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अंकिता हत्याकांड: संदेहास्पद है निलंबित पटवारी वैभव प्रताप, DM ने CR में की थी प्रतिकूल प्रविष्टि

अंकिता हत्याकांड में निलंबित किया गया पटवारी वैभव प्रताप पहले से ही विवादों में रहा है. अब पटवारी वैभव प्रताप के कारनामे सामने आ रहे हैं. पटवारी वैभव प्रताप सिंह पर यमकेश्वर तहसील के तल्ला वणास में सरकारी चारागाह की भूमि पर अतिक्रमण करवाने का आरोप था.

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पहली नियुक्ति में ही विवादों में घिरा पटवारी वैभव प्रताप
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Published : Sep 28, 2022, 3:00 PM IST

पौड़ी: अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder case) में कोताही बरतने और दूसरे को चार्ज थमाकर अवकाश पर गए पटवारी वैभव प्रताप को निलंबित (Vaibhav Pratap suspended Ankita murder case) कर दिया गया है. पौड़ी डीएम विजय कुमार जोगदंडे (Pauri DM Vijay Kumar Jogdande) ने उदयपुर पल्ला 2 के पटवारी वैभव प्रताप सिंह को यमकेश्वर एसडीएम की रिपोर्ट मिलने के बाद यह कार्रवाई की है. साथ ही इस मामले की जांच लैंसडाउन एसडीएम को सौंपी है. इस घटना के बाद पटवारी वैभव प्रताप के पहले के विवाद भी निकलकर सामने आ रहे हैं. पटवारी वैभव प्रताप के विवादों (Patwari Vaibhav Pratap controversy) पर डीएम ने सीआर बुक पर प्रतिकूल प्रविष्टि तक लिखी है. पटवारी वैभव प्रताप पर जमीन अतिक्रमण करवाने के आरोप लगे थे.

अंकिता हत्याकांड में निलंबन की कार्रवाई झेल रहे यमकेश्वर तहसील की पट्टी उदयपुर पल्ला-2 के पटवारी वैभव प्रताप पर इससे पूर्व भी कई आरोप लगे हैं, हालांकि जांच के बाद इनमें से कुछ आरोप सही मिले तो कुछ गलत. जिला मुख्यालय में मिले दस्तावेजों के मुताबिक पटवारी वैभव प्रताप के सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी. यह प्रकरण इसी साल का है. विभागीय अफसरों द्वारा जांच किये जाने पर यह मामला सही पाया गया. जिस पर डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने करीब एक महीने पहले ही यानी जुलाई-अगस्त माह में उसकी सीआर बुक में प्रतिकूल प्रविष्टि लिख दी थी. इतना ही नहीं आरोपों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम पौड़ी ने वैभव प्रताप के एक साल की वेतन वृद्धि पर भी रोक लगाई है.
पढ़ें-अंकिता भंडारी हत्या मामले में पटवारी वैभव प्रताप सस्पेंड, DM ने दिए जांच के आदेश

पटवारी वैभव प्रताप पर लगे थे ये आरोप: पटवारी वैभव प्रताप सिंह पर यमकेश्वर तहसील के तल्ला वणास में सरकारी चारागाह की भूमि पर अतिक्रमण करवाने का आरोप था. तब राजस्व अफसरों की टीम ने जांच कर बताया था कि संबधित पटवारी की भू-माफिया से साठगांठ से इंकार नहीं किया जा सकता. शिकायत थी कि बीते साल 2021 में पटवारी वैभव प्रताप ने खसरा संख्या 325 में दीवार निर्माण और भूमि समतलीकरण करवाया, जबकि इसकी कोई अनुमति नहीं थी. यह भूमि राजस्व अभिलेखों में चारागाह के तौर पर दर्ज है.
पढ़ें- अंकिता हत्याकांड में पटवारी वैभव प्रताप की भूमिका संदिग्ध, पुलकित का करीबी होने का आरोप

इस मामले में पटवारी वैभव प्रताप का स्पष्टीकरण आने के बाद कार्रवाई अमल में लाई गई. डीएम ने एडवर्स एंट्री के साथ वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी, हालांकि वैभव प्रताप की अन्य शिकायतें भी थी, जो जांच में सही नहीं पाई गई.

अब अंकिता की गुमशुदगी में लापरवाही पर वैभव प्रताप को निलंबित किया गया है. वैभव प्रताप ने अपने अवकाश के पीछे पिता का स्वास्थ्य संबंधी कारण दिया था, लेकिन मामला संज्ञान में आने के बावजूद प्रभावी कार्रवाई नहीं करने और उच्चाधिकारियों को इसको नहीं बताने पर पटवारी की लापरवाही सामने आई. अंकिता के परिजनों ने भी ये आरोप लगाए कि जब वह चौकी गए तो उनकी रिपोर्ट ही नहीं लिखी गई. तभी से राजस्व प्रशासन सवालों के घेरे में आना शुरू हो गया. हालांकि राजस्व से रेगुलर पुलिस को सौंपे गए इस मामले में पुलिस ने पूरी तत्परता दिखाई और 24 घंटे में ही हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
पढ़ें- ये भी पढ़ेंः अधूरी रह गई अंकिता भंडारी की इच्छा, माता-पिता के लिए बनाना चाहती थी दो कमरों का घर

वैभव की पहली नियुक्ति ही विवादों में: पौड़ी जिले यमकेश्वर तहसील के उदयपुर पल्ला -2 के निलंबित पटवारी वैभव प्रताप की इस तहसील में पहली नियुक्ति है. वैभव प्रताप की पटवारी पद पर नियुक्ति वर्ष 2018-19 में हुई थी. वैभव हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र का रहने वाला है.

