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किसानों ने लगाया घटतौली का आरोप, SDM से की शिकायत

उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा का कहना है कि किसानों की इस समस्या को देखते हुए उन्होंने माप-तोल विभाग को निर्देशित किया है, वे शीघ्र किसानों की सभी शिकायतों की जांच करेंगे.

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किसानों लगाया घटतौली का आरोप
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Published : Nov 4, 2020, 1:19 PM IST

लक्सर: हरिद्वार के लक्सर में उत्तराखंड किसान मोर्चा कार्यकर्ताओं ने धर्मकांटों पर घटतौली करने वालों के खिलाफ उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा से शिकायत की है. साथ ही किसानों ने उपजिलाधिकारी से ऐसे धर्मकांटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

किसानों ने लगाया घटतौली का आरोप.

दरअसल, प्रत्येक चर्खी मालिक ने अपना एक धर्मकांटा निश्चित कर रखा है. तोल के बाद चर्खी मालिक उसी बुग्गी व ट्रॉली का गन्ना खरीदते हैं. वहीं, किसानों का आरोप है, कि चर्खी मालिक उनका गन्ना कम मूल्यों पर खरीदते हैं और अपनी निर्धारित चर्खी पर घटतौली कर उनका शोषण करते हैं. जबकि धर्मकांटों पर एक से डेढ़ कुंतल तक का फर्क आता है. किसानों ने बताया कि चर्खी मालिक के कांटों पर गन्ने की तोल 47-50 कुंतल होती है, जबकि कंप्यूटर युक्त धर्मकांटे पर इसी गन्ने की तोल 48-60 कुंतल तक होती है. लेकिन चर्खी स्वामी ने अन्य कांटे की तोल को ना मानते हुए अपने अपने निश्चित कांटे की तोल को ही सही ठहराते हैं.

ये भी पढ़ें: मनमानी करने पर निर्माणदाई संस्थाओं पर होगी कार्रवाई, DIG ने दिए निर्देश

वहीं, चर्खी मालिकों की मनमानी से परेशान किसानों ने उप जिलाधिकारी पूरण सिंह राणा से मुलाकात की. साथ ही इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की. इस संबंध में उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा का कहना है कि किसानों की इस समस्या को देखते हुए उन्होंने माप-तोल विभाग को निर्देशित किया है, वे शीघ्र किसानों की सभी शिकायतों की जांच करेंगे.

लक्सर: हरिद्वार के लक्सर में उत्तराखंड किसान मोर्चा कार्यकर्ताओं ने धर्मकांटों पर घटतौली करने वालों के खिलाफ उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा से शिकायत की है. साथ ही किसानों ने उपजिलाधिकारी से ऐसे धर्मकांटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.

किसानों ने लगाया घटतौली का आरोप.

दरअसल, प्रत्येक चर्खी मालिक ने अपना एक धर्मकांटा निश्चित कर रखा है. तोल के बाद चर्खी मालिक उसी बुग्गी व ट्रॉली का गन्ना खरीदते हैं. वहीं, किसानों का आरोप है, कि चर्खी मालिक उनका गन्ना कम मूल्यों पर खरीदते हैं और अपनी निर्धारित चर्खी पर घटतौली कर उनका शोषण करते हैं. जबकि धर्मकांटों पर एक से डेढ़ कुंतल तक का फर्क आता है. किसानों ने बताया कि चर्खी मालिक के कांटों पर गन्ने की तोल 47-50 कुंतल होती है, जबकि कंप्यूटर युक्त धर्मकांटे पर इसी गन्ने की तोल 48-60 कुंतल तक होती है. लेकिन चर्खी स्वामी ने अन्य कांटे की तोल को ना मानते हुए अपने अपने निश्चित कांटे की तोल को ही सही ठहराते हैं.

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वहीं, चर्खी मालिकों की मनमानी से परेशान किसानों ने उप जिलाधिकारी पूरण सिंह राणा से मुलाकात की. साथ ही इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की. इस संबंध में उपजिलाधिकारी पूरण सिंह राणा का कहना है कि किसानों की इस समस्या को देखते हुए उन्होंने माप-तोल विभाग को निर्देशित किया है, वे शीघ्र किसानों की सभी शिकायतों की जांच करेंगे.

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