हल्द्वानीः आखिरकार नाबालिग लड़की को हवस का शिकार बनाने वाला आरोपी दोषी साबित हो गया है. विशेष न्यायाधीश हल्द्वानी (पॉक्सो) नंदन सिंह की अदालत ने आरोपी रामरतन को दोषी करार देते हुए 20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा रामरतन पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.
शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि बीती 20 फरवरी 2022 को एक महिला ने कालाढूंगी थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें महिला ने कालाढूंगी के उदयपुरी कमोला निवासी 27 वर्षीय रामरतन पर अपनी नाबालिग बेटी को बहला फुसलाकर अपहरण कर अपने साथ ले जाने और दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था.
वहीं, शिकायत मिलने पर कालाढूंगी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 28 फरवरी 2020 को नाबालिग को कमोला क्षेत्र में बैल पोखरा के पास बरामद किया था. जिसके बाद पूरे मामले में पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट समेत अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.
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उधर, पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी रामरतन गिरफ्तार किया और कोर्ट में पेश किया था. अब विशेष न्यायाधीश नंदन सिंह की कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रामरतन को दोषी ठहराते हुए फैसला सुनाया है. शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नवीन चंद्र जोशी ने पैरवी की और मामले में 7 गवाहों की गवाही हुई है.
पूरे मामले में कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम की धारा 5(ठ)/6 के तहत 20 साल की सश्रम कारावास और 20 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है. वहीं, पीड़ित परिवार ने कोर्ट का फैसला का स्वागत कर न्याय मिलने की बात कही है.