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गाजा से लेकर अलेप्पो तक, युद्ध में तबाह हुए ये शहर - DEVASTATED CITIES

हाल के वर्षों में हुए संघर्षों में कई मलबे में तब्दील हो गए हैं. इन शहरों में गाजा, रक्का और अलेप्पो शामिल हैं.

isarel Attack
इजराइल के हमले में हुई तबाही (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 30, 2025, 3:22 PM IST

हैदराबाद: शहर आर्थिक विकास के वाहक होते हैं और बड़ी आबादी का भरण-पोषण करते हैं. हालांकि, कई शहर हाल के वर्षों में हुए संघर्षों में मलबे में तब्दील हो गए हैं, चाहे वह सीरिया का अलेप्पो हो या फिलीस्तीन का गाजा. वहीं, यूक्रेन-रूस संघर्ष में भी यूक्रेन के भी कई शहर बर्बाद हो गए.

इन शहरों के बुनियादी ढांचे को बनाने में सालों लगे थे, वह मलबे में तब्दील हो गए, लाखों लोग विस्थापित हो गए और युद्ध के पागलपन में हजारों लोग मारे गए. आज हम हम उन शहरों पर नजर डालने जा हैं, जो हाल के वर्षों में संघर्षों के दौरान पहचान से परे तबाह हो गए.

अलेप्पो (2012-2016)
अलेप्पो एक समय सीरिया का आर्थिक केंद्र था, जो 5 साल के गृहयुद्ध में मलबे में तब्दील हो गया. 2010 में युद्ध-से पहले अलेप्पो की आबादी लगभग 30 लाख 78 हजार थी, जो 2015 में एक मिलियन से भी कम रह गई. इस दौरान 30,000 नागरिकों ने अपनी जान गंवाई. विश्व बैंक ने अनुमान लगाया कि शहर को लगभग 8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.

रक्का
रक्का पर 2013 में सीरियाई विपक्षी बलों ने कब्जा कर लिया था और जनवरी 2014 में ISIS द्वारा कब्जा किए जाने से पहले यह एक विनाशकारी गृहयुद्ध में उलझा हुआ था. उस समय शहर को आतंकवादी समूह ने तथाकथित 'खिलाफत' की राजधानी घोषित किया था. रक्का को एक भूतिया शहर में बदल दिया गया था, इसे अंततः 2017 में ISIS से मुक्त कराया गया.

यहां अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी गठबंधन बलों ने हजारों हवाई हमले किए और अमेरिकी बलों ने रक्का पर हमले के दौरान 30,000 गोले दागने की बात स्वीकार की. अनुमान है कि हमले में 11000 इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं, जिनमें अस्पताल, मस्जिद, स्कूल और पानी की सुविधाएं शामिल हैं.

होम्स
सीरिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर जिसकी युद्ध-से पहले आबादी 1 मिलियन से ज्यादा थी. पांच साल से ज़्यादा चले गृहयुद्ध के दौरान इतनी तबाही देख चुका था कि शहर पहचानना मुश्किल था. संयुक्त राष्ट्र रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिटियूट (UNITAR) ने 2019 में हुई क्षति आकलन किया. इस दौरान उसने पाया गया कि 13,778 इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं. 3,082 पूरी तरह से नष्ट हो गईं, 5,570 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई और 4,946 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा.

रूसी आक्रमण में नष्ट हुए यूक्रेन के शहर
रूसी सैनिकों के आक्रमण के कारण यूक्रेन के छह शहर पूरी तरह से नष्ट हो गए. ये सभी डोनेट्स्क और लुहांस्क ओब्लास्ट में हैं. युद्ध में मारियुपोल, वोल्नोवाखा, रुबिज़्ने, पोपस्ना, लिमन और सिएविएरोडोनेत्स्क पूरी तरह से नष्ट हो गए.

मारियुपोल
यह एक ऐसा शहर है जो युद्ध के पहले दिनों से ही आग की चपेट में है. युद्ध के सबसे भयावह क्षणों में से एक मारियुपोल ड्रामा थिएटर पर खूनी बमबारी थी, जहां लोग गोलाबारी से बचने के लिए छिपे हुए थे. विभिन्न सोर्स के अनुसार ड्रामा थिएटर पर हुए हमले में बच्चों सहित 300 से 600 नागरिक मारे गए थे.

