हरिद्वारः आगामी 24 तारीख को अखाड़ा परिषद की बैठक होने जा रही है. बैठक को लेकर बैरागियों ने एक बार फिर अखाड़ा परिषद पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि जब अखाड़ा परिषद से बैरागियों के 3 अणी अलग हो गए हैं तो उसके बाद अखाड़ा परिषद का अस्तित्व ही नहीं बचता. इसलिए अखाड़ा परिषद की होने जा रही बैठक का कोई औचित्य नहीं है.
आगामी 24 फरवरी को कुंभ के आयोजन को लेकर अखाड़ा परिषद की बैठक होने जा रही है. बैठक पर बोलते हुए बैरागी संतों ने अखाड़ा परिषद पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उसके अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं. बैरागी संत अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अणी अखाड़ा के महंत रामशरण दास का कहना है कि बैरागियों के तीन अणीय अखाड़े परिषद का बहिष्कार करते हुए अलग हो चुके हैं. जिसके बाद अखाड़ा परिषद के अस्तित्व का कोई सवाल ही नहीं उठता.
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अखाड़ा परिषद की बैठक पर बोलते हुए महंत विष्णु दास ने कहा कि अखाड़ा परिषद की ओर से कहा जा रहा है कि उनकी बैरागियों की तीन अणियों से वार्ता हो रही है. यह गलत है क्योंकि बैरागियों को बैठक के विषय में अभी तक कोई भी सूचना नहीं दी गई है. इससे जाहिर होता है कि अखाड़ा परिषद किस तरह का पक्षपात कर रहा है.
वहीं, जगद्गुरु रामानंदाचार्य ने साफ शब्दों में कहा कि अखाड़ा परिषद की होने वाली बैठक अगर संन्यासियों की छावनी में होती है तो ही वह मान्य होगी. अन्यथा बैरागी संत अखाड़ा परिषद की बैठक में सम्मिलित नहीं होंगे.
12फरवरीको अलग हुए थे तीन अणी
कुंभमेला 2021मेंव्यवस्थाएं दुरुस्त न होनेसे नाराज और शासन पर उपेक्षाका आरोप लगाते हुए बैरागियोंके तीन अणियों ने अखिल भारतीयअखाड़ा परिषद का बहिष्कार करदिया था.बैरागीअखाड़ों के साधु-संतोंने बैरागी कैम्प में बैठक करतीनों अखाड़ों की अनदेखी काआरोप लगाया था.बैरागीसमुदाय के संन्यासी,उदासीनऔर निर्मल संप्रदाय के तीनोंअखाड़ों ने अपने आप को अखिलभारतीय अखाड़ा परिषद से अलगकरते हुए परिषद का बहिष्कारकर दिया था.हालांकिइसके बाद अखिल भारतीय अखाड़ापरिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्रगिरि ने सब कुछ ठीक करने कीबात कही थी.