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संवर्धन के लिए के लिए नैनी झील में महाशीर मछली के डाले 10 हजार बीज, डीएम ने कही ये बात - Nainital Fisheries Department

नैनीझील (Nainital Naini Lake) में महाशीर मछली के करीब दस हजार बीज डाले गए. इस दौरान डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि आने वाले समय में नैनीताल की झीलों में महाशीर मछलियां डाली जाएगी, जिससे आने वाले दिनों में जिले की नदियों में मत्स्य आखेट पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

Nainital
नैनी झील में महाशीर मछली के डाले 10 हजार बीज
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Published : Jul 24, 2022, 11:52 AM IST

नैनीताल: पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से मत्स्य निदेशालय (डीसीएफआरई) भीमताल के सहयोग से नैनीझील (Nainital Naini Lake) में महाशीर मछली के करीब दस हजार बीज डाले गए. वहीं जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल (DM Dhiraj Singh Garbyal) ने बताया कि भविष्य में नैनीताल की सभी झीलों, नदियों में मत्स्य आखेट को बढ़ावा देने और महाशीर संरक्षण के अभियान में तेजी लाई जाएगी

इस दौरान डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि आने वाले समय में नैनीताल की झीलों में महाशीर मछलियां डाली जाएगी, जिससे आने वाले दिनों में जिले की नदियों में मत्स्य आखेट पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि नैनीझील में 2010 में भी झील में सिल्वर (कॉमन) कार्प एवं महाशीर मछलियॉ झील में डाली गई.
पढ़ें-सिंचाई विभाग की लापरवाही नैनीझील पर पड़ी भारी, शो पीस बने ऑटोमेटिक निकासी द्वार

एक अध्यन में पता चला की कॉमन कार्प प्रजातियों की मछलियां नैनी झील के लिए घातक है, जिसे झील से निकालना जरूरी है. मत्स्य विभाग के अधिकारी पीके पांडे ने बताया कि नैनी झील से पहले निदेशालय द्वारा लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश की झील में महाशीर मछली डाली गई है. जिससे आने वाले समय में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पलायन भी रुकेगा.

नैनीताल: पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से मत्स्य निदेशालय (डीसीएफआरई) भीमताल के सहयोग से नैनीझील (Nainital Naini Lake) में महाशीर मछली के करीब दस हजार बीज डाले गए. वहीं जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल (DM Dhiraj Singh Garbyal) ने बताया कि भविष्य में नैनीताल की सभी झीलों, नदियों में मत्स्य आखेट को बढ़ावा देने और महाशीर संरक्षण के अभियान में तेजी लाई जाएगी

इस दौरान डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि आने वाले समय में नैनीताल की झीलों में महाशीर मछलियां डाली जाएगी, जिससे आने वाले दिनों में जिले की नदियों में मत्स्य आखेट पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि नैनीझील में 2010 में भी झील में सिल्वर (कॉमन) कार्प एवं महाशीर मछलियॉ झील में डाली गई.
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एक अध्यन में पता चला की कॉमन कार्प प्रजातियों की मछलियां नैनी झील के लिए घातक है, जिसे झील से निकालना जरूरी है. मत्स्य विभाग के अधिकारी पीके पांडे ने बताया कि नैनी झील से पहले निदेशालय द्वारा लद्दाख, अरूणाचल प्रदेश की झील में महाशीर मछली डाली गई है. जिससे आने वाले समय में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और पलायन भी रुकेगा.

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