हल्द्वानी: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से फैले कूड़े के मामले में दायर जनहीत याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमुर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने शहर में फैले कूड़े को गंभीरता से लेते हुए कहा कि पूरे शहर को बंधक नहीं बनाया जा सकता.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी नगर निगम को आदेश दिए है कि सफाई कर्मचारियों के कब्जे से सभी 400 कूड़ा गाड़ियों को शीघ्र रिलीज कराएं. अगर सफाई कर्मचारी कूड़ा गाड़ियों को रिलीज करने में कोई व्यवधान पैदा करते है तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करें.
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कोर्ट ने नगर निगम को यह भी आदेश दिए है कि शहर में साफ-सफाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें. मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी. मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी दिनेश चंदोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पिछले 4 दिनों से हल्द्वानी शहर में सफाई कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसके चलते शहर भर में कूड़ा फैल हुआ है. सफाई कर्मचारियों ने निगम की सभी 400 कूड़ा गाड़ियों को भी अपने कब्जे ले रखा रहा, जो कर्मचारी सफाई कर रहे है, उनके साथ भी मारपीट की जा रही है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि शहर में डेंगू पहले से ही फैला हुआ है. वहीं अब सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से इसका प्रकोप और बढ़ गया है, क्योंकि शहर में जगह-जगह कूड़ा पड़ा हुआ है. याचिका में यह भी कहा है कि इस कचरे को जानवर भी खा रहे हैं और उनके स्वास्थ्य पर भी इसका प्रभाव पड़ रहा है. शहर में बदबू फैलने लगी है. 24 नवंबर से 7 सफाई यूनियन हड़ताल पर हैं, जिससे शहर में सफाई नहीं हो पा रही है.
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उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारियों की मांग है कि उनको वेतन सहित अन्य सुविधाएं दी जाएं. उनकी यह भी मांग है कि जो नगर निगम द्वारा कूड़ा निस्तारण के लिये बैणी सेना बनाई है, उसको हटाया जाए. जनहित याचिका में कोर्ट से प्राथर्ना की है कि शहर में फैले कूड़े का शीघ्र निस्तारण किया जाय.