देहरादून: काशीपुर की शायरा बानो ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की. उन्होंने राज्य में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. शायरा बानो ने तीन तलाक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ी थी. यूसीसी में भी तीन तलाक को लेकर सख्त प्रावधान रखा गया है.
शायरा बानो ने यूसीसी पर सीएम का आभार जताया: मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए शायरा बानो ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य में महिलाओं को समान अधिकार मिलेंगे. उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से राज्य की महिलाओं में खुशी का माहौल है. शायरा बानो ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से समाज में समानता स्थापित होगी. इससे देश और राज्य को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी.
Dehradun | Shayra Bano of Kashipur met Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami at the Chief Minister's residence and expressed her gratitude to the Chief Minister for implementing UCC in the state.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 6, 2025
Expressing her gratitude to the Chief Minister, Shayra Bano said that with… pic.twitter.com/zD9fWLcUbg
उत्तराखंड में 27 जनवरी को लागू हुआ था UCC: गौरतलब है कि उत्तराखंड में इसी साल 27 जनवरी से यूसीसी लागू हुआ है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 जनवरी को राज्य में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी के आधिकारिक कार्यान्वयन की घोषणा की थी. इसके साथ ही उत्तराखंड में हर साल 27 जनवरी को 'यूसीसी दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा भी की गई थी. उत्तराखंड सरकार के अनुसार यूसीसी अधिनियम राज्य के सम्पूर्ण क्षेत्र पर लागू होता है. उत्तराखंड से बाहर रहने वाले राज्य के निवासियों पर भी ये प्रभावी है. इसमें ट्रिपल तलाक और बहु विवाह को लेकर भी सख्त प्रावधान हैं.
शायरा बानो भी तीन तलाक पीड़ित रही हैं: गौरतलब है कि शायरा बानो भी एक ट्रिपल तलाक पीड़ित हैं. शायरा बानो ने ट्रिपल तलाक और बहुविवाह के खिलाफ लंबी कानूनी लड़ाई में एक निर्णायक और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. शायरा के शौहर ने उन्हें टेलीग्राम से तीन तलाक दे दिया था.
शायरा बानो की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक ठहराया था: फरवरी 2016 वर्ष में ट्रिपल तलाक, बहुविवाह और निकाह, हलाला पर प्रतिबंध लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के तुरंत बाद शायरा बानो को उनके पति ने ट्रिपल तलाक दे दिया था. उन्होंने फरवरी 2016 में सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका दायर कर तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी थी. याचिकाकर्ता शायरा बानो का तर्क था कि इस प्रकार का तलाक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है और ये प्रथाएं संविधान के तहत संरक्षित नहीं हैं. 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने 3:2 बहुमत से तीन तलाक की प्रथा को असंवैधानिक घोषित कर दिया था.
(एएनआई इनपुट)
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