पौड़ी: अंकिता भंडारी हत्याकांड (ankita bhandari murder case) में कोताही बरतने और दूसरे को चार्ज थमाकर अवकाश पर गए पटवारी वैभव प्रताप को निलंबित (Vaibhav Pratap suspended Ankita murder case) कर दिया गया है. पौड़ी डीएम विजय कुमार जोगदंडे (Pauri DM Vijay Kumar Jogdande) ने उदयपुर पल्ला 2 के पटवारी वैभव प्रताप सिंह को यमकेश्वर एसडीएम की रिपोर्ट मिलने के बाद यह कार्रवाई की है. साथ ही इस मामले की जांच लैंसडाउन एसडीएम को सौंपी है. इस घटना के बाद पटवारी वैभव प्रताप के पहले के विवाद भी निकलकर सामने आ रहे हैं. पटवारी वैभव प्रताप के विवादों (Patwari Vaibhav Pratap controversy) पर डीएम ने सीआर बुक पर प्रतिकूल प्रविष्टि तक लिखी है. पटवारी वैभव प्रताप पर जमीन अतिक्रमण करवाने के आरोप लगे थे.

अंकिता हत्याकांड में निलंबन की कार्रवाई झेल रहे यमकेश्वर तहसील की पट्टी उदयपुर पल्ला-2 के पटवारी वैभव प्रताप पर इससे पूर्व भी कई आरोप लगे हैं, हालांकि जांच के बाद इनमें से कुछ आरोप सही मिले तो कुछ गलत. जिला मुख्यालय में मिले दस्तावेजों के मुताबिक पटवारी वैभव प्रताप के सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी. यह प्रकरण इसी साल का है. विभागीय अफसरों द्वारा जांच किये जाने पर यह मामला सही पाया गया. जिस पर डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने करीब एक महीने पहले ही यानी जुलाई-अगस्त माह में उसकी सीआर बुक में प्रतिकूल प्रविष्टि लिख दी थी. इतना ही नहीं आरोपों की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम पौड़ी ने वैभव प्रताप के एक साल की वेतन वृद्धि पर भी रोक लगाई है.
पढ़ें-अंकिता भंडारी हत्या मामले में पटवारी वैभव प्रताप सस्पेंड, DM ने दिए जांच के आदेश

पटवारी वैभव प्रताप पर लगे थे ये आरोप: पटवारी वैभव प्रताप सिंह पर यमकेश्वर तहसील के तल्ला वणास में सरकारी चारागाह की भूमि पर अतिक्रमण करवाने का आरोप था. तब राजस्व अफसरों की टीम ने जांच कर बताया था कि संबधित पटवारी की भू-माफिया से साठगांठ से इंकार नहीं किया जा सकता. शिकायत थी कि बीते साल 2021 में पटवारी वैभव प्रताप ने खसरा संख्या 325 में दीवार निर्माण और भूमि समतलीकरण करवाया, जबकि इसकी कोई अनुमति नहीं थी. यह भूमि राजस्व अभिलेखों में चारागाह के तौर पर दर्ज है.
पढ़ें- अंकिता हत्याकांड में पटवारी वैभव प्रताप की भूमिका संदिग्ध, पुलकित का करीबी होने का आरोप

इस मामले में पटवारी वैभव प्रताप का स्पष्टीकरण आने के बाद कार्रवाई अमल में लाई गई. डीएम ने एडवर्स एंट्री के साथ वेतन वृद्धि पर भी रोक लगा दी, हालांकि वैभव प्रताप की अन्य शिकायतें भी थी, जो जांच में सही नहीं पाई गई.

अब अंकिता की गुमशुदगी में लापरवाही पर वैभव प्रताप को निलंबित किया गया है. वैभव प्रताप ने अपने अवकाश के पीछे पिता का स्वास्थ्य संबंधी कारण दिया था, लेकिन मामला संज्ञान में आने के बावजूद प्रभावी कार्रवाई नहीं करने और उच्चाधिकारियों को इसको नहीं बताने पर पटवारी की लापरवाही सामने आई. अंकिता के परिजनों ने भी ये आरोप लगाए कि जब वह चौकी गए तो उनकी रिपोर्ट ही नहीं लिखी गई. तभी से राजस्व प्रशासन सवालों के घेरे में आना शुरू हो गया. हालांकि राजस्व से रेगुलर पुलिस को सौंपे गए इस मामले में पुलिस ने पूरी तत्परता दिखाई और 24 घंटे में ही हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
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वैभव की पहली नियुक्ति ही विवादों में: पौड़ी जिले यमकेश्वर तहसील के उदयपुर पल्ला -2 के निलंबित पटवारी वैभव प्रताप की इस तहसील में पहली नियुक्ति है. वैभव प्रताप की पटवारी पद पर नियुक्ति वर्ष 2018-19 में हुई थी. वैभव हरिद्वार जिले के भगवानपुर क्षेत्र का रहने वाला है.

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