नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर सीबीएसई के रीजनल अधिकारी देहरादून को 22 फरवरी हाईकोर्ट में तलब किया है. मामले में देहरादून प्रेमनगर के दी ल्यूसेंट इंटरनेशनल स्कूल के 86 छात्रों ने न्यायालय के समक्ष याचिका दायर कर सीबीएसई 12वीं की बोर्ड परीक्षा सत्र 2022-23 में पंजीकरण एवं उपस्थित होने की अनुमति हेतु निर्देश जारी करने की प्रार्थना की थी.
22 दिसंबर 2022 को हाईकोर्ट ने सीबीएसई से याचिकाकर्ताओं को अंतरिम छात्र पंजीकरण संख्या जारी करने और उन्हें प्रैक्टिकल परीक्षा एवं बोर्ड परीक्षा 2022-23 की अनुमति देने के आदेश दिए थे. याचिकाकर्ताओं के वकील डॉ कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि ल्यूसेंट इंटरनेशनल स्कूल देहरादून ने ट्रांसफर केस के रूप में सीधे बारहवीं कक्षा में 86 छात्रों को प्रवेश दिया था.
सभी छात्रों ने अपने ग्यारहवीं कक्षा की मार्कशीट और वैध टीसी प्रवेश के समय स्कूल प्रंबधन के समय जमा किए थे. उन्होंने आगे बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद, क्षेत्रीय अधिकारी सीबीएसई ने इसका पालन नहीं किया. न्यायालय को सूचित किया है कि न्यायालय के आदेश का जानबूझकर पालन न करने के कारण छात्र अपनी प्रैक्टिकल परीक्षा नहीं दे सके और बोर्ड की परीक्षा 20 फरवरी 2023 से होने के कारण उन्हें बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
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याचिका की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने क्षेत्रीय अधिकारी सीबीएसई देहरादून को 22 फरवरी 2023 को न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर न्यायालय के आदेश का अनुपालन न करने पर स्पष्टीकरण देने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि जानबूझकर न्यायालय के आदेश का पालन न करने की स्थिति में उन्हें अदालत की अवमानना के आरोप का सामना करना होगा.
क्या था मामला: छात्रों से स्कूल ने 54000 रुपए फीस तो ली, लेकिन न तो सीबीएसई में पंजीकरण शुल्क जमा किया है और न ही उनके प्रवेश के लिये सीबीएसई से उचित अनुमति ली. छात्रों ने इस मामले की शिकायत उत्तराखंड के बाल संरक्षण आयोग से की. आयोग ने इस मामले की जांच करायी तो पता चला कि स्कूल ने सीबीएसई नियमों का उल्लंघन कर प्रवेश दिया है. इस धोखाधड़ी के लिये स्कूल के मालिक एवं प्रधानाचार्य भूपेश कुमार और अमन कुमार के खिलाफ प्रेमनगर थाना में 16 दिसंबर को 420 का मुकदमा दर्ज किया गया है.