हैदराबाद: पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ के पीड़ितों की सहायता के लिए ईनाडु ग्रुप ऑफ कंपनीज की तरफ से शुरू की गई बाढ़ राहत कोष में 9.43 करोड़ की राशि जमा हो गई है. अगस्त और सितंबर में आई बाढ़ ने आंध्र प्रदेश के कृष्णा और गुंटूर जिलों और तेलंगाना के वारंगल, खम्मम और नलगोंडा जिलों को बुरी तरह प्रभावित किया.
बाढ़ से विजयवाड़ा शहर बुरी तरह प्रभावित हुआ था. वहीं, बुडामेरु और मुन्नरू नदियों के उफान पर होने से उपनगरीय कॉलोनियां जलमग्न हो गई थी. बाढ़ के असर ने आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त करके रख दिया था. घर, दुकानें और छोटे उद्योग कई दिनों तक पानी में डूबे रहे, जिससे कई परिवार संकट में पड़ गए. खेतों के बड़े हिस्से पानी में डूब गए और खड़ी फसलें नष्ट हो गईं.
रेत और कीचड़ की वजह से उस जमीन पर खेती करना असंभव हो गया. इतना ही नहीं कई लोगों ने अपनी आजीविका के साधन खो दिए और उनके पास कुछ भी नहीं बचा. वे आज बेसब्री से सहायता का इंतजार कर रहे हैं.
ऐसे समय में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए, रामोजी ग्रुप ऑफ कंपनीज़ ने 4 सितंबर को 5 करोड़ रुपये का योगदान देकर और एक राहत कोष शुरू करके पहल की. जनता के अपार समर्थन की बदौलत, अब कुल निधि 9 करोड़ 43 लाख 51 हजार 615 रुपये तक पहुंच गई है. इसके साथ ही, यह कोष आधिकारिक रूप से बंद हो गया है.
ईनाडु ग्रुप ऑफ कंपनीज की ओर से, उन सभी लोगों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की गई है, जिन्होंने बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए करुणा की भावना के साथ योगदान दिया. आने वाले दिनों में, इस पहल द्वारा वित्तपोषित पुनर्वास कार्यक्रमों पर अपडेट ईनाडु, ईटीवी और ईटीवी भारत के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे."
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