कोटद्वार: बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए जिला प्रशासन ने तीन नदियों में छह जगहों पर रीवर ट्रेनिंग के तहत चैनलाइज का काम जल्द ही शुरू करने जा रहा है. इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इसके तहत नदियों से रीवर बेड मेटेरियल (आरबीएम) हटाने के लिए खुली बोली एक सप्ताह के भीतर तहसील परिसर में की जाएगी.
बाढ़ से कोटद्वार भाबर की आबादी को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने खोह, सुखरो, सिगड्डी स्रोत नदी में रीवर ट्रेनिंग नीति के अनुसार चैनेलाइज का कार्य शुरू करने के लिए तैयारियां पूरी कर ली है. नदियों से आरबीएम हटाने के लिये खुली बोली एक सप्ताह के अंदर तहसील परिसर में की जायेगी.
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि चैनलाइज का कार्य बिना मशीनों का संभव नहीं है. जिसके कारण नदियों में जमा रीवर बेड मेटेरियल हटाने के लिए मशीनों की उपयोग की अनुमति इस बार शासन ने ही प्रदान कर दी है. चैनलाइज के कार्य से बाढ़ का खतरा काफी हद तक टल जाता है.
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औद्योगिक विकास अनुभाग द्वारा कोटद्वार भाबर की खोह, सुखरो नदी व सिगड्डी स्रोत नदी में अधिक सिल्ट जमा होने के कारण भू कटाव एवं जानमाल का खतरा रहता है. इसके चलते चैनलाइज का कार्य करवाया जा रहा है. कोटद्वार के तीन नदियों में छह जगहों पर रीवर ट्रेनिंग नीति के अंतर्गत चैनेलाइज का कार्य के लिए खुली नीलामी 27 फरवरी को जाएगी. नीलामी कोटद्वार उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी के द्वारा तहसील सभागार में की जाएगी.
पौड़ी जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. उसके बाद तत्काल रीवर ट्रेनिंग नीति के अंतर्गत कार्य शुरू कर दिया जाएगा.