बखमुट
बखमुट यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के सबसे पुराने और सबसे खूबसूरत शहरों में से एक था. वहां अब कुछ भी नहीं है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मई 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ बोलते हुए कहा," युद्ध में सब कुछ नष्ट हो गया. यहां अब कोई इमारतें नहीं हैं. यह अफसोस की बात है, यह एक त्रासदी है, लेकिन आज के लिए, बखमुट केवल हमारे दिलों में है. इस जगह पर कुछ भी नहीं है."

चासिव वार
महीनों से चल रहे रूसी हमलों ने पूर्वी यूक्रेन के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर चासिव वार को तबाह कर दिया है, जिसके कारण इसके 12,000 निवासियों को पलायन करना पड़ा .

डोनेट्स्क का एक शहर, मरिंका
2023 में यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने तस्वीरें शेयर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. ड्रोन द्वारा लिए गए दृश्य दिखाते हैं कि कैसे डोनेट्स्क का एक शहर, मरिंका, जिसमें लगभग 10,000 लोग रहते थे, खंडहर में तब्दील हो गया है. बार-बार हमलों के परिणामस्वरूप घरों के अवशेष अब मलबे से घिरे हुए हैं.

यमन का पुराना शहर सना गृहयुद्ध में तबाह
यूनेस्को आकलन के अनुसार सरकार समर्थक यमनी बलों और हौथी विद्रोहियों के बीच गृहयुद्ध में लगभग 10,000 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं, क्योंकि हौथी विद्रोहियों ने 2014 में देश के अधिकांश हिस्से पर सैन्य कब्जा कर लिया था और सभी उत्तरी प्रांतों पर कब्जा कर लिया था. यमन की संकटग्रस्त सरकार के पूर्ण पतन को रोकने के लिए सऊदी अरब द्वारा सैन्य हस्तक्षेप की अगुआई करने के तुरंत बाद, 2015 से पुराने शहर को 'इन डेंजर'के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

2024 में इजराइल की बमबारी में बेरूत और गाजा तबाह
हिज़्बुल्लाह के खिलाफ अभियान के दौरान इजराइली हमलों से बेरूत के दक्षिणी उपनगर मलबे में तब्दील हो गए. वहीं, इजराइल ने गाजा में 15 महीनों तक की तबाही मचाई और पूरे शहर को निस्तोनाबूद कर दिया.

संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि इस क्षेत्र में पुनर्निर्माण में 15 साल तक का समय लगेगा और इसकी लागत 50 बिलियन डॉलर तक होगी. इस विनाश के कारण गाजा पट्टी में अनुमानतः 42 मिलियन टन मलबा जमा हो गया है.

संयुक्त राष्ट्र के सैटेलाइट सेंटर (UNOSAT) द्वारा विश्लेषित सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार 1 दिसंबर 2024 तक गाजा में लगभग 69 प्रतिशत इमारतें नष्ट हो चुकी थीं या क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं. युद्ध से पहले, क्षेत्र के उत्तर में गाजा शहर में लगभग 600,000 लोग रहते थे. इसकी लगभग तीन-चौथाई इमारतें (74.2 प्रतिशत) क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुकी हैं. पिछले 15 महीनों में, गाजा में कम से कम 46,707 लोग मारे गए हैं, जिनमें लगभग 18,000 बच्चे शामिल हैं.

राफा शहर आधा नष्ट
मिस्र की सीमा पर गाजा के दक्षिणी शहर राफा में भी इजराइली सेना ने मई 2024 की शुरुआत में एक जमीनी हमला किया. राफा में भी दिसंबर 2024 लगभग 48.7 प्रतिशत इमारतें नष्ट हो गई थीं.

ग्रोजनी शहर (पहला चेचन युद्ध)
प्रथम चेचन युद्ध के दौरान ग्रोजनी दिसंबर 1994 से फरवरी 1995 तक चलने वाली एक गहन लड़ाई का स्थल था. .यह जंग रूसी सेना द्वारा शहर पर कब्जा करने के साथ समाप्त हुई. रूसी वायु सेना द्वारा की गई बमबारी ने शहर के अधिकांश हिस्से को नष्ट कर दिया. दिसंबर 1999 में व्लादिमीर पुतिन ने भारी तोपखाने और कई रॉकेट लान्चरों से ग्रोजनी पर बड़े पैमाने पर हमले करके दूसरा युद्ध शुरू किया और शहर को और नष्ट कर दिया.

