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कॉर्बेट में रोटेशन प्रणाली को लेकर दो फाड़, कोई कर रहा विरोध तो कहीं बंटी मिठाई

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Published : Oct 8, 2021, 12:21 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 12:32 PM IST

रामनगर कॉर्बेट पार्क में प्रबंधन ने जिप्सियों के लिए रोटेशन प्रणाली लागू कर दी है. इसको लेकर कहीं विरोध हो रहा है तो कहीं खुशियां मनाई जा रही हैं. विरोध करने वालों ने जुलूस निकाला तो इसके समर्थकों ने पटाखे फोड़े और मिठाई बांटी.

implementation of rotation system
कॉर्बेट में रोटेशन प्रणाली

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में रोटेशन प्रणाली लागू होने के चलते गुस्साए जिप्सी चालकों, मालिकों और होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी कॉर्बेट नेशनल रिजर्व के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. कुछ जिप्सी चालकों व मालिकों ने रोटेशन प्रणाली से खुश होकर मिठाई भी बांटी.

कॉर्बेट में रोटेशन प्रणाली का कोई कर रहा विरोध तो कहीं बंटी मिठाई.

कोई मना रहा खुशी, कोई कर रहा विरोध: जहां रोटेशन के पक्ष में कॉर्बेट में कुछ जिप्सी कारोबारियों ने जश्न मनाया व मिठाई बांटी तो वहीं कुछ लोगों ने विरोध भी किया. कुछ जिप्सी कारोबारियों के साथ ही होटल एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व कार्यालय के बाहर अपनी-अपनी जिप्सियां खड़ी कर दीं. इन लोगों ने कॉर्बेट प्रशासन को चाभियां सौंपने के साथ ही धरना प्रदर्शन किया.

रोटेशन प्रणाली के पक्ष में कारोबारी नरेंद्र शर्मा का कहना है कि इससे सभी लोगों को कॉर्बेट में उनकी जिप्सियों का नंबर मिलना तय है. रोटेशन प्रणाली को निरस्त किए जाने के विरोध में आए होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरिमान का कहना है कि कॉर्बेट द्वारा बिना किसी सूचना और गाइडलाइन के हिटलरशाही द्वारा इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है. इससे होने वाली किसी भी व्यवस्था या परेशानी की जिम्मेदारी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की है.

हरिमोहन ने कहा कि कॉर्बेट प्रशासन इसे स्थगित करके इस पर विस्तृत चर्चा कर इससे होने वाले लाभ-हानि की गणना कर ले. अन्यथा ऐसी स्थिति में पर्यटन मरणासन्न अवस्था में पहुंच जाएगा. जिसकी समस्त प्रकार से जिम्मेदारी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व एवं राज्य सरकार की होगी.

ये है विरोध का कारण: उन्होंने कहा कि सालों से कॉर्बेट में कार्य कर उन्होंने अपने कस्टमर बनाए हैं. इसमें उन्हें सालों का समय लगा है. रोटेशन प्रणाली लागू होने से हमारा पर्यटक हमारे साथ हमारे जिप्सी चालक के साथ कॉर्बेट भ्रमण पर नहीं जा सकता. इससे हमारा कॉर्बेट पार्क में आने वाला पर्यटक भी नाखुश है. उन्होंने कहा कि अगर रोटेशन प्रणाली को निरस्त नहीं किया गया तो सभी होटल व्यवसायी भी अपने होटलों की चाभियां अपने होटलों को बंद कर कॉर्बेट प्रशासन को सौंपेंगे.

पढ़ें: महिलाएं लिख रहीं कामयाबी की इबारत, बाजार में बढ़ी मंडुवे के बिस्कुट की मांग

जिप्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश धस्माना ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक वह अपनी-अपनी जिप्सियों को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कार्यालय के बाहर से ही खड़ी करके रखेंगे. वे इनकी चाभियां कॉर्बेट प्रशासन को सौंप रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश जिप्सी चालक, मालिक व होटल एसोसिएशन भी रोटेशन प्रणाली के विरोध में खड़े हैं. फिलहाल ऐसी स्थिति में कॉर्बेट प्रशासन कशमकश में दिखाई दे रहा है. क्योंकि जितने लोग रोटेशन प्रक्रिया से खुश हुए हैं, उससे अधिकांश लोग नाराज हैं. अब इन सब में सामंजस्य बैठाना बहुत कठिन कार्य है. फिलहाल इस मामले में वार्ता सफल न होने से कॉर्बेट प्रशासन अपना पक्ष नहीं रख पाया है.

