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पौड़ीः बहू ने ससुराल में शुरू किया स्वरोजगार, हर महीने कमा रहीं 15 से 20 हजार - पौड़ी न्यूज

सोनी बिष्ट रावत (25) चमोली के जोशीमठ के रंगी गांव से ताल्लुक रखती है. जिसकी शादी हाल ही में पौड़ी में हुई है. शादी के बाद सोनी बिष्ट अपने ससुराल पौड़ी में रहती है. जहां पर सोनी ने अपने परिवार के साथ मिलकर मशरूम का काम शुरू किया है. जिससे वो हर महीने करीब 15 से 20 हजार रुपये कमा रही हैं.

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Published : Oct 2, 2019, 9:40 PM IST

Updated : Oct 2, 2019, 11:20 PM IST

पौड़ीः पहाड़ का युवा वर्ग आज रोजगार की तलाश में मैदानी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहा है. जिससे पहाड़ दिनोंदिन खाली होते जा रहे हैं, लेकिन पौड़ी की सोनी बिष्ट युवाओं के लिए एक नजीर बनी हुई है. यहां पर सोनी ने शादी के एक महीने बाद ही ससुराल में मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया है. जिससे वो हर महीने करीब 15 से 20 हजार रुपये कमा रही हैं. सोनी का कहना है कि सभी लोगों को स्वरोजगार की मदद से अपने घर के आसपास ही काम शुरू करना चाहिए. जिससे आमदनी के साथ पलायन पर भी रोक लग सके. वहीं, सोनी के इस काम से अन्य युवा वर्ग भी प्रेरित हो रहे हैं.

सोनी बिष्ट ने शुरू किया मशरूम से स्वरोजगार.

दरअसल, सोनी बिष्ट रावत (25) चमोली के जोशीमठ के रंगी गांव से ताल्लुक रखती है. जिसकी शादी हाल ही में पौड़ी में हुई है. शादी के बाद सोनी बिष्ट अपने ससुराल पौड़ी में रहती है. जहां पर सोनी ने अपने परिवार के साथ मिलकर मशरूम का काम शुरू किया है.

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सोनी बिष्ट रावत.

ये भी पढ़ेंः गांधी @ 150 : रामोजी ग्रुप के चेयरमैन रामोजी राव ने लॉन्च किया बापू का प्रिय भजन

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सोनी ने बताया कि वो मशरूम गर्ल दिव्या रावत से प्रेरित होकर ही मशरूम की खेती करना चाहती थी. जिसे लेकर उन्होंने अपने ससुराल पक्ष से बात की. शादी होने के बाद मशरूम के काम में उनके ससुराल पक्ष के सभी लोगों ने पूरा सहयोग किया. जिसके बाद उन्होंने शुरुआती समय में 30 बैग से मशरूम की खेती का काम शुरू किया.

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मशरूम के साथ सोनी बिष्ट रावत.

सोनी बिष्ट ने बताया कि अब वो हर महीने करीब 15 से 20 हजार कमा रही हैं. आने वाले समय में इस काम को बढ़ाना चाहती हैं. जिससे अन्य लोग भी इस स्वरोजगार अपना सकें. सोनी बताती हैं कि वो पहाड़ी जिले की रहने वाली है. ऐसे में पहाड़ों पर खेती और पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं.

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मशरूम के लिए सामान तैयार करती सोनी बिष्ट रावत.

ये भी पढ़ेंः रामपुर तिराहा कांड: शहीदों को दी श्रद्धांजलि, आंदोलनकारी बोले- नहीं हुआ न्याय

साथ ही कहा कि उनके मायके चमोली में सेब, आलू मटर की अच्छी खेती हो सकती है. बस सभी को इच्छा शक्ति दिखाने की जरुरत है. सभी लोगों को स्वरोजगार की मदद से अपने घर के पास ही काम शुरू करना चाहिए. जिससे वो अपने घर में अच्छी आमदनी कमा सकें और लगातार हो रहे पलायन भी ब्रेक लगे.

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मशरूम उत्पादन के लिए बैग तैयार करती सोनी बिष्ट.

वहीं, सोनी बिष्ट के देवर अभिषेक रावत ने कहा कि वो पहले पढ़ाई करने के बाद शहर में काम कर रहे थे, लेकिन मशरूम की खेती करने के सुझाव के बाद उन्होंने पहाड़ में रहकर स्वरोजगार अपनाने का निर्णय लिया है. साथ ही कि आज वो प्रतिमाह 20 किलो मशरूम बाजार में बेच रहे हैं. बाजार में मशरूम की काफी डिमांड भी मिल रही है.

पौड़ीः पहाड़ का युवा वर्ग आज रोजगार की तलाश में मैदानी क्षेत्रों की ओर रुख कर रहा है. जिससे पहाड़ दिनोंदिन खाली होते जा रहे हैं, लेकिन पौड़ी की सोनी बिष्ट युवाओं के लिए एक नजीर बनी हुई है. यहां पर सोनी ने शादी के एक महीने बाद ही ससुराल में मशरूम उत्पादन का काम शुरू किया है. जिससे वो हर महीने करीब 15 से 20 हजार रुपये कमा रही हैं. सोनी का कहना है कि सभी लोगों को स्वरोजगार की मदद से अपने घर के आसपास ही काम शुरू करना चाहिए. जिससे आमदनी के साथ पलायन पर भी रोक लग सके. वहीं, सोनी के इस काम से अन्य युवा वर्ग भी प्रेरित हो रहे हैं.

सोनी बिष्ट ने शुरू किया मशरूम से स्वरोजगार.

