हल्द्वानी: पहाड़ में स्वास्थ्य सेवाओं की लाइफलाइन कही जाने वाली 108 और खुशियों की सवारी सेवा के कर्मचारी 30 अप्रैल को सेवा समाप्त करने का नोटिस मिलने के बाद से रोष में है. इस फैसले के विरोध में कर्मचारी 24 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे है. इसके साथ 108 सेवा से जुड़े करीब 900 कर्मचारी 24 अप्रैल को सचिवालय का घेराव करेंगे और सरकार द्वारा नई टेंडर कंपनी में अपने समायोजन की मांग करेंगे.
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बता दें कि 108 और खुशियों की सवारी सेवा का संचालन करने वाली जीवीके कंपनी का टेंडर 30 अप्रैल को समाप्त हो रहा है. 1 मई से नया टेंडर कैम्प कंपनी को मिला है. जीवीके कंपनी में करीब 900 कर्मचारी कार्यरत है, लेकिन कंपनी ने कर्मचारियों को 30 अप्रैल को सेवा समाप्त करने का नोटिस दिया है.
ऐसे में कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है और उन्होंने अपने हक के लिए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 108 कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि प्रदेशभर में 108 सेवा के करीब 139 आपातकालीन वाहन है. जिसमें चालक, परिचालक और मेडिकल टेक्निशियन सहित करीब 900 कर्मचारी कार्यरत है, जो पिछले 11 सालों से 108 को अपनी सेवाएं दे रहे है.
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नई कंपनी अपने कर्मचारी रखने जा रही है, जो अनट्रेंड है. जबकि 108 सेवा में काम कर रहे सभी पुराने कर्मचारी ट्रेंड है और उत्तराखंड की रहने वाले है. नई कंपनी वर्तमान में कार्यरत सभी कर्मचारियों को निकाल रही है. कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांग सरकार से है कि नई कंपनी में पुराने कर्मचारियों की तैनाती की जाए. उनको पुराने वेतनमान के अनुसार ही काम पर रखा जाए, जिससे उनकी रोजी रोटी चल सके. 108 सेवा के महासचिव सीपी टम्टा ने बताया कि यदि सरकार उनकी मांगे नहीं मानती है तो वे 24 अप्रैल को सचिवालय का घेराव करने के साथ कार्य बहिष्कार करेंगे.