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राखी पर 'रौनक' तलाश रही सरोवर नगरी, चीनी राखियों का बहिष्कार

रक्षाबंधन को लेकर देशभर में उत्साह तो है लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों में बेहद कम लोग भी नजर आ रहे हैं. भारत-चीन सीमा विवाद के कारण चीनी राखियों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है.

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राखी के त्योहार के बावजूद नैनीताल के बाजारों में पसरा सन्नाटा
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Published : Jul 27, 2020, 2:56 PM IST

Updated : Jul 27, 2020, 5:26 PM IST

नैनीताल: भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन पर भी कोरोना का असर साफ देखा जा रहा है. भले ही बाजार अभी से राखी के त्योहार को लेकर पूरी तरह तैयार बैठे हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. इसके साथ ही भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद का असर चीनी राखियों पर देखने को मिल रहा है.

राखी के त्योहार के बावजूद नैनीताल के बाजारों में पसरा सन्नाटा

राखी के त्योहार पर हर साल की तरह बाजारों में रौनक देखने को नहीं मिल रही है. ग्राहकों की कमी के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है, जिस वजह से कारोबारियों में निराशा छाई है. इक्का-दुक्का लोग ही बाजारों का रुख कर रहे हैं, और राखी खरीद रहे हैं.

पढ़ें- सोनू सूद ने चंद घंटों में पूरा किया वादा, किसान के घर पहुंचाया ट्रैक्टर

इस दौरान जो बहनें अपने भाइयों के लिए राखी खरीदने के लिए बाजारों का रुख कर रही हैं वो भी पूर्ण रूप से देसी राखियां खरीद रही हैं. दरअसल, एलएसी पर हुए भारत-चीन सेनाओं के बीच हुए विवाद के बाद अब चाइनीज राखियों का पूर्ण बहिष्कार हो रहा है. कई बहनें घरों से दूर रह रहे अपने भाइयों को राखी डाक के माध्यम से भेज रही हैं.

नैनीताल: भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन पर भी कोरोना का असर साफ देखा जा रहा है. भले ही बाजार अभी से राखी के त्योहार को लेकर पूरी तरह तैयार बैठे हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है. इसके साथ ही भारत-चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद का असर चीनी राखियों पर देखने को मिल रहा है.

राखी के त्योहार के बावजूद नैनीताल के बाजारों में पसरा सन्नाटा

राखी के त्योहार पर हर साल की तरह बाजारों में रौनक देखने को नहीं मिल रही है. ग्राहकों की कमी के चलते बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है, जिस वजह से कारोबारियों में निराशा छाई है. इक्का-दुक्का लोग ही बाजारों का रुख कर रहे हैं, और राखी खरीद रहे हैं.

पढ़ें- सोनू सूद ने चंद घंटों में पूरा किया वादा, किसान के घर पहुंचाया ट्रैक्टर

इस दौरान जो बहनें अपने भाइयों के लिए राखी खरीदने के लिए बाजारों का रुख कर रही हैं वो भी पूर्ण रूप से देसी राखियां खरीद रही हैं. दरअसल, एलएसी पर हुए भारत-चीन सेनाओं के बीच हुए विवाद के बाद अब चाइनीज राखियों का पूर्ण बहिष्कार हो रहा है. कई बहनें घरों से दूर रह रहे अपने भाइयों को राखी डाक के माध्यम से भेज रही हैं.

Last Updated : Jul 27, 2020, 5:26 PM IST
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