दरअसल, सोनी बिष्ट रावत (25) चमोली के जोशीमठ के रंगी गांव से ताल्लुक रखती है. जिसकी शादी हाल ही में पौड़ी में हुई है. शादी के बाद सोनी बिष्ट अपने ससुराल पौड़ी में रहती है. जहां पर सोनी ने अपने परिवार के साथ मिलकर मशरूम का काम शुरू किया है.

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सोनी बिष्ट रावत.

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ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए सोनी ने बताया कि वो मशरूम गर्ल दिव्या रावत से प्रेरित होकर ही मशरूम की खेती करना चाहती थी. जिसे लेकर उन्होंने अपने ससुराल पक्ष से बात की. शादी होने के बाद मशरूम के काम में उनके ससुराल पक्ष के सभी लोगों ने पूरा सहयोग किया. जिसके बाद उन्होंने शुरुआती समय में 30 बैग से मशरूम की खेती का काम शुरू किया.

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मशरूम के साथ सोनी बिष्ट रावत.

सोनी बिष्ट ने बताया कि अब वो हर महीने करीब 15 से 20 हजार कमा रही हैं. आने वाले समय में इस काम को बढ़ाना चाहती हैं. जिससे अन्य लोग भी इस स्वरोजगार अपना सकें. सोनी बताती हैं कि वो पहाड़ी जिले की रहने वाली है. ऐसे में पहाड़ों पर खेती और पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं.

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मशरूम के लिए सामान तैयार करती सोनी बिष्ट रावत.

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साथ ही कहा कि उनके मायके चमोली में सेब, आलू मटर की अच्छी खेती हो सकती है. बस सभी को इच्छा शक्ति दिखाने की जरुरत है. सभी लोगों को स्वरोजगार की मदद से अपने घर के पास ही काम शुरू करना चाहिए. जिससे वो अपने घर में अच्छी आमदनी कमा सकें और लगातार हो रहे पलायन भी ब्रेक लगे.

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मशरूम उत्पादन के लिए बैग तैयार करती सोनी बिष्ट.

वहीं, सोनी बिष्ट के देवर अभिषेक रावत ने कहा कि वो पहले पढ़ाई करने के बाद शहर में काम कर रहे थे, लेकिन मशरूम की खेती करने के सुझाव के बाद उन्होंने पहाड़ में रहकर स्वरोजगार अपनाने का निर्णय लिया है. साथ ही कि आज वो प्रतिमाह 20 किलो मशरूम बाजार में बेच रहे हैं. बाजार में मशरूम की काफी डिमांड भी मिल रही है.

Intro:पहाड़ का युवा वर्ग आज रोजगार की तलाश में मैदानी क्षेत्रों की तरफ रुख कर रहा है जिससे कि हमारे पहाड़ दिनों दिन खाली होते जा रहे हैं। जनपद चमोली के जोशीमठ की रहने वाली सोनी बिष्ट रावत अब शादी के बाद अपने ससुराल पौड़ी में रहती है और अपने परिवार के साथ मिलकर मशरूम के क्षेत्र में काफी बेहतर काम कर रही हैं और हर महीने करीब 15 से 20 हजार तक आमदनी कमा रही हैं। जिससे अन्य युवा वर्ग भी इनसे प्रेरित होकर मशरूम का काम करना चाहते हैं वही सोनी ने बताया कि वह मशरूम गर्ल दिव्या रावत से प्रेरित होकर ही मशरूम की खेती करना चाहती थी और उनके ससुराल पक्ष की पूरी मदद के बाद ही यह सब संभव हो पाया है।


Body:सोनी बिष्ट रावत ने बताया कि वह चमोली जनपद के जोशीमठ की रहने वाली हैं और विवाह से पहले भी वह मशरूम की खेती के बारे में अपने ससुराल पक्ष से बात कर रही थी शादी होने के बाद उनके देवर ने उनकी पूरी मदद की और शुरुआत में 30 बैग से मशरूम की खेती का काम किया। मशरूम के काम में उनके ससुराल पक्ष के सभी जनों ने उनका पूरा सहयोग किया जिसके बाद यह संभव हो पाया है कि वह हर महीने करीब 15 से 20 हजार कमा रही हैं और आने वाले समय में इस काम को और बढ़ाना चाहते हैं ताकि वह परिवार के अलावा अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़कर स्वरोजगार के क्षेत्र में उन्हें प्रेरित करें और हर महीने उनकी आमदनी बढ़ सके ताकि उन्हें अन्य शहरों में जाकर रोजगार न करना पड़े और पहाड़ के पलायन को रोका जा सके।


Conclusion:25 वर्षीय सोनी बताती हैं कि वह भी पहाड़ी जनपद की रहने वाली है और वहां पर भी सल खेती व पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं सभी लोगों को स्वरोजगार की मदद से अपने घर के पास ही काम करना चाहिए ताकि वह अपने घर के पास रहकर अच्छी आमदनी कमा सकें और उनके क्षेत्र से पलायन भी ना हो। सोनी बिष्ट के देवर अभिषेक रावत ने कहा कि वह पहले पढ़ाई करने के बाद बाहर शहर में काम कर रहे थे लेकिन मशरूम की खेती करने के सुझाव के बाद उन्होंने निर्णय लिया कि वह पहाड़ में रहकर स्वरोजगार अपनाए। मशरूम की शुरुआत के बाद आज
वह प्रतिमाह 20 किलो मशरूम बाजार में बेच रहे हैं और बाजार से काफी मांग भी उन्हें प्राप्त हो रही है भाभी और परिवार के साथ मिलकर मशरूम का काम कर रहे हैं जिससे उन्हें प्रतिमाह करीब 15 से 20 हजार की आमदनी प्राप्त हो रही है।
बाईट-अभिषेक रावत
बाईट-विमला देवी
वन टू वन-सिद्धांत उनियाल
Last Updated : Oct 2, 2019, 11:20 PM IST
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