ETV Bharat / state

13 साल की रेप पीड़िता को मिली गर्भपात की मंजूरी, उत्तराखंड हाईकोर्ट ने डॉक्टर्स को सौंपी जिम्मेदारी

उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने आज बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने 13 साल की गर्भवती नाबालिग के गर्भपात (abortion of 13 year old) को अनुमति दे दी है. 13 साल की बच्ची 25 हफ्ते की गर्भवती है. नियमानुसार 24 हफ्ते बाद गर्भपात की अनुमति नहीं दी जाती है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Dec 7, 2022, 7:06 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने 13 साल की गर्भवती नाबालिग किशोरी के गर्भपात (abortion of 13 year old) के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून को मेडिकल बोर्ड बनाकर तत्काल गर्भपात की अनुमति दे दी (High Court allows abortion) है. कोर्ट ने इस मामले की सूचना 9 दिसंबर को पेश करने के निर्देश दिए हैं. पीड़ित किशोरी 25 हफ्ते और चार दिन की गर्भवती है. नियमानुसार 24 हफ्ते बाद गर्भपात की अनुमति नहीं दी जाती है. किन्तु विशेष परिस्थितियों में सुप्रीम कोर्ट व अन्य उच्च न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों के क्रम में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 13 वर्षीय बच्ची के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर यह आदेश दिया है.

हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने 6 दिसंबर बुधवार को पारित आदेश में 13 वर्षीय गर्भवती किशोरी के गर्भपात की सशर्त अनुमति दे दी है. किशोरी के पिता एवं अन्य ने याचिका दायर कर किसी नजदीकी रिश्तेदार के यौन उत्पीड़न से गर्भवती हुई किशोरी के गर्भपात की अनुमति मांगी थी. इस मामले में देहरादून के सीएमओ और दून चिकित्सालय को निर्देश देने की प्रार्थना की थी. सुनवाई के समय न्यायालय के सामने पिता और पीड़ित पुत्री वर्चुअली उपस्थित हुए.
पढे़ं- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फेसबुक पर 50 हजार का जुर्माना क्यों लगा दिया?

एकलपीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे कुछ मामलों में अनुमति दिए जाने के बाद इस याचिका में भी अनुमति दे दी. न्यायालय ने देहरादून अस्पताल की प्रमुख डॉ चित्रा जोशी से किसी खतरे की स्थिति में अपने विवेक से काम लेने को भी कहा है. न्यायालय ने 1971 के मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट का हवाला देते हुए गर्भपात के लिए दी गई समय सीमा पर भी गौर करते हुए यह निर्णय लिया. न्यायालय ने मेडिकल बोर्ड से कहा कि किशोरी के पिता से लिखित में सलाह ले ली जाएं और उसमें न्यायालय में वर्चुअली दिए गए वक्तव्य का भी उल्लेख किया जाए. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि गर्भपात बिना देरी के किया जाए.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने 13 साल की गर्भवती नाबालिग किशोरी के गर्भपात (abortion of 13 year old) के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून को मेडिकल बोर्ड बनाकर तत्काल गर्भपात की अनुमति दे दी (High Court allows abortion) है. कोर्ट ने इस मामले की सूचना 9 दिसंबर को पेश करने के निर्देश दिए हैं. पीड़ित किशोरी 25 हफ्ते और चार दिन की गर्भवती है. नियमानुसार 24 हफ्ते बाद गर्भपात की अनुमति नहीं दी जाती है. किन्तु विशेष परिस्थितियों में सुप्रीम कोर्ट व अन्य उच्च न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों के क्रम में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 13 वर्षीय बच्ची के स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर यह आदेश दिया है.

हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ ने 6 दिसंबर बुधवार को पारित आदेश में 13 वर्षीय गर्भवती किशोरी के गर्भपात की सशर्त अनुमति दे दी है. किशोरी के पिता एवं अन्य ने याचिका दायर कर किसी नजदीकी रिश्तेदार के यौन उत्पीड़न से गर्भवती हुई किशोरी के गर्भपात की अनुमति मांगी थी. इस मामले में देहरादून के सीएमओ और दून चिकित्सालय को निर्देश देने की प्रार्थना की थी. सुनवाई के समय न्यायालय के सामने पिता और पीड़ित पुत्री वर्चुअली उपस्थित हुए.
पढे़ं- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने फेसबुक पर 50 हजार का जुर्माना क्यों लगा दिया?

एकलपीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट द्वारा ऐसे कुछ मामलों में अनुमति दिए जाने के बाद इस याचिका में भी अनुमति दे दी. न्यायालय ने देहरादून अस्पताल की प्रमुख डॉ चित्रा जोशी से किसी खतरे की स्थिति में अपने विवेक से काम लेने को भी कहा है. न्यायालय ने 1971 के मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट का हवाला देते हुए गर्भपात के लिए दी गई समय सीमा पर भी गौर करते हुए यह निर्णय लिया. न्यायालय ने मेडिकल बोर्ड से कहा कि किशोरी के पिता से लिखित में सलाह ले ली जाएं और उसमें न्यायालय में वर्चुअली दिए गए वक्तव्य का भी उल्लेख किया जाए. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि गर्भपात बिना देरी के किया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.