रामनगर: कॉर्बेट नेशनल पार्क (Jim Corbett National Park) में रोटेशन प्रणाली लागू होने के चलते गुस्साए जिप्सी चालकों, मालिकों और होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जुलूस निकालकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी कॉर्बेट नेशनल रिजर्व के कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए हैं. कुछ जिप्सी चालकों व मालिकों ने रोटेशन प्रणाली से खुश होकर मिठाई भी बांटी.

कॉर्बेट में रोटेशन प्रणाली का कोई कर रहा विरोध तो कहीं बंटी मिठाई.

कोई मना रहा खुशी, कोई कर रहा विरोध: जहां रोटेशन के पक्ष में कॉर्बेट में कुछ जिप्सी कारोबारियों ने जश्न मनाया व मिठाई बांटी तो वहीं कुछ लोगों ने विरोध भी किया. कुछ जिप्सी कारोबारियों के साथ ही होटल एसोसिएशन ने इसका विरोध करते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व कार्यालय के बाहर अपनी-अपनी जिप्सियां खड़ी कर दीं. इन लोगों ने कॉर्बेट प्रशासन को चाभियां सौंपने के साथ ही धरना प्रदर्शन किया.

रोटेशन प्रणाली के पक्ष में कारोबारी नरेंद्र शर्मा का कहना है कि इससे सभी लोगों को कॉर्बेट में उनकी जिप्सियों का नंबर मिलना तय है. रोटेशन प्रणाली को निरस्त किए जाने के विरोध में आए होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरिमान का कहना है कि कॉर्बेट द्वारा बिना किसी सूचना और गाइडलाइन के हिटलरशाही द्वारा इस व्यवस्था को लागू कर दिया गया है. इससे होने वाली किसी भी व्यवस्था या परेशानी की जिम्मेदारी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की है.

हरिमोहन ने कहा कि कॉर्बेट प्रशासन इसे स्थगित करके इस पर विस्तृत चर्चा कर इससे होने वाले लाभ-हानि की गणना कर ले. अन्यथा ऐसी स्थिति में पर्यटन मरणासन्न अवस्था में पहुंच जाएगा. जिसकी समस्त प्रकार से जिम्मेदारी कॉर्बेट टाइगर रिजर्व एवं राज्य सरकार की होगी.

ये है विरोध का कारण: उन्होंने कहा कि सालों से कॉर्बेट में कार्य कर उन्होंने अपने कस्टमर बनाए हैं. इसमें उन्हें सालों का समय लगा है. रोटेशन प्रणाली लागू होने से हमारा पर्यटक हमारे साथ हमारे जिप्सी चालक के साथ कॉर्बेट भ्रमण पर नहीं जा सकता. इससे हमारा कॉर्बेट पार्क में आने वाला पर्यटक भी नाखुश है. उन्होंने कहा कि अगर रोटेशन प्रणाली को निरस्त नहीं किया गया तो सभी होटल व्यवसायी भी अपने होटलों की चाभियां अपने होटलों को बंद कर कॉर्बेट प्रशासन को सौंपेंगे.

पढ़ें: महिलाएं लिख रहीं कामयाबी की इबारत, बाजार में बढ़ी मंडुवे के बिस्कुट की मांग

जिप्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश धस्माना ने कहा कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक वह अपनी-अपनी जिप्सियों को कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कार्यालय के बाहर से ही खड़ी करके रखेंगे. वे इनकी चाभियां कॉर्बेट प्रशासन को सौंप रहे हैं. उन्होंने कहा कि अधिकांश जिप्सी चालक, मालिक व होटल एसोसिएशन भी रोटेशन प्रणाली के विरोध में खड़े हैं. फिलहाल ऐसी स्थिति में कॉर्बेट प्रशासन कशमकश में दिखाई दे रहा है. क्योंकि जितने लोग रोटेशन प्रक्रिया से खुश हुए हैं, उससे अधिकांश लोग नाराज हैं. अब इन सब में सामंजस्य बैठाना बहुत कठिन कार्य है. फिलहाल इस मामले में वार्ता सफल न होने से कॉर्बेट प्रशासन अपना पक्ष नहीं रख पाया है.

Last Updated : Oct 8, 2021, 12:32 PM IST
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