हरिद्वार: सावन का आज दूसरा सोमवार है. सभी मंदिर भगवान शिव शंकर के जयकारों से गूंज रहे हैं. शिव शंकर के ससुराल दक्षेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान शिव का जलाभिषेक करने उमड़ी. साथ ही लोगों द्वारा सोशल-डिस्टेंसिंग का भी पालन किया गया. माना जाता है कि सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है.
मान्यता है कि सावन माह में भगवान शिव अपने ससुराल कनखल स्थित दक्ष प्रजापति में निवास करते हैं. इस दौरान जो भी भक्त यहां पर भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. कोरोना वायरस के चलते बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम है, मगर हरिद्वार के निवासी भारी संख्या में मंदिर में भगवान शिव का जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं. इसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन और मंदिर प्रबंधक द्वारा भक्तों की सुरक्षा के इंतजाम किए गये हैं. भक्त मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश न कर बाहर से ही भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहे हैं.
मंदिर के पुजारी महंत विश्वेश्वर पुरी का कहना है कि सावन के महीने में भगवान शिव यही निवास करते हैं, क्योंकि भगवान शिव की यह स्थान ससुराल है. यह राजा दक्ष का मंदिर है, इसलिए इसे दक्षेश्वर महादेव मंदिर कहते हैं. श्रद्धालु इस मंदिर में श्रद्धा पूर्वक गंगा जल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र और पुष्प भगवान शिव को अर्पण करते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. उन्होंने कहा कि आज सावन का दूसरा सोमवार है इसलिए काफी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं.
मंदिर की पौराणिक मान्यता
ऐसी मान्यता है कि सावन मास में ही माता पार्वती ने भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी. सावन मास में ही भोलेनाथ अपनी ससुराल कनखल यानी दक्ष प्रजापति महादेव मंदिर में रहते हैं. यदि इस माह कोई भी भगवान शिव का जलाभिषेक और पूजा करता है तो उसकी सभी कामनाएं पूरी हो जाती है.