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श्रीनगर स्टोन क्रशर के संचालन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, इनसे मांगा शपथ पत्र - कांडा लगा रामपुर में स्टोन क्रशर

नैनीताल हाईकोर्ट ने श्रीनगर गढ़वाल के कांडा लगा रामपुर में संचालित अलकनंदा स्टोन क्रशर पर रोक लगा दी है. साथ ही कोर्ट ने राज्य के औद्योगिक, वन सचिव, कमिश्नर गढ़वाल, डीएम पौड़ी, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड और अन्य से शपथ पत्र मांगा है.

Nainital High Court verdict
नैनीताल हाईकोर्ट
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Published : Apr 8, 2022, 7:58 PM IST

नैनीतालः श्रीनगर के कांडा में संचालित स्टोन क्रशर मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने स्टोन क्रशर के संचालन पर रोक लगा दी है. अब मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होगी. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई.

दरअसल, श्रीनगर गढ़वाल के फरासू निवासी नरेंद्र सिंह सेंधवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि ग्रामीणों के भारी विरोध के बावजूद प्रदेश सरकार ने कांडा लगा रामपुर में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दे दी है. जिससे आसपास के पर्यावरण, प्राचीन प्रसिद्ध मंदिरों गौरा देवी एवं राज राजेश्वरी को जाने वाले मार्ग, परंपरागत पेयजल स्रोतों के साथ ही वन्य जीवों पर बुरा असर पड़ सकता है.

ये भी पढ़ेंः श्रीनगर में SDM को स्टोन क्रशर में मिली खामियां, रामनगर में एक्शन में दिखा वन महकमा

याचिका में पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, भूगर्भ एवं खनन विभाग समेत कई अन्य को पक्षकार बनाया गया है. याचिका की सुनवाई के बाद खंडपीठ ने अलकनंदा स्टोन क्रशर के निर्माण पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य के औद्योगिक, वन सचिव, कमिश्नर गढ़वाल, डीएम पौड़ी, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड और अन्य से चार हफ्ते के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

नैनीतालः श्रीनगर के कांडा में संचालित स्टोन क्रशर मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. हाईकोर्ट ने स्टोन क्रशर के संचालन पर रोक लगा दी है. अब मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होगी. मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई.

दरअसल, श्रीनगर गढ़वाल के फरासू निवासी नरेंद्र सिंह सेंधवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि ग्रामीणों के भारी विरोध के बावजूद प्रदेश सरकार ने कांडा लगा रामपुर में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दे दी है. जिससे आसपास के पर्यावरण, प्राचीन प्रसिद्ध मंदिरों गौरा देवी एवं राज राजेश्वरी को जाने वाले मार्ग, परंपरागत पेयजल स्रोतों के साथ ही वन्य जीवों पर बुरा असर पड़ सकता है.

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याचिका में पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड, भूगर्भ एवं खनन विभाग समेत कई अन्य को पक्षकार बनाया गया है. याचिका की सुनवाई के बाद खंडपीठ ने अलकनंदा स्टोन क्रशर के निर्माण पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य के औद्योगिक, वन सचिव, कमिश्नर गढ़वाल, डीएम पौड़ी, पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड और अन्य से चार हफ्ते के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.

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