नैनीताल: भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शुरू हो गई. जिसमें भाजपा अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, राष्ट्रीय महामंत्री संजय निर्मल, प्रदेश अध्यक्ष अंबा दत्त आर्य ने शिरकत की. राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह के नैनीताल पहुंचने पर भाजपा अनुसूचित मोर्चा ने उनका भव्य स्वागत किया. साथ ही बाइक रैली निकाली गई.
नैनीताल पहुंचे लाल सिंह आर्य ने सर्वप्रथम महात्मा गांधी और आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. जिसके बाद पार्टी के पदाधिकारियों व जिलाध्यक्षों की बैठक ली. जिसमें 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा की गई. सभी पदाधिकारियों को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई. बैठक के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी की सरकार बेहतर काम कर रही है. भाजपा सरकार ने अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों के लिए बेहतर कार्य किए हैं.
लाल सिंह आर्य ने कहा जनता का भाजपा पर पूर्ण विश्वास है. आने वाले विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड में फिर भाजपा कि सरकार बनेगी और पहाड़ों का विकास भी केवल भाजपा सरकार द्वारा ही किया जाएगा. प्रदेश में चारधाम से लेकर कोने-कोने तक सरकार द्वारा विकास कार्य किए जा रहे हैं. कोरोना काल में जनता को नि:शुल्क वैक्सीन लगाई गई और गरीबों को नि:शुल्क को खाद्यान्न का वितरण किया गया, जिससे स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार गरीबों की सरकार है.
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वहीं, इस मौके पर लाल आर्य कांग्रेस पार्टी पर हमला करने से नहीं चुके. उन्होंने कहा कांग्रेस दलित और संविधान विरोधी है. कांग्रेस सरकार द्वारा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की अंत्येष्टि दिल्ली में नहीं होने दी गई. कांग्रेस ने 1952 में बाबा साहब को मुंबई में चुनाव हराया. कांग्रेस ने आंबेडकर के नाम पर एक भी विकास कार्य नहीं किए, किसी भी विश्वविद्यालय संस्थान का नाम बाबा साहब के नाम पर नहीं रखा, जिससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस दलित विरोधी है.
वहीं, इसके विपरीत भाजपा ने आंबेडकर के नाम पर कई शिलान्यास व विकास कार्य किए. आंबेडकर जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया. भीम एप, सिक्का तक भाजपा सरकार द्वारा जारी किया गया. इतना ही नहीं आयुष्मान कार्ड, आवास व शौचालय का फायदा सबसे ज्यादा अनुसूचित जाति के लोगों को दिया गया. कांग्रेस दलितों को केवल वोट बैंक मांनती है. कांग्रेस दलितों को बरगला कर व भ्रमित कर अब तक केवल वोट लेने का काम करती रही है.
ऐसे में आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में पिछले विधानसभा की अपेक्षा 4 गुना अधिक वोट अनुसूचित जाति का मिलेगा. लाल सिंह आर्य ने कहा अगर जरूरत पड़ी तो जातीय समीकरण के आधार पर अनुसूचित जाति का उम्मीदवार सामान्य सीट से चुनाव लड़ सकता है. विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति का उम्मीदवार परिस्थिति और रणनीति के आधार पर चुनाव समिति फैसला करेगी.