हरिद्वार: जिलाधिकारी सी. रविशंकर की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को जिला निधि से कोविड-19 टेस्टिंग के लिये इनीशिएटिव देने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि इससे अन्य लैब भी टेस्टिंग के लिये आगे आयेंगे.
उन्होंने कहा कि वर्तमान में एक दिन में दो हजार आरटीपीसीआर टेस्ट करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से डेढ़ हजार के आसपास हम टेस्ट कर पा रहे हैं. इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हम टेस्टिंग के लिये टीम बढ़ाने का भी प्रयास कर रहे हैं तथा मेडिकल के अंतिम वर्ष के छात्रों की भी इसमें मदद लेने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके लिये उन्हें स्टाइपेंड भी दिया जा सकता है.
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सैंपलिंग के लिये जिस दिन जिस इलाके में जाना हैं, वह इलाका पहले तय हो जाना चाहिए, जिसकी जानकारी वहां के लोगों को होनी चाहिए. अगर सहज रूप से जनता टेस्ट कराने आती है तो ठीक है, अन्यथा संबंधित के विरूद्ध महामारी अधिनियम व आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई भी की जा सकती है. बैठक में अधिकारियों ने जिलाधिकारी को बताया कि टेस्टिंग के लिये लोगों में जागरूकता लाने की भी आवश्यकता है.
यह भी पढ़ें-कब जागोगे सरकारः दस किलोमीटर कंधे पर लादकर बुजुर्ग महिला को पहुंचाया अस्पताल
जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों को समझाया जाए कि उनके टेस्ट न कराने से समाज में कोविड-19 का संक्रमण बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि जागरूकता बढ़ाने के लिये सोशल मीडिया में वाॅयस मैसेज चल रहा है. जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा के महत्व को समझते हुये आपदा से संबंधित जो भी कार्य हों, उन्हें त्वरित गति से किया जाना चाहिये. अधिकारियों ने जिलाधिकारी को विजन-20-20 के अंतर्गत दी जाने वाली ट्रेनिंग के संबंध में जानकारी दी, जिसमें 20 लोगों को ट्रेनिंग दी जानी है. जिलाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के नियमों का ध्यान रखते हुये ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाया जा सकता है.