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आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए तैयार किया अनोखा ड्रोन, जानिए कीमत और खूबी - Scientists of IIT Roorkee

आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए खास ड्रोन (unique drone for farmers) तैयार किया है. इस ड्रोन की कीमत 11 लाख रुपये (Drone cost Rs 11 lakh) है. इस ड्रोन के जरिये किसान अपने खेतों में छिड़काव व निगरानी कर सकेंगे.

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किसानों के लिए तैयार किया अनोखा ड्रोन
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Published : Nov 26, 2022, 2:07 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 7:51 PM IST

रुड़की: राज्य सरकार के ड्रोन से रोजगार देने के सपने को आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) के वैज्ञानिक साकार करने जा रहे हैं. आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एक किफायती ड्रोन बनाया है. जिसके माध्यम से किसान अपने खेतों में छिड़काव व निगरानी कर सकेंगे.

11 लाख रुपए है ड्रोन की कीमत: बता दें आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने 11 लाख रुपये की लागत वाला एक ड्रोन बनाया है, जो किसानों के खेतों की निगरानी व छिड़काव की समस्या को दूर करने में लाभदायक होगा. साथ ही ड्रोन को उड़ाने के लिए युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. वहीं, जो किसान इस ड्रोन को खरीदने में सक्षम नहीं हैं वो इसे किराए पर लेकर भी काम करा सकेंगे.
पढे़ं- प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण में 18,602 अतिरिक्त आवासों को मिली स्वीकृति

युवाओं के लिए फायदेमंद होगा ड्रोन: आईआईटी के शोधकर्ता छात्रों का कहना है कि वह ऑर्डर पर ड्रोन तैयार करते हैं. साथ ही इसको चलाने के लिए ट्रेनिंग भी देते हैं. उन्होंने बताया ये आधुनिक युग है. इसमें ड्रोन की ख़ास अहमियत है. यहां हर तरीके के ड्रोन बनाए जाते हैं ताकि किसी भी क्षेत्र में काम आ सकें.
पढे़ं- लक्सर शुगर मिल ने किया गन्ना किसानों का भुगतान, समितियों को दिये ₹22.54 करोड़

शोधकर्ता छात्रों ने कहा कि किसानों को इसका सबसे अधिक फायदा होगा. उनके स्वास्थ्य और समय की इससे बचत होगी. आईआईटी के वैज्ञानिक प्रो. कमल जैन ने बताया कि, ये आधुनिक समय का ड्रोन का है. इससे किसानों से लेकर युवाओं को रोजगार मिलेगा. उन्होंने बताया कि खेतों में पेस्टीसाइड को किसान कंधे पर लेकर चलता है या ट्रैक्टर में ले जाकर स्प्रे किया जाता है. इसमें काफी समय और मेहनत लगती है. अब इस ड्रोन टेक्नालॉजी के जरिए पानी और पेस्टीसाइड इसमें भरकर इसमें ऑटोमेटिक क्षेत्र फिक्स कर दिया जाता है कि कितने एरिया को कवर करना है. कितना और किस जगह स्प्रे करना है, उस मुताबिक ये काम करेगा.

IIT Roorkee
किसानों के लिए तैयार किया अनोखा ड्रोन

जैन ने बताया कि अगर काम के वक्त ड्रोन के सामने कहीं रुकावट आती है तो उससे टकराएगा नहीं बल्कि अपना रास्ता बदल लेगा. उन्होंने बताया कि बड़े किसान ड्रोन की मदद ले रहे हैं जैसे गुजरात और दक्षिण भारत के कई किसान इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन किसान इसे हायर भी कर सकते हैं.

रुड़की: राज्य सरकार के ड्रोन से रोजगार देने के सपने को आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) के वैज्ञानिक साकार करने जा रहे हैं. आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए एक किफायती ड्रोन बनाया है. जिसके माध्यम से किसान अपने खेतों में छिड़काव व निगरानी कर सकेंगे.

11 लाख रुपए है ड्रोन की कीमत: बता दें आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने 11 लाख रुपये की लागत वाला एक ड्रोन बनाया है, जो किसानों के खेतों की निगरानी व छिड़काव की समस्या को दूर करने में लाभदायक होगा. साथ ही ड्रोन को उड़ाने के लिए युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. वहीं, जो किसान इस ड्रोन को खरीदने में सक्षम नहीं हैं वो इसे किराए पर लेकर भी काम करा सकेंगे.
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युवाओं के लिए फायदेमंद होगा ड्रोन: आईआईटी के शोधकर्ता छात्रों का कहना है कि वह ऑर्डर पर ड्रोन तैयार करते हैं. साथ ही इसको चलाने के लिए ट्रेनिंग भी देते हैं. उन्होंने बताया ये आधुनिक युग है. इसमें ड्रोन की ख़ास अहमियत है. यहां हर तरीके के ड्रोन बनाए जाते हैं ताकि किसी भी क्षेत्र में काम आ सकें.
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शोधकर्ता छात्रों ने कहा कि किसानों को इसका सबसे अधिक फायदा होगा. उनके स्वास्थ्य और समय की इससे बचत होगी. आईआईटी के वैज्ञानिक प्रो. कमल जैन ने बताया कि, ये आधुनिक समय का ड्रोन का है. इससे किसानों से लेकर युवाओं को रोजगार मिलेगा. उन्होंने बताया कि खेतों में पेस्टीसाइड को किसान कंधे पर लेकर चलता है या ट्रैक्टर में ले जाकर स्प्रे किया जाता है. इसमें काफी समय और मेहनत लगती है. अब इस ड्रोन टेक्नालॉजी के जरिए पानी और पेस्टीसाइड इसमें भरकर इसमें ऑटोमेटिक क्षेत्र फिक्स कर दिया जाता है कि कितने एरिया को कवर करना है. कितना और किस जगह स्प्रे करना है, उस मुताबिक ये काम करेगा.

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किसानों के लिए तैयार किया अनोखा ड्रोन

जैन ने बताया कि अगर काम के वक्त ड्रोन के सामने कहीं रुकावट आती है तो उससे टकराएगा नहीं बल्कि अपना रास्ता बदल लेगा. उन्होंने बताया कि बड़े किसान ड्रोन की मदद ले रहे हैं जैसे गुजरात और दक्षिण भारत के कई किसान इसका इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन किसान इसे हायर भी कर सकते हैं.

Last Updated : Nov 26, 2022, 7:51 PM IST
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