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हैदराबाद: शहर आर्थिक विकास के वाहक होते हैं और बड़ी आबादी का भरण-पोषण करते हैं. हालांकि, कई शहर हाल के वर्षों में हुए संघर्षों में मलबे में तब्दील हो गए हैं, चाहे वह सीरिया का अलेप्पो हो या फिलीस्तीन का गाजा. वहीं, यूक्रेन-रूस संघर्ष में भी यूक्रेन के भी कई शहर बर्बाद हो गए.

इन शहरों के बुनियादी ढांचे को बनाने में सालों लगे थे, वह मलबे में तब्दील हो गए, लाखों लोग विस्थापित हो गए और युद्ध के पागलपन में हजारों लोग मारे गए. आज हम हम उन शहरों पर नजर डालने जा हैं, जो हाल के वर्षों में संघर्षों के दौरान पहचान से परे तबाह हो गए.

अलेप्पो (2012-2016)
अलेप्पो एक समय सीरिया का आर्थिक केंद्र था, जो 5 साल के गृहयुद्ध में मलबे में तब्दील हो गया. 2010 में युद्ध-से पहले अलेप्पो की आबादी लगभग 30 लाख 78 हजार थी, जो 2015 में एक मिलियन से भी कम रह गई. इस दौरान 30,000 नागरिकों ने अपनी जान गंवाई. विश्व बैंक ने अनुमान लगाया कि शहर को लगभग 8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था.

रक्का
रक्का पर 2013 में सीरियाई विपक्षी बलों ने कब्जा कर लिया था और जनवरी 2014 में ISIS द्वारा कब्जा किए जाने से पहले यह एक विनाशकारी गृहयुद्ध में उलझा हुआ था. उस समय शहर को आतंकवादी समूह ने तथाकथित 'खिलाफत' की राजधानी घोषित किया था. रक्का को एक भूतिया शहर में बदल दिया गया था, इसे अंततः 2017 में ISIS से मुक्त कराया गया.

यहां अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी गठबंधन बलों ने हजारों हवाई हमले किए और अमेरिकी बलों ने रक्का पर हमले के दौरान 30,000 गोले दागने की बात स्वीकार की. अनुमान है कि हमले में 11000 इमारतें क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गईं, जिनमें अस्पताल, मस्जिद, स्कूल और पानी की सुविधाएं शामिल हैं.

होम्स
सीरिया का तीसरा सबसे बड़ा शहर जिसकी युद्ध-से पहले आबादी 1 मिलियन से ज्यादा थी. पांच साल से ज़्यादा चले गृहयुद्ध के दौरान इतनी तबाही देख चुका था कि शहर पहचानना मुश्किल था. संयुक्त राष्ट्र रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिटियूट (UNITAR) ने 2019 में हुई क्षति आकलन किया. इस दौरान उसने पाया गया कि 13,778 इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं. 3,082 पूरी तरह से नष्ट हो गईं, 5,570 गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुई और 4,946 को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा.

रूसी आक्रमण में नष्ट हुए यूक्रेन के शहर
रूसी सैनिकों के आक्रमण के कारण यूक्रेन के छह शहर पूरी तरह से नष्ट हो गए. ये सभी डोनेट्स्क और लुहांस्क ओब्लास्ट में हैं. युद्ध में मारियुपोल, वोल्नोवाखा, रुबिज़्ने, पोपस्ना, लिमन और सिएविएरोडोनेत्स्क पूरी तरह से नष्ट हो गए.

मारियुपोल
यह एक ऐसा शहर है जो युद्ध के पहले दिनों से ही आग की चपेट में है. युद्ध के सबसे भयावह क्षणों में से एक मारियुपोल ड्रामा थिएटर पर खूनी बमबारी थी, जहां लोग गोलाबारी से बचने के लिए छिपे हुए थे. विभिन्न सोर्स के अनुसार ड्रामा थिएटर पर हुए हमले में बच्चों सहित 300 से 600 नागरिक मारे गए थे.

