हल्द्वानी: कोरोना महामारी के चलते पिछले 4 महीनों से निजी स्कूल बंद है, ऐसे में स्कूल संचालकों द्वारा अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव बनाया जा रहा है, कई निजी स्कूलों द्वारा तो मनमानी फीस भी ली जा रही है. लेकिन हाईकोर्ट और शासन के निर्देशों का भी इन निजी स्कूलों पर कोई असर नहीं पड़ रहा है, ऐसे में अब शिक्षा विभाग मनमानी करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है.
मुख्य शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार गुप्ता के बताया कि हाईकोर्ट और शासन के निर्देश के बाद निजी स्कूल केवल ऑनलाइन पढ़ाई करने के नाम पर ही शिक्षा शुल्क ले सकते हैं और अगर शिक्षा शुल्क के अलावा कोई भी निजी स्कूल कोई अन्य शुल्क लेता है तो उक्त स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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मुख्य शिक्षा अधिकारी के मुताबिक, कोई भी निजी स्कूल अभिभावकों से जबरदस्ती फीस देने का दबाव नहीं बना सकता है और न ही स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का नाम काट सकता है, उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों द्वारा फीस माफ नहीं की जाएगी मगर, अभिभावकों को अगर फीस देने में कोई दिक्कत है तो एप्लीकेशन देकर किश्तों में भी फीस जमा कर सकते हैं.
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वहीं, उन्होंने कहा है कि किसी भी स्कूलों द्वारा शासन के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए शिक्षा शुल्क के अलावा अगर कोई अन्य शुल्क लिया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ स्कूल की मान्यता भी रद्द की जाएगी. उन्होंने बताया कि निजी स्कूल पिछले साल लिए गए शिक्षा शुल्क के आधार पर ही इस साल अभिभावकों से शुल्क ले सकते हैं.