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Mining Traders Strike: नहीं मान रहे खनन कारोबारी, सरकार से 6 मांगों पर अड़े, राजस्व का बड़ा नुकसान, बड़े आंदोलन का इशारा!

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Published : Jan 21, 2023, 5:28 PM IST

'एक प्रदेश एक रॉयल्टी' सहित सात सूत्री मांगों को लेकर खनन कारोबारी पिछले तीन महीने से अधिक समय से हड़ताल पर हैं. प्रदेश सरकार ने खनन रॉयल्टी कम करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं, लेकिन खनन से जुड़े कारोबारी अपनी बाकी मांगों पर अड़े हुए हैं और उन्होंने खनन कारोबार करने से मना कर दिया है. गौला संघर्ष समिति के बैनर तले कुमाऊं मंडल के सभी नदियों के खनन कारोबार से जुड़े खनन कारोबारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल के चलते जहां खनन कारोबारियों को रोजी-रोटी की परेशानी उठानी पड़ रही है तो वहीं सरकार को भी रोजाना करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

Mining Traders Strike
खनन कारोबारी अपनी मांगों पर अड़े.
खनन कारोबारी अपनी मांगों पर अड़े.

हल्द्वानी: प्रदेश सरकार ने खनन रॉयल्टी में भले ही ₹7 प्रति कुंतल की कमी कर दी है लेकिन खनन कारोबारी अभी भी अपने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हुए हैं. सरकार और खनन कारोबारी के बीच कोई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं, लेकिन खनन कारोबारी हड़ताल खत्म करने पर राजी नहीं हैं. इसी कड़ी में खनन कारोबारियों ने आज हल्द्वानी की सड़कों पर प्रदर्शन कर आरटीओ कार्यालय का घेराव करते हुए आरटीओ को ज्ञापन सौंपा.

कारोबारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने रॉयल्टी की कमी तो कर दी है लेकिन उनके वाहनों की फिटनेस, और रिनुअल के नाम पर परिवहन विभाग द्वारा भारी भरकम पैनल्टी लगाई गई है, जिसके चलते खनन से जुड़े वाहनों को सड़क पर लाने के लिए एक लाख तक का अतिरिक्त बोझ पड़ा रहा है. इससे खनन कारोबारी परेशान हैं.
पढ़ें- IAS Deepak Rawat: कुमाऊं कमिश्नर की आरटीओ ऑफिस में छापेमारी, गड़बड़ी पर भड़के

खनन कारोबारियों का कहना है कि जब तक उनके वाहनों पर लगाए गए जुर्माने के अलावा ग्रीन टैक्स खत्म नहीं किया जाता तब तक वो अपना हड़ताल जारी रखेंगे. आरटीओ कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पहुंचे कारोबारियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि परिवहन विभाग से ग्रीन टैक्स खत्म करने और उनके वाहनों पर लगाए गए टैक्स के नाम पर जुर्माने को खत्म किया जाए.

वहीं, इस पूरे मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी का कहना है कि खनन कारोबारियों के वाहन नवंबर माह में रिलीज हो गए थे लेकिन बहुत से खनन कारोबारियों ने अपना फिटनेस को रिनुअल नहीं कराया था, जिसके बाद वाहनों के ऊपर ऑनलाइन पैनल्टी का प्रावधान है. ऐसे में परिवहन विभाग मुख्यालय स्तर से इसको लेकर बात चल रही है, मुख्यालय स्तर से पूरे मामले का निपटारा होगा.

गौर हो कि इस हड़ताल के चलते जहां खनन कारोबारियों को रोजी-रोटी की परेशानी उठानी पड़ रही है तो वहीं सरकार को भी रोजाना करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. सरकार और खनन कारोबारियों के बीच कई दौर की बैठक के बाद सरकार ने रॉयल्टी रेट ₹29.35 से घटाकर ₹22.14 कर दिया है उसके बावजूद भी खनन कारोबारी अपने विभिन्न मांगों पर अड़े हुए हैं.
इसे भी पढ़ें- हल्द्वानी में स्टोन क्रशर ने खोद डाली वन विभाग की भूमि, ₹1.80 करोड़ का लगा जुर्माना

खनन कारोबारियों के खनन से जुड़े वाहनों को परिवहन विभाग ने नवंबर माह में ही रिलीज कर दिया था. ऐसे में उन वाहनों के ऊपर कई तरह के टैक्स और अतिरिक्त जुर्माना पड़ रहा है, जिसके चलते कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. साथ ही नदियों में खनन की अनुमति भी खत्म हो रही है लेकिन अभी तक उनकी अनुमति का रिनुअल नहीं हुआ है. खनन कारोबारियों का कहना है कि उनकी अभी एक मांग पूरी हुई है, जबकि 6 मांगें बाकी हैं. जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक वो अपनी हड़ताल जारी रखेंगे.

