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पंजाब के युवक की कोलंबिया में मौत, डंकी रास्ते जा रहा था अमेरिका, एजेंट को दिये थे 43 लाख रुपये - PUNJAB YOUTH DIES IN COLOMBIA

डंकी मार्ग से यूएसए जाते समय 24 वर्षीय युवक की मौत हो गई. परिजनों ने पुलिस से कंबोडिया में फंसे होने की शिकायत की थी.

Punjab youth dies in Colombia
सांकेतिक तस्वीर. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 23, 2025, 7:34 PM IST

मोहाली: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिकी सरकार द्वारा अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजा जा रहा है. अबतक तीन बार हवाई जहाज से भारतीयों को वापस भेजा गया. उन लोगों को सुरक्षित देखकर घरवालों ने संतोष जताया. लेकिन, पंजाब के मोहाली का एक परिवार शायद इतना भाग्यशाली नहीं था. डंकी रास्ते अमेरिका के लिए गया उसका जवान बेटा वापस नहीं लौटा.

कैसे हुई मौतः मोहाली से अमेरिका जा रहे 24 साल के रणदीप सिंह की रास्ते में तबीयत खराब होने से मौत हो गई. एजेंट ने उसे कनाडा के रास्ते अमेरिका ले जाने का आश्वासन दिया था. लेकिन, अमेरिका पहुंचने से पहले रणदीप कई महीनों तक वियतनाम और फिर कंबोडिया में फंसा रहा. इस दौरान वह बीमार पड़ गया. उसे इलाज नहीं मिला. संक्रमण इतना बढ़ गया कि उसकी मौत हो गई.

सरकार से लगायी गुहारः जवान बेटे की मौत की खबर सुनकर परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार ने राज्य सरकार और भारत सरकार से अपील की है कि उनके बेटे का शव भारत वापस लाया जाए ताकि वे अपने बेटे को आखिरी बार देख सके. डेराबस्सी के गांव शेखपुरा कलां का 24 वर्षीय रणदीप सिंह 10वीं पास था. परिवार में सबसे छोटा था. परिवार गरीब है और मजदूरी करके घर का भरण-पोषण करता है.

गरीबी दूर करने गया था अमेरिकाः रणदीप ने अपने घर की हालत सुधारने के लिए अमेरिका जाने के बारे में सोचा. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अंबाला में रहने वाले एक रिश्तेदार ट्रैवल एजेंट से संपर्क किया. एजेंट ने शुरुआत में 50 लाख रुपये मांगे. बातचीत के बाद इसे घटाकर 43 लाख रुपये कर दिया गया. परिवार ने किसी तरह बेटे के लिए पैसों का इंतजाम किया. रिश्तेदारों और परिचितों से पैसे उधार लिए. 1 जून 2024 को अपने बेटे को अमेरिका भेज दिया.

और मौत की खबर आ गयीः इसी बीच अमेरिका में ट्रम्प की सरकार सत्ता में आ गई. बॉर्डर पर भी सख्ती थी, इसलिए एजेंट ने उसे वहीं रोक लिया. वह न तो उन्हें आगे भेज रहा था और न ही वापस भारत भेज रहा था. परिवारवालों ने 20 फरवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनका बेटा 8 महीने से कंबोडिया में फंसा हुआ है. एजेंट ने बेटे का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है. उसकी तबीयत बिगड़ रही है और उसे इलाज नहीं मिल रहा है. जब तक पुलिस कोई कार्रवाई करती, तब तक रणदीप की मौत की खबर आ चुकी थी.

इसे भी पढ़ेंः अवैध तरीके से अमेरिका जाने में जान का खतरा, करोड़ों रुपये ऐंठ लेते दलाल, फिर भी बढ़ रही संख्या

इसे भी पढ़ेंः अमेरिका: ट्रंप सरकार के पहले दिन 300 से अधिक अवैध अप्रवासी हिरासत में लिए गए

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कैसे हुई मौतः मोहाली से अमेरिका जा रहे 24 साल के रणदीप सिंह की रास्ते में तबीयत खराब होने से मौत हो गई. एजेंट ने उसे कनाडा के रास्ते अमेरिका ले जाने का आश्वासन दिया था. लेकिन, अमेरिका पहुंचने से पहले रणदीप कई महीनों तक वियतनाम और फिर कंबोडिया में फंसा रहा. इस दौरान वह बीमार पड़ गया. उसे इलाज नहीं मिला. संक्रमण इतना बढ़ गया कि उसकी मौत हो गई.

सरकार से लगायी गुहारः जवान बेटे की मौत की खबर सुनकर परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. परिवार ने राज्य सरकार और भारत सरकार से अपील की है कि उनके बेटे का शव भारत वापस लाया जाए ताकि वे अपने बेटे को आखिरी बार देख सके. डेराबस्सी के गांव शेखपुरा कलां का 24 वर्षीय रणदीप सिंह 10वीं पास था. परिवार में सबसे छोटा था. परिवार गरीब है और मजदूरी करके घर का भरण-पोषण करता है.

गरीबी दूर करने गया था अमेरिकाः रणदीप ने अपने घर की हालत सुधारने के लिए अमेरिका जाने के बारे में सोचा. इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने अंबाला में रहने वाले एक रिश्तेदार ट्रैवल एजेंट से संपर्क किया. एजेंट ने शुरुआत में 50 लाख रुपये मांगे. बातचीत के बाद इसे घटाकर 43 लाख रुपये कर दिया गया. परिवार ने किसी तरह बेटे के लिए पैसों का इंतजाम किया. रिश्तेदारों और परिचितों से पैसे उधार लिए. 1 जून 2024 को अपने बेटे को अमेरिका भेज दिया.

और मौत की खबर आ गयीः इसी बीच अमेरिका में ट्रम्प की सरकार सत्ता में आ गई. बॉर्डर पर भी सख्ती थी, इसलिए एजेंट ने उसे वहीं रोक लिया. वह न तो उन्हें आगे भेज रहा था और न ही वापस भारत भेज रहा था. परिवारवालों ने 20 फरवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उनका बेटा 8 महीने से कंबोडिया में फंसा हुआ है. एजेंट ने बेटे का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया है. उसकी तबीयत बिगड़ रही है और उसे इलाज नहीं मिल रहा है. जब तक पुलिस कोई कार्रवाई करती, तब तक रणदीप की मौत की खबर आ चुकी थी.

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