रामनगर: अब वन विभाग इंटरनेट एवं पावर बैंक की मदद से दूर दराज क्षेत्र में बिना मानवीय व्यवधान के बाघ की एक्टिविटी पर लाइव स्ट्रीमिंग तकनीक (live streaming technology) की मदद से मोबाइल एप के जरिए नजर रख रहा है. पहली बार इस तकनीक का प्रयोग बाघ को रेस्क्यू करने के लिए किया जा रहा है. ताकि क्षेत्र में मौजूद आदमखोर बाघ (man eating tiger) को पकड़ा जा सके.
लाइव स्ट्रीमिंग तकनीक का उपयोग: रामनगर वन प्रभाग (Ramnagar Forest Division) द्वारा बाघ को रेस्क्यू करने के लिए पहली बार लाइव स्ट्रीमिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. जिसमें सीसीटीवी कैमरों का उपयोग किया जा रहा है. सीसीटीवी कैमरों को इंटरनेट एवं पावर बैंक से जोड़कर लाइव स्ट्रीमिंग की मदद से बाघ की एक्टिविटी पर मोबाइल एप के जरिए नजर रखी जा रही है.
आदमखोर बाघ की मॉनिटरिंग: बता दें कि अब लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए नेशनल हाईवे 309 पर स्थित पनोद नाले से मोहान क्षेत्र तक आदमखोर बाघ पर वन विभाग लाइव स्ट्रीमिंग से नजर रख रहा है. इसके लिए वन विभाग बाघ द्वारा युवक को निवाला बनाए गए क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है, जो पावर बैंक की मदद से चल रहा है. यह पावर बैंक 24 घंटे तक कार्य करेगा. दूसरे दिन वन विभाग द्वारा चार्ज पावर बैंक को उसमें लगा दिया जाएगा और डिस्चार्ज पावर बैंक को चार्ज करने लगा दिया जाएगा.
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मोबाइल एप के जरिए निगरानी: इसके साथ ही वाईफाई के जरिए सीसीटीवी को एप के माध्यम से मोबाइल से जोड़ा जाएगा. जिसकी मदद से बिना मानवीय दखल के घटना वाले क्षेत्रों में बाघ पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए नजर रखी जा रही है. पहली बार वन प्रभाग रामनगर के डीएफओ कुंदन कुमार के निर्देशन में बाघ की गतिविधियों पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए नजर रखी जा रही है.
4 लोगों को निवाला बना चुका आदमखोर: बता दें कि इस क्षेत्र में अब तक 4 लोगों को बाघ अपना निवाला बना चुका है. जबकि दो लोगों पर हमला कर घायल कर चुका है. जिसके बाद वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए घटना वाले जगहों और आसपास के क्षेत्र में लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए बाघ पर नजर रख रहा है. साथ ही बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए क्षेत्र में डॉक्टरों की टीम के साथ हाथियों से भी गश्त की जा रही है. अधिकारियों का कहना है जल्द ही बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया जाएगा.