नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) में हरिद्वार की रुड़की तहसील में चल रहे अवैध ईटा भट्टों (illegal brick kilns in Haridwar) के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (Pollution Control Board) से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.
मामले के अनुसार हरिद्वार नारसन निवासी मनोज कुमार ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हरिद्वार के रुड़की तहसील में 90 प्रतिशत ईंट के भट्टे हैं. इन भट्टों में से कई के पास पर्यावरण प्रदूषण बोर्ड की अनुमति भी नहीं है, जो बिना पीसीबी की अनुमति के चल रहे हैं. इनके द्वारा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
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याचिकाकर्ता ने बताया कि इन ईट भट्टों ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन भी किया है. इस मामले की जांच कराई जाए. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 4 नवंबर 2022 को जिला अधिकारी एवं प्रदूषण बोर्ड को आदेश दिए थे कि इनकी जांच कर रिपोर्ट पेश करें, जो अभी तक पेश नहीं की गई. इसलिए अवैध रूप से चल रहे इन भट्टों पर रोक लगाई जाए.