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उत्तराखंड में 'आसमानी' आफत: भारी बारिश से कुमाऊं में 55 सड़कें बंद, जनजीवन अस्त-व्यस्त

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Published : Jul 31, 2022, 1:39 PM IST

उत्तराखंड में पिछले 48 घंटे से रुक-रुककर हो रही बरसात लोगों के लिए आफत बनी हुई है. भूस्खलन के बाद सड़कों पर मलबा आने से कुमाऊं की करीब 55 सड़कें बंद हैं. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सभी जिलाधिकारियों को सड़कों को खोलने के लिए निर्देशित किया है.

kumaon heavy rain
आफत की बारिश

हल्द्वानी: कुमाऊं के अलग-अलग क्षेत्रों में पिछले 48 घंटों से रुक-रुककर हो रही बरसात लोगों के लिए आफत बनी हुई है. भूस्खलन के बाद सड़कों पर मलबा आने से कुमाऊं की करीब 55 सड़कें बंद हैं. 48 घंटों से पिथौरागढ़ जनपद में रुक-रुक कर हो रही बरसात से सरकारी और निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा है. धारचूला क्षेत्र में आधा दर्जन आवासीय भवनों को क्षति पहुंची है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सभी जिलों के डीएम को सड़कों को खोलने और आपदा प्रभावित क्षेत्रों तक राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.

अपर आयुक्त जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि नैनीताल जिले में 14 मार्ग बंद हैं, जबकि अल्मोड़ा में 5 पिथौरागढ़ में 16, बागेश्वर में 13 और चंपावत जनपद में 7 मार्ग बंद है, जिसमें 49 ग्रामीण मार्ग शामिल है, 3 बॉर्डर मार्ग बंद हैं. इसके अलावा सबसे ज्यादा नुकसान पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला में हुआ है.जहां पेयजल और विद्युत लाइनें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि डीडीहाट में वज्रपात के चलते विद्युत विभाग का 25 केवी का ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हुआ है.

भूस्खलन के चलते सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जनपद को पहुंचा है, जहां नैनीताल-भवाली राज्य मार्ग पर मलबा आने से मार्ग पूरी तरह से बाधित हो चुका है, जिसको खोलने के लिए 10 दिनों से अधिक समय लग सकता है. इस मार्ग को खोलने के लिए कुमाऊं कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है.
पढ़ें- पिथौरागढ़: धारचूला के सोबला में बादल फटा, घाटी का पुल बहा

जबकि अन्य मार्गों खोलने के लिए रविवार को युद्ध स्तर पर काम भी शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा सरकारी निजी संपत्ति का नुकसान पिथौरागढ़ और नैनीताल जनपद में हुआ है, जिसका आकलन किया जा रहा है, जिसके लिए राजस्व विभाग की टीमें लगाई गई हैं.

हल्द्वानी: कुमाऊं के अलग-अलग क्षेत्रों में पिछले 48 घंटों से रुक-रुककर हो रही बरसात लोगों के लिए आफत बनी हुई है. भूस्खलन के बाद सड़कों पर मलबा आने से कुमाऊं की करीब 55 सड़कें बंद हैं. 48 घंटों से पिथौरागढ़ जनपद में रुक-रुक कर हो रही बरसात से सरकारी और निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा है. धारचूला क्षेत्र में आधा दर्जन आवासीय भवनों को क्षति पहुंची है. कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने सभी जिलों के डीएम को सड़कों को खोलने और आपदा प्रभावित क्षेत्रों तक राहत पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.

अपर आयुक्त जीवन सिंह नगन्याल ने बताया कि नैनीताल जिले में 14 मार्ग बंद हैं, जबकि अल्मोड़ा में 5 पिथौरागढ़ में 16, बागेश्वर में 13 और चंपावत जनपद में 7 मार्ग बंद है, जिसमें 49 ग्रामीण मार्ग शामिल है, 3 बॉर्डर मार्ग बंद हैं. इसके अलावा सबसे ज्यादा नुकसान पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला में हुआ है.जहां पेयजल और विद्युत लाइनें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि डीडीहाट में वज्रपात के चलते विद्युत विभाग का 25 केवी का ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हुआ है.

भूस्खलन के चलते सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जनपद को पहुंचा है, जहां नैनीताल-भवाली राज्य मार्ग पर मलबा आने से मार्ग पूरी तरह से बाधित हो चुका है, जिसको खोलने के लिए 10 दिनों से अधिक समय लग सकता है. इस मार्ग को खोलने के लिए कुमाऊं कमिश्नर ने अधिकारियों को निर्देशित किया है.
पढ़ें- पिथौरागढ़: धारचूला के सोबला में बादल फटा, घाटी का पुल बहा

जबकि अन्य मार्गों खोलने के लिए रविवार को युद्ध स्तर पर काम भी शुरू हो गया है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा सरकारी निजी संपत्ति का नुकसान पिथौरागढ़ और नैनीताल जनपद में हुआ है, जिसका आकलन किया जा रहा है, जिसके लिए राजस्व विभाग की टीमें लगाई गई हैं.

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