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दीपावली पर मिलावटखोर आपकी सेहत से कर सकते हैं खिलवाड़, खाद्य विभाग लाचार

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Published : Nov 2, 2021, 10:35 AM IST

दीपावली का पर्व मुंह मीठा किए बिना अधूरा सा लगता है. लेकिन अगर आप इस दीपावली बाजार से मिठाई खरीदने वाले हैं, सावधानी से खरीदारी करें. इस त्योहारी सीजन में मिलावटखोर मिठाई से आपकी सेहत खराब कर सकते हैं.

Haldwani News
दीपावली में मिलावटखोरों से रहें सावधान.

हल्द्वानी: दीपावली नजदीक आते ही शहर में मिलावट खोर भी सक्रिय जाते हैं बाजार में बिक रहे मिलावटी खोवा, मैदा, दालमोठ तथा दूध की मिठाइयां लोगों को कभी भी बीमार कर सकते हैं. वहीं, खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा पकड़े गए सैंपल की जांच आने में छह माह तक का वक्त लग जाता है. ऐसे में विभाग द्वारा संबंधित प्रतिष्ठान पर कार्रवाई तक नहीं हो पाती है. जिससे मिलावट खोरी पर लगाम लगाना खाद्य सुरक्षा विभाग के लिए बड़ा चुनौती साबित हो रहा है.

दीपावली का त्योहार नजदीक है. दीपावली का पर्व मुंह मीठा किए बिनाअधूरा सा लगता है. लेकिन अगर आप इस दीपावली बाजार से मिठाई खरीदने वाले हैं, तो सावधानी से खरीदारी करें. इस त्योहारी सीजन में मिलावटखोर मिठाई से आपकी सेहत खराब कर सकते हैं. जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह का भी मानना है कि जांच रिपोर्ट आने में काफी देर होती है, ऐसे में विभाग द्वारा उक्त प्रतिष्ठान के खिलाफ समय रहते कार्रवाई नहीं हो पाती है. उन्होंने बताया कि खाद्य पदार्थों को विभाग द्वारा नमूना लेकर राज्य खाद्य प्रयोगशाला रुद्रपुर को भेजा जाता है.

दीपावली पर मिलावटखोर आपकी सेहत से कर सकते हैं खिलवाड़.

पढ़ें-देहरादून हुनर हाट मेले में दिख रही विभिन्न राज्यों की झलक, जमकर लुत्फ उठा रहे लोग

वैसे राज्य प्रयोगशाला से खाद्य पदार्थों के नमूनों की रिपोर्ट 14 दिन में आने का प्रावधान है. लेकिन प्रयोगशाला में अधिक लोड होने के चलते हैं रिपोर्ट आने में कई महीने लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस साल अभी तक 115 खाद्य पदार्थों के नमूने भेजे गए हैं. जबकि इस साल अभी तक 163 रिपोर्ट सामने आई हैं, जिसमें कई रिपोर्ट पिछले साल की भी जिसमें 24 नमूने अधोमानक पाए गए हैं. जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एडीएम कोर्ट को पेश किया गया है. उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग लोगों के सेहत के प्रति गंभीर हैं.

पढ़ें-इन तीन राज्यों से उत्तराखंड आने वाले यात्री दें ध्यान, निगेटिव कोविड रिपोर्ट से ही मिलेगी एंट्री

ऐसे में छापामारी और जांच के दौरान प्रथम दृष्टया खाद्य पदार्थ मानव सेहत से नुकसान प्रतीत होने और आंखों से मिलावट प्रतीत होने पर उसको तुरंत नष्ट करने की कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा सैंपलिंग की कर्रवाई खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत की जाती है, जिससे खाद्य पदार्थों के क्वॉलिटी की जांच हो सके.

हल्द्वानी: दीपावली नजदीक आते ही शहर में मिलावट खोर भी सक्रिय जाते हैं बाजार में बिक रहे मिलावटी खोवा, मैदा, दालमोठ तथा दूध की मिठाइयां लोगों को कभी भी बीमार कर सकते हैं. वहीं, खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा पकड़े गए सैंपल की जांच आने में छह माह तक का वक्त लग जाता है. ऐसे में विभाग द्वारा संबंधित प्रतिष्ठान पर कार्रवाई तक नहीं हो पाती है. जिससे मिलावट खोरी पर लगाम लगाना खाद्य सुरक्षा विभाग के लिए बड़ा चुनौती साबित हो रहा है.

दीपावली का त्योहार नजदीक है. दीपावली का पर्व मुंह मीठा किए बिनाअधूरा सा लगता है. लेकिन अगर आप इस दीपावली बाजार से मिठाई खरीदने वाले हैं, तो सावधानी से खरीदारी करें. इस त्योहारी सीजन में मिलावटखोर मिठाई से आपकी सेहत खराब कर सकते हैं. जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय सिंह का भी मानना है कि जांच रिपोर्ट आने में काफी देर होती है, ऐसे में विभाग द्वारा उक्त प्रतिष्ठान के खिलाफ समय रहते कार्रवाई नहीं हो पाती है. उन्होंने बताया कि खाद्य पदार्थों को विभाग द्वारा नमूना लेकर राज्य खाद्य प्रयोगशाला रुद्रपुर को भेजा जाता है.

दीपावली पर मिलावटखोर आपकी सेहत से कर सकते हैं खिलवाड़.

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वैसे राज्य प्रयोगशाला से खाद्य पदार्थों के नमूनों की रिपोर्ट 14 दिन में आने का प्रावधान है. लेकिन प्रयोगशाला में अधिक लोड होने के चलते हैं रिपोर्ट आने में कई महीने लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस साल अभी तक 115 खाद्य पदार्थों के नमूने भेजे गए हैं. जबकि इस साल अभी तक 163 रिपोर्ट सामने आई हैं, जिसमें कई रिपोर्ट पिछले साल की भी जिसमें 24 नमूने अधोमानक पाए गए हैं. जिनके खिलाफ कार्रवाई के लिए एडीएम कोर्ट को पेश किया गया है. उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा विभाग लोगों के सेहत के प्रति गंभीर हैं.

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ऐसे में छापामारी और जांच के दौरान प्रथम दृष्टया खाद्य पदार्थ मानव सेहत से नुकसान प्रतीत होने और आंखों से मिलावट प्रतीत होने पर उसको तुरंत नष्ट करने की कार्रवाई की जाती है. इसके अलावा सैंपलिंग की कर्रवाई खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत की जाती है, जिससे खाद्य पदार्थों के क्वॉलिटी की जांच हो सके.

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