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बाघ की दहशत से मुक्त हुआ रिखणीखाल, कभी लगाना पड़ा था कर्फ्यू, जानें पूरा मामला - Tiger

पौड़ी के रिखणीखाल में आतंक का पर्याय बन चुके दूसरे बाघ को भी वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है. बाघ को रेस्क्यू सेंटर में रखा गया है. इससे पहले एक बाघ को टीम पहले ही पकड़ चुकी है. इन बाघों के कारण क्षेत्र में कर्फ्यू लगाया गया था.

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Published : Jul 4, 2023, 8:27 PM IST

पौड़ी: जिले के रिखणीखाल ब्लॉक के अंतर्गत कई गांवों में दहशत मचाने वाले बाघ को वन विभाग की टीम ने आखिर में पकड़ लिया है. इससे क्षेत्र में अब फिलहाल दहशत का माहौल कम हो गया है. क्षेत्र में दो बाघ सक्रिय थे. इससे पहले वन विभाग की टीम ने एक बाघ को पहले ही कैद कर लिया था.

वन विभाग के मुताबिक, पकड़ा गया बाघ करीब डेढ़ साल का है, हालांकि, बाघ शिकार करने में पूरी तरह सक्षम नहीं है. लिहाजा, बाघ इस स्थिति में आसान शिकार को ही निवाला बनाता है. गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ केएन भारती ने बताया कि सोमवार देर रात मुछेल ग्राम पंचायत के गले गांव में बाघ को ट्रैंक्यूलाइज करने में सफलता हासिल हुई. बाघ को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है.

13 अप्रैल को बनाया पहला निवाला: पौड़ी जिले के कॉर्बेट टाइगर रिवर्ज क्षेत्र से सटे रिखणीखाल विकासखंड के डल्ला गांव में बाघ ने 13 अप्रैल 2023 को एक व्यक्ति को निवाला बनाया था. इतना ही नहीं, इसके महज दो दिन बाद यानी 16 अप्रैल को नैनीडांडा ब्लॉक के भेड़गांव में फिर बाघ ने एक और व्यक्ति को भी मौत के घाट उतार दिया था. बाघ की एक के बाद एक घटना से आस-पास के सभी गांवों में दहशत बनी हुई थी. इन घटनाओं और बाघ की सक्रियता के मद्देनजर प्रशासन ने कर्फ्यू लगाना शुरू कर दिया था साथ ही आस-पास के दो दर्जन से अधिक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था.

ये भी पढ़ेंः 68 साल के बुजुर्ग का आदमखोर से हुआ आमना-सामना, उल्टे पांव भागने को मजबूर हुआ बाघ

26 अप्रैल को कैद हुआ पहला बाघ: रिखणीखाल और नैनीडांडा ब्लॉक में बाघ की सक्रियता के चलते वन विभाग की छोटी-छोटी टीमों ने इन क्षेत्रों में डेरा जमा लिया था. वन विभाग ने बाघ की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी मशक्कत के बाद 26 अप्रैल को ट्रैंक्यूलाइज कर पहला बाघ पकड़ा था. लेकिन इसके वन विभाग को कुछ दिन बाद ही दूसरा बाघ भी घुमता दिखाई दिया. इस पर ग्रामीणों ने इसे भी पकड़ने की गुहार वन विभाग से लगाई. ग्रामीणों द्वारा बनाया गया बाघ का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. बाद में वन विभाग ने इसके सही होने की पुष्टि कर दी थी.

पौड़ी: जिले के रिखणीखाल ब्लॉक के अंतर्गत कई गांवों में दहशत मचाने वाले बाघ को वन विभाग की टीम ने आखिर में पकड़ लिया है. इससे क्षेत्र में अब फिलहाल दहशत का माहौल कम हो गया है. क्षेत्र में दो बाघ सक्रिय थे. इससे पहले वन विभाग की टीम ने एक बाघ को पहले ही कैद कर लिया था.

वन विभाग के मुताबिक, पकड़ा गया बाघ करीब डेढ़ साल का है, हालांकि, बाघ शिकार करने में पूरी तरह सक्षम नहीं है. लिहाजा, बाघ इस स्थिति में आसान शिकार को ही निवाला बनाता है. गढ़वाल वन प्रभाग के डीएफओ केएन भारती ने बताया कि सोमवार देर रात मुछेल ग्राम पंचायत के गले गांव में बाघ को ट्रैंक्यूलाइज करने में सफलता हासिल हुई. बाघ को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया गया है.

13 अप्रैल को बनाया पहला निवाला: पौड़ी जिले के कॉर्बेट टाइगर रिवर्ज क्षेत्र से सटे रिखणीखाल विकासखंड के डल्ला गांव में बाघ ने 13 अप्रैल 2023 को एक व्यक्ति को निवाला बनाया था. इतना ही नहीं, इसके महज दो दिन बाद यानी 16 अप्रैल को नैनीडांडा ब्लॉक के भेड़गांव में फिर बाघ ने एक और व्यक्ति को भी मौत के घाट उतार दिया था. बाघ की एक के बाद एक घटना से आस-पास के सभी गांवों में दहशत बनी हुई थी. इन घटनाओं और बाघ की सक्रियता के मद्देनजर प्रशासन ने कर्फ्यू लगाना शुरू कर दिया था साथ ही आस-पास के दो दर्जन से अधिक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था.

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26 अप्रैल को कैद हुआ पहला बाघ: रिखणीखाल और नैनीडांडा ब्लॉक में बाघ की सक्रियता के चलते वन विभाग की छोटी-छोटी टीमों ने इन क्षेत्रों में डेरा जमा लिया था. वन विभाग ने बाघ की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी मशक्कत के बाद 26 अप्रैल को ट्रैंक्यूलाइज कर पहला बाघ पकड़ा था. लेकिन इसके वन विभाग को कुछ दिन बाद ही दूसरा बाघ भी घुमता दिखाई दिया. इस पर ग्रामीणों ने इसे भी पकड़ने की गुहार वन विभाग से लगाई. ग्रामीणों द्वारा बनाया गया बाघ का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. बाद में वन विभाग ने इसके सही होने की पुष्टि कर दी थी.

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