नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए बुधवार 5 फरवरी को मतदान होना है. इस बार आम आदमी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस के साथ-साथ एआईएमआईएम भी चुनाव मैदान में है. एआईएमआईएम दिल्ली की दो सीटों मुस्तफाबाद और ओखला से चुनाव लड़ रही है. दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में मुस्लिमों की अच्छी-खासी आबादी है.
चुनाव में दोनों सीटों की खूब चर्चा रही है. यहां मुकाबला भी काफी दिलचस्प बताया जा रहा है. खास बात यह है कि एआईएमआईएम ने इन सीटों पर जो उम्मीदवार उतारे हैं, वे विभिन्न आरोपों के तहत जेल में हैं. एआईएमआईएम के उम्मीदवार उतारने से यहां मुकाबला कड़ा हो गया है.
इस संबंध में ईटीवी भारत ने एआईएमआईएम बिहार के अध्यक्ष अख्तरुल ईमान से खास बातचीत की. दिल्ली चुनाव में एआईएमआईएम ने सिर्फ दो सीटों पर ही उम्मीदवार क्यों उतारे? इस सवाल का जवाब देते हुए अख्तरुल ईमान ने कहा कि सिर्फ दो सीटों पर उम्मीदवार उतारने से राजनीतिक दलों में बेचैनी है, अगर ज्यादा उम्मीदवार उतारते तो क्या होता? साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उतनी ही सीटों पर उम्मीदवार उतारती है, जितने पर हम मेहनत कर सकते हैं.
अख्तरुल ईमान ने आगे कहा कि मुस्तफाबाद से एआईएमआईएम ने एक ऐसे व्यक्ति को मैदान में उतारा है जो निर्दोष होते हुए भी दिल्ली दंगों के आरोप में जेल में है, जबकि ओखला से शिफा उर-रहमान को मैदान में उतारा है जो सीएए आंदोलन से संबंधित आरोपों में जेल में हैं.
एआईएमआईएम ने उन्हें टिकट दिया तो क्या गलती की
उन्होंने कहा कि दोनों लोग करीब पांच साल से जेल में हैं और वह भी महज आरोपों के आधार पर. अगर एआईएमआईएम ने उन्हें टिकट दिया तो क्या गलती की? उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पूरी मेहनत और लगन के साथ मैदान में है और एआईएमआईएम के समर्थन में लोगों का प्यार बढ़ता जा रहा है. यही वजह है कि ओखला और मुस्तफाबाद सीट पर एआईएमआईएम जीतेगी.
एआईएमआईएम नेता ने कहा कि ओखला निर्वाचन क्षेत्र में पढ़े-लिखे लोग रहते हैं और पिछले कार्यकाल में यहां से विधायक रहे अमानतुल्लाह खान से नाराज हैं, जिसका फायदा एआईएमआईएम को मिलेगा.
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