इस पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल कहते हैं कि रॉयल्टी रेट में कमी कर देने के बाद अब खनन कारोबारियों को खनन कारोबार शुरू कर देना चाहिए. अगर परिवहन विभाग से किसी भी तरह की कोई दिक्कत है तो उसका भी समाधान निकाल दिया जाएगा. डीएम ने खनन कारोबारियों से अपील की है कि खनन कार्य शुरू करें, जिससे सरकार और आम जनता को परेशानी न उठानी पड़े.

खनन कारोबारी अपनी मांगों पर अड़े.

हल्द्वानी: प्रदेश सरकार ने खनन रॉयल्टी में भले ही ₹7 प्रति कुंतल की कमी कर दी है लेकिन खनन कारोबारी अभी भी अपने विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर डटे हुए हैं. सरकार और खनन कारोबारी के बीच कोई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं, लेकिन खनन कारोबारी हड़ताल खत्म करने पर राजी नहीं हैं. इसी कड़ी में खनन कारोबारियों ने आज हल्द्वानी की सड़कों पर प्रदर्शन कर आरटीओ कार्यालय का घेराव करते हुए आरटीओ को ज्ञापन सौंपा.

कारोबारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने रॉयल्टी की कमी तो कर दी है लेकिन उनके वाहनों की फिटनेस, और रिनुअल के नाम पर परिवहन विभाग द्वारा भारी भरकम पैनल्टी लगाई गई है, जिसके चलते खनन से जुड़े वाहनों को सड़क पर लाने के लिए एक लाख तक का अतिरिक्त बोझ पड़ा रहा है. इससे खनन कारोबारी परेशान हैं.
पढ़ें- IAS Deepak Rawat: कुमाऊं कमिश्नर की आरटीओ ऑफिस में छापेमारी, गड़बड़ी पर भड़के

खनन कारोबारियों का कहना है कि जब तक उनके वाहनों पर लगाए गए जुर्माने के अलावा ग्रीन टैक्स खत्म नहीं किया जाता तब तक वो अपना हड़ताल जारी रखेंगे. आरटीओ कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पहुंचे कारोबारियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि परिवहन विभाग से ग्रीन टैक्स खत्म करने और उनके वाहनों पर लगाए गए टैक्स के नाम पर जुर्माने को खत्म किया जाए.

वहीं, इस पूरे मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी संदीप सैनी का कहना है कि खनन कारोबारियों के वाहन नवंबर माह में रिलीज हो गए थे लेकिन बहुत से खनन कारोबारियों ने अपना फिटनेस को रिनुअल नहीं कराया था, जिसके बाद वाहनों के ऊपर ऑनलाइन पैनल्टी का प्रावधान है. ऐसे में परिवहन विभाग मुख्यालय स्तर से इसको लेकर बात चल रही है, मुख्यालय स्तर से पूरे मामले का निपटारा होगा.

गौर हो कि इस हड़ताल के चलते जहां खनन कारोबारियों को रोजी-रोटी की परेशानी उठानी पड़ रही है तो वहीं सरकार को भी रोजाना करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. सरकार और खनन कारोबारियों के बीच कई दौर की बैठक के बाद सरकार ने रॉयल्टी रेट ₹29.35 से घटाकर ₹22.14 कर दिया है उसके बावजूद भी खनन कारोबारी अपने विभिन्न मांगों पर अड़े हुए हैं.
इसे भी पढ़ें- हल्द्वानी में स्टोन क्रशर ने खोद डाली वन विभाग की भूमि, ₹1.80 करोड़ का लगा जुर्माना

खनन कारोबारियों के खनन से जुड़े वाहनों को परिवहन विभाग ने नवंबर माह में ही रिलीज कर दिया था. ऐसे में उन वाहनों के ऊपर कई तरह के टैक्स और अतिरिक्त जुर्माना पड़ रहा है, जिसके चलते कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. साथ ही नदियों में खनन की अनुमति भी खत्म हो रही है लेकिन अभी तक उनकी अनुमति का रिनुअल नहीं हुआ है. खनन कारोबारियों का कहना है कि उनकी अभी एक मांग पूरी हुई है, जबकि 6 मांगें बाकी हैं. जब तक सभी मांगें पूरी नहीं हो जाती तब तक वो अपनी हड़ताल जारी रखेंगे.

इस पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल कहते हैं कि रॉयल्टी रेट में कमी कर देने के बाद अब खनन कारोबारियों को खनन कारोबार शुरू कर देना चाहिए. अगर परिवहन विभाग से किसी भी तरह की कोई दिक्कत है तो उसका भी समाधान निकाल दिया जाएगा. डीएम ने खनन कारोबारियों से अपील की है कि खनन कार्य शुरू करें, जिससे सरकार और आम जनता को परेशानी न उठानी पड़े.

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