हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार का आध्यात्मिक आभामंडल हमेशा से ही विदेशी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है. जहां साल भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति से प्रभावित होकर सुदूर यूरपीय देश लिथुआनिया के निवासियों ने नई पहल की है.
वहीं हरिद्वार पहुंचे लिथुआनिया के दल ने हरकी पैड़ी पर हवन पूजन कर अपने पूर्वजों के नाम की वंशावली तैयार की. विदेशियों की इस पहल को तीर्थ पुरोहितों द्वारा काफी सराहा जा रहा है. भारत की संस्कृति और विरासत अपने आप में अनूठी है. जिसे जानने के लिए विदेशी श्रद्धालु लालायित रहते हैं.
वहीं लिथुआनिया से आये एक दल ने विधि-विधान से हरकी पैड़ी पर हवन यज्ञ कर अपना वंसलेखन करवाया. उनका मनना है कि भारतीय सनातन परंपरा सारी दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है. कई सदियों पूर्व उनके पूर्वज इस देश से चले गए थे. मगर उनकी आज की पीढ़ियों में अब भी भारतीय संस्कृति से जुड़ाव बना हुआ है.
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यही वजह है कि उन्होंने एक बार फिर भारतीय परंपरा का अनुपालन कर वंशावली तैयार करवाई है. सुदूर विदेशियों के इस तरह भारतीय परंपरा से जुड़ने से तीर्थ पुरोहित भी उत्साहित हैं. हरिद्वार हरकी पैड़ी स्थित पांडा समाज द्वारा संकलित बहियों में आज भी देश के कई वंशों का इतिहास आसानी से खंगाला जा सकता है.
अब विदेशियों के इससे जुड़ने से एक नई शुरुआत हुई है. आने वाले समय में अब बड़ी संख्या में विदेशियों के जुड़ने की संभावना है. जिससे वे भारतीय संस्कृति से अपने को जोड़ सकें.