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अंकिता हत्याकांड: यमकेश्वर विधायक को अभियुक्त बनाने की मांग, कोटद्वार कोर्ट में पत्र दाखिल - ankita bhandari murder case

अंकिता हत्याकांड में यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट (MLA Renu Bisht) के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अधिवक्ता प्रवेश रावत ने कोर्ट में पत्र दाखिल किया है. उनका कहना है कि यमकेश्वर विधायक ने सबूतों से छेड़छाड़ करने के इरादे से वनंत्रा रिजॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया था. कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है. अब मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.

MLA Renu Bisht
कोटद्वार
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Published : Oct 14, 2022, 1:39 PM IST

कोटद्वार: अंकिता भंडारी हत्याकांड में यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट (MLA Renu Bisht) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. कोटद्वार कोर्ट में अधिवक्ता प्रवेश रावत ने यमकेश्वर विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पत्र दाखिल किया है. उनका कहना है कि अंकिता भंडारी की हत्या के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के इरादे से यमकेश्वर विधायक ने वनंत्रा रिजॉर्ट में बुलडोजर चलवा दिया था.

कोटद्वार अधिवक्ता प्रवेश रावत (Advocate Pravesh Rawat) ने बताया कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार विधायक रेनू बिष्ट को आरोपी बनाए जाने को लेकर एसएसपी पौड़ी और कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी को प्रार्थना पत्र दिया है. पौड़ी एसएसपी ने पत्र को अस्वीकार कर दिया लेकिन कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है. अब मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.

यमकेश्वर विधायक को अभियुक्त बनाने की मांग.

बिना प्रशासन के अनुमति चलावाया बुलडोजर: वहीं, अधिवक्ता प्रवेश रावत ने बताया कि यमकेश्वर विधायक ने प्रशासन की अनुमति के बिना वनंत्रा रिजॉर्ट में अंकिता के कमरे को बुलडोजर से तोड़ दिया गया. उन्होने कहा कि अंकिता हत्याकांड में अभियुक्त का सहयोग करते हुए रिजॉर्ट को तोड़ा गया. अंकिता के कमरे में हत्या के सबूत हो सकते थे. रिजॉर्ट के कमरे सील किये बिना ही यमकेश्वर विधायक ने अभियुक्त के साथ षडयंत्र के तहत तुड़वा दिया‌.

अधिवक्ता प्रवेश रावत ने कोर्ट से मांग की कि उन दोषियों को भी सजा हो और जिन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. उन पर भी मुकदमा कायम होना चाहिए. कोटद्वार न्यायालय ने 18 अक्टूबर को अग्रिम तारीख मुकर्रर की है, जिसमें यमकेश्वर तहसीलदार को अवगत कराया कि हत्याकांड के सबूतों से छेड़छाड़ के साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत करें.
पढे़ं- अंकिता हत्याकांड: उत्तराखंड पर्यटन नियमों के तहत पंजीकृत नहीं था वनंत्रा रिजॉर्ट, फायर NOC भी नहीं

क्या है मामला: 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिजॉर्ट में आने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करे, लेकिन अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया और नौकरी छोड़ने का फैसला भी ले लिया था. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी.

पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका और रिजॉर्ट में होने वाले अनैतिक कामों का पर्दाफाश कर देगी. इसी वजह से 18 सितंबर देर शाम को पुलकित बहस के बाद अंकिता को काम के बहाने रिजॉर्ट से बाहर ले गया और आरोप है कि ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी.

पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने उसका साथ दिया था. अंकिता की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इस पूरे कांड से पर्दा उठा था. अभी तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद हैं.

कोटद्वार: अंकिता भंडारी हत्याकांड में यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट (MLA Renu Bisht) की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. कोटद्वार कोर्ट में अधिवक्ता प्रवेश रावत ने यमकेश्वर विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पत्र दाखिल किया है. उनका कहना है कि अंकिता भंडारी की हत्या के बाद सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के इरादे से यमकेश्वर विधायक ने वनंत्रा रिजॉर्ट में बुलडोजर चलवा दिया था.

कोटद्वार अधिवक्ता प्रवेश रावत (Advocate Pravesh Rawat) ने बताया कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार विधायक रेनू बिष्ट को आरोपी बनाए जाने को लेकर एसएसपी पौड़ी और कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी को प्रार्थना पत्र दिया है. पौड़ी एसएसपी ने पत्र को अस्वीकार कर दिया लेकिन कोटद्वार न्यायिक मजिस्ट्रेट ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया है. अब मामले की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.

यमकेश्वर विधायक को अभियुक्त बनाने की मांग.

बिना प्रशासन के अनुमति चलावाया बुलडोजर: वहीं, अधिवक्ता प्रवेश रावत ने बताया कि यमकेश्वर विधायक ने प्रशासन की अनुमति के बिना वनंत्रा रिजॉर्ट में अंकिता के कमरे को बुलडोजर से तोड़ दिया गया. उन्होने कहा कि अंकिता हत्याकांड में अभियुक्त का सहयोग करते हुए रिजॉर्ट को तोड़ा गया. अंकिता के कमरे में हत्या के सबूत हो सकते थे. रिजॉर्ट के कमरे सील किये बिना ही यमकेश्वर विधायक ने अभियुक्त के साथ षडयंत्र के तहत तुड़वा दिया‌.

अधिवक्ता प्रवेश रावत ने कोर्ट से मांग की कि उन दोषियों को भी सजा हो और जिन्होंने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. उन पर भी मुकदमा कायम होना चाहिए. कोटद्वार न्यायालय ने 18 अक्टूबर को अग्रिम तारीख मुकर्रर की है, जिसमें यमकेश्वर तहसीलदार को अवगत कराया कि हत्याकांड के सबूतों से छेड़छाड़ के साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत करें.
पढे़ं- अंकिता हत्याकांड: उत्तराखंड पर्यटन नियमों के तहत पंजीकृत नहीं था वनंत्रा रिजॉर्ट, फायर NOC भी नहीं

क्या है मामला: 19 साल की अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये रिजॉर्ट बीजेपी के बड़े नेता विनोद आर्य के छोटे बेटे पुलकित आर्य का था. आरोप है कि पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी पर दबाव बनाया था कि वो रिजॉर्ट में आने वाले ग्राहकों के साथ गलत काम करे, लेकिन अंकिता भंडारी ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया और नौकरी छोड़ने का फैसला भी ले लिया था. इसी बात को लेकर अंकिता भंडारी और पुलकित आर्य के बीच बहस भी हुई थी.

पुलकित आर्य को डर था कि अंकिता उसका और रिजॉर्ट में होने वाले अनैतिक कामों का पर्दाफाश कर देगी. इसी वजह से 18 सितंबर देर शाम को पुलकित बहस के बाद अंकिता को काम के बहाने रिजॉर्ट से बाहर ले गया और आरोप है कि ऋषिकेश के पास चीला नहर में धक्का देकर उसकी हत्या कर दी.

पुलकित आर्य के इस घिनौने कृत्य में उसके दो मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता ने उसका साथ दिया था. अंकिता की लाश 24 सितंबर को चीला नहर से मिली थी. पुलिस ने तीनों आरोपियों को 23 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद इस पूरे कांड से पर्दा उठा था. अभी तीनों आरोपी पौड़ी जेल में बंद हैं.

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