बखमुट
बखमुट यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र के सबसे पुराने और सबसे खूबसूरत शहरों में से एक था. वहां अब कुछ भी नहीं है. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने मई 2023 में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के साथ बोलते हुए कहा," युद्ध में सब कुछ नष्ट हो गया. यहां अब कोई इमारतें नहीं हैं. यह अफसोस की बात है, यह एक त्रासदी है, लेकिन आज के लिए, बखमुट केवल हमारे दिलों में है. इस जगह पर कुछ भी नहीं है."

चासिव वार
महीनों से चल रहे रूसी हमलों ने पूर्वी यूक्रेन के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण शहर चासिव वार को तबाह कर दिया है, जिसके कारण इसके 12,000 निवासियों को पलायन करना पड़ा .

डोनेट्स्क का एक शहर, मरिंका
2023 में यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने तस्वीरें शेयर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया. ड्रोन द्वारा लिए गए दृश्य दिखाते हैं कि कैसे डोनेट्स्क का एक शहर, मरिंका, जिसमें लगभग 10,000 लोग रहते थे, खंडहर में तब्दील हो गया है. बार-बार हमलों के परिणामस्वरूप घरों के अवशेष अब मलबे से घिरे हुए हैं.

यमन का पुराना शहर सना गृहयुद्ध में तबाह
यूनेस्को आकलन के अनुसार सरकार समर्थक यमनी बलों और हौथी विद्रोहियों के बीच गृहयुद्ध में लगभग 10,000 इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं, क्योंकि हौथी विद्रोहियों ने 2014 में देश के अधिकांश हिस्से पर सैन्य कब्जा कर लिया था और सभी उत्तरी प्रांतों पर कब्जा कर लिया था. यमन की संकटग्रस्त सरकार के पूर्ण पतन को रोकने के लिए सऊदी अरब द्वारा सैन्य हस्तक्षेप की अगुआई करने के तुरंत बाद, 2015 से पुराने शहर को 'इन डेंजर'के रूप में वर्गीकृत किया गया है.

2024 में इजराइल की बमबारी में बेरूत और गाजा तबाह
हिज़्बुल्लाह के खिलाफ अभियान के दौरान इजराइली हमलों से बेरूत के दक्षिणी उपनगर मलबे में तब्दील हो गए. वहीं, इजराइल ने गाजा में 15 महीनों तक की तबाही मचाई और पूरे शहर को निस्तोनाबूद कर दिया.

संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है कि इस क्षेत्र में पुनर्निर्माण में 15 साल तक का समय लगेगा और इसकी लागत 50 बिलियन डॉलर तक होगी. इस विनाश के कारण गाजा पट्टी में अनुमानतः 42 मिलियन टन मलबा जमा हो गया है.

संयुक्त राष्ट्र के सैटेलाइट सेंटर (UNOSAT) द्वारा विश्लेषित सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार 1 दिसंबर 2024 तक गाजा में लगभग 69 प्रतिशत इमारतें नष्ट हो चुकी थीं या क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं. युद्ध से पहले, क्षेत्र के उत्तर में गाजा शहर में लगभग 600,000 लोग रहते थे. इसकी लगभग तीन-चौथाई इमारतें (74.2 प्रतिशत) क्षतिग्रस्त या नष्ट हो चुकी हैं. पिछले 15 महीनों में, गाजा में कम से कम 46,707 लोग मारे गए हैं, जिनमें लगभग 18,000 बच्चे शामिल हैं.

राफा शहर आधा नष्ट
मिस्र की सीमा पर गाजा के दक्षिणी शहर राफा में भी इजराइली सेना ने मई 2024 की शुरुआत में एक जमीनी हमला किया. राफा में भी दिसंबर 2024 लगभग 48.7 प्रतिशत इमारतें नष्ट हो गई थीं.

ग्रोजनी शहर (पहला चेचन युद्ध)
प्रथम चेचन युद्ध के दौरान ग्रोजनी दिसंबर 1994 से फरवरी 1995 तक चलने वाली एक गहन लड़ाई का स्थल था. .यह जंग रूसी सेना द्वारा शहर पर कब्जा करने के साथ समाप्त हुई. रूसी वायु सेना द्वारा की गई बमबारी ने शहर के अधिकांश हिस्से को नष्ट कर दिया. दिसंबर 1999 में व्लादिमीर पुतिन ने भारी तोपखाने और कई रॉकेट लान्चरों से ग्रोजनी पर बड़े पैमाने पर हमले करके दूसरा युद्ध शुरू किया और शहर को और नष्ट कर दिया.

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