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त्रिवेंद्र सरकार ने घोषित किया गन्ने का समर्थन मूल्य, किसानों में मायूसी

लम्बे इंतजार के बाद सरकार के द्वारा गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया गया. इस बार भी समर्थन मूल्य पिछले साल के बराबर ही रखा गया है.

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सरकार ने घोषित किया गन्ना समर्थन मूल्य
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Published : Dec 18, 2019, 1:24 PM IST

हल्द्वानी: पेराई सत्र शुरू होने के एक महीने के बाद प्रशासन ने गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है. किसान लंबे समय से गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित होने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन किसानों की उम्मीदों पर फिर पानी फिर गया है. क्योंकि इस बार भी गन्ने के समर्थन मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. किसानों को सरकार पिछले साल का ही रेट इस साल भी देने जा रही है.

सरकार ने घोषित किया गन्ना समर्थन मूल्य.

किसानों को उम्मीद थी कि सरकार इस बार गन्ने के समर्थन मूल्य में थोड़ी वृद्धि करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिलहाल, उत्तराखंड में गन्ने का समर्थन मूल्य यूपी के समर्थन मूल्य की तुलना में ₹2 प्रति कुंतल अधिक है. वहीं, सरकार के द्वारा जो समर्थन मूल्य घोषित हुआ उसमें अगेती प्रजाति के लिए ₹327 प्रति कुंतल जबकि सामान्य प्रजाति के लिए ₹370 प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है.

ये भी पढ़ें: हल्द्वानीः रेलवे ट्रैक पर युवक का शव मिलने से सनसनी, जांच में जुटी पुलिस

इस बारे में गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि पिछले साल 1170 करोड़ रुपयों की गन्ने की खरीद की गई थी. जिसमें 1003 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. जबकि, 167 करोड़ों रुपए का भुगतान अभी बकाया है. जिसमें 43 करोड़ रूपये सरकारी चीनी मिलों की देनदारी है और 124 करोड़ निजी चीनी मिलों की देनदारी है. रयाल ने कहा कि जल्द ही बकाया भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी.

हल्द्वानी: पेराई सत्र शुरू होने के एक महीने के बाद प्रशासन ने गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है. किसान लंबे समय से गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित होने का इंतजार कर रहे थे. लेकिन किसानों की उम्मीदों पर फिर पानी फिर गया है. क्योंकि इस बार भी गन्ने के समर्थन मूल्य में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है. किसानों को सरकार पिछले साल का ही रेट इस साल भी देने जा रही है.

सरकार ने घोषित किया गन्ना समर्थन मूल्य.

किसानों को उम्मीद थी कि सरकार इस बार गन्ने के समर्थन मूल्य में थोड़ी वृद्धि करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. फिलहाल, उत्तराखंड में गन्ने का समर्थन मूल्य यूपी के समर्थन मूल्य की तुलना में ₹2 प्रति कुंतल अधिक है. वहीं, सरकार के द्वारा जो समर्थन मूल्य घोषित हुआ उसमें अगेती प्रजाति के लिए ₹327 प्रति कुंतल जबकि सामान्य प्रजाति के लिए ₹370 प्रति कुंतल का समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है.

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इस बारे में गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि पिछले साल 1170 करोड़ रुपयों की गन्ने की खरीद की गई थी. जिसमें 1003 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है. जबकि, 167 करोड़ों रुपए का भुगतान अभी बकाया है. जिसमें 43 करोड़ रूपये सरकारी चीनी मिलों की देनदारी है और 124 करोड़ निजी चीनी मिलों की देनदारी है. रयाल ने कहा कि जल्द ही बकाया भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी.

Intro:sammry- गन्ने का समर्थन मूल्य हुआ घोषित अगेती प्रजाति के ₹327 प्रति कुंटल जबकि सामान्य प्रजाति के ₹370 प्रति कुंटल । किसानों में मायूसी( रेडी टू कैरी) एंकर- लंबे इंतजार के बाद शासन ने गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है। इस बार भी पिछले साल के बराबर ही रखा गया है समर्थन मूल्य। अगेती प्रजाति के गन्ने का समर्थन मूल्य ₹327 रुपए जबकि सामान्य प्रजाति के गन्ने का समर्थन मूल्य ₹370 प्रति कुंतल रखा गया है। ऐसे में किसानों को उम्मीद थी कि सरकार गन्ने के समर्थन मूल्य में थोड़ा वृद्धि करेगी लेकिन किसानों को मायूसी लगी है।


Body:पिराई सत्र शुरू हुए एक महीने से अधिक हो गया है लेकिन सरकार ने अभी तक गन्ना समर्थन मूल्य घोषित नहीं किया था। लंबे इंतजार के बाद शासन ने गन्ने का समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है इस बार गन्ने के समर्थन मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। किसानों को पिछले वर्ष का रेट ही गन्ने का समर्थन मूल्य सरकार दे जा रही है ।ऐसे में किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है ।किसानों को उम्मीद थी कि सरकार गन्ने के समर्थन मूल्य में थोड़ा वृद्धि करेगी लेकिन किसानों को मायूसी हाथ लगी है। फिलहाल उत्तराखंड के गन्ने का समर्थन मूल्य यूपी के गन्ने के समर्थन मूल्य की तुलना में ₹2 प्रति कुंटल अधिक है।


Conclusion:वही गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि पिछले वर्ष 1170 को रुपए की गन्ने की खरीद की गई थी जिसमें 1003 करोड़ की भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष का अभी तक 167 करोड़ों रुपए का भुगतान बकाया है जो किसानों को दिया जाना है। 43 करोड सरकारी चीनी मिलों की देनदारी है जबकि 124 करोड़ निजी चीनी मिलों की देनदारी बाकी है। उन्होंने बताया कि जल्द बकाया भुगतान की प्रक्रिया की जा रही है और किसानों को उनका भुगतान दे दिया जाएगा। बाइट ललित मोहन रयाल गन्ना आयुक्त
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