होंगे बाबा बदरी के कपाट: धर्माधिकारी प्रकाश थपलियाल ने बताया कि 18 नवंबर को भगवान बदरी विशाल के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे. इससे पहले मंदिर के आसपास अन्य छोटे मंदिरों के कपाट बंद होने की भी प्रक्रिया होती हैं और उसके लिए भी धार्मिक परंपराओं का निर्माण किया जाता है.

kedarnath doors will close on 15 November  in uttarakhand
चारधाम में उमड़ रहा भक्तों का सैलाब

15 नवंबर को बंद होंगे बाबा केदार के कपाट: भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में घोषित तिथि के अनुसार इस बार भगवान केदारनाथ के कपाट 15 नवंबर को (भैयादूज पर्व) वृश्चिक लग्न में सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे. कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होगी और लिनचोली, जंगलचट्टी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग और सीतापुर यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी.

kedarnath doors will close on 15 November in uttarakhand
18 नवंबर को बाबा बदरी के कपाट शीतकाल के लिए होंगे बंद

विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी उत्सव डोली: 16 नवंबर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली रामपुर से रवाना होकर शेरसी, बडासू, फाटा, नारायण कोटी और नाला सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी. इसके बाद 17 नवंबर को पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली गुप्तकाशी से रवाना होकर शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी.

Badrinath door will closed on 18th November
बदरी-केदार के कपाट बंद होने की तारीखों का ऐलान

1 नवंबर को भगवान तुंगनाथ ंके कपाट होंगे बंद: पंचाग गणना के अनुसार भगवान तुंगनाथ के कपाट 1 नवंबर को 11 बजे धनु लग्न में शीतकालीन के लिए बंद कर दिए जाएंगे और कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. 2 नवंबर को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर बनियाकुंड, दुगलविट्टा, मक्कूबैंड हूंडू और बनातोली यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए भनकुंड पहुंचेगी और 3 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ में विराजमान होगी.

Baba Kedarnath
15 नवंबर को बंद होंगे केदारनाथ धाम के कपाट

22 नवंबर को मद्महेश्वर धाम के कपाट होंगे बंद: भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कूमठ आगमन पर शै भोज का आयोजन किया जाएगा. इस बार मद्महेश्वर धाम के कपाट 22 नवंबर को सुबह आठ बजे वृश्चिक लग्न में शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे. भगवान मद्महेश्वर के कपाट बंद होने के बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर कूनचट्टी, नानौ, खटारा और बनातोली यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए गौंडार गांव पहुंचेगी.

ये भी पढ़ें: चारधाम यात्रा में उमड़ रहा श्रद्धालुओं का रेला, आस्था ने बनाया नया कीर्तिमान

भव्य मेले का होगा आयोजन: 23 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौंडार से रवाना होकर द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रासी पहुंचेगी. 24 नवंबर को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली उनियाणा, राऊलैंक और मनसूना यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी और 25 नवंबर को विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी. भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के कैलाश से ऊखीमठ आगमन पर भव्य मेले का आयोजन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: पीएम मोदी के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा पहुंचे केदारनाथ धाम, कहा- 50 साल पहले आया था, विश्व कल्याण की कामना की

Last Updated : Oct 24, 2023, 3:30 PM IST
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