नई दिल्ली: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने गुरुवार को तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियों को कारगर बनाने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि चुनावों का भविष्य टेकनोलॉजी, सोशल मीडिया, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और साइबर सिक्योरिटी में प्रगति और चुनौतियों से आकार लेगा.
नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन के अवसर पर कुमार ने कहा कि 2024 चुनौतियों और जटिलताओं के बीच डेमोक्रेटिक वैल्यूज की पुष्टि के लिए इलेक्शन मैनेजमेंट बॉडी के लिए एक निर्णायक साल है. उन्होंने कार्यकुशलता, पारदर्शिता और मतदाता विश्वास बढ़ाने में टेक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया.
उन्होंने कहा, "टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, यह साइबर सुरक्षा खतरों और गलत सूचना जैसी चुनौतियां भी लाती है." कुमार ने इलेक्शन मैनेजमेंट बॉडी से इन तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियों को कारगर बनाने का आग्रह किया, ताकि जोखिमों को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके"
सम्मेलन की थीम
बता दें कि 'ग्लोबल इलेक्शन ईयर 2024: रीटरेशन ऑफ डेमोक्रेटित स्पेसेस टेकअवे फॉर इलेक्सन मैनेजमेट बॉडी' थीम पर सम्मेलन का आयोजन भारत के चुनाव आयोग द्वारा किया जा रहा है, जो 2024 में भारत और अन्य देशों में चुनाव कराने में इलेक्शन मैनेजमेंट बॉडीज के विविध अनुभवों पर आधारित है.
सम्मेलन में लगभग 13 देशों के चुनाव आयोग और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि कंटेम्प्रेरी इलेक्शन मैनेजमेंट के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा के लिए एकत्रित हुए हैं. इनमें भूटान, जॉर्जिया, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, आयरलैंड, मॉरीशस, फिलीपींस, रूसी संघ, ट्यूनीशिया और नेपाल सहित 13 देशों के लगभग 30 प्रतिनिधि शामिल हुए हैं.
चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास को खत्म करने वाले फर्जी नैरेजिट के खिलाफ चेतावनी देते हुए कुमार ने कहा कि इस तरह के फर्जी नैरेटिव आम तौर पर चुनाव प्रक्रिया के महत्वपूर्ण मोड़ पर इसके महत्वपूर्ण पहलुओं को निशाना बनाने के लिए बनाए जाते हैं. कुमार ने चुनावों के भविष्य को आकार देने वाले प्रमुख रुझानों को भी रेखांकित किया, जिसमें एआई-संचालित प्रक्रियाएं, ऑनलाइन और दूरस्थ मतदान, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और वैश्विक सहयोग में वृद्धि शामिल है.
इलेक्शन मैनेजमेंट की भूमिका
उन्होंने सभी प्रतिभागियों से चुनावों को अधिक पारदर्शी, समावेशी और सुलभ बनाने में तकनीकी प्रगति के साथ अवसरों का पता लगाने का आह्वान किया. उन्होंने न केवल वैश्विक स्तर पर चुनावी प्रक्रियाओं की सुरक्षा करने में, बल्कि उनकी पहुंच और प्रभाव का विस्तार करने में भी इलेक्शन मैनेजमेंट की भूमिका को रेखांकित किया.
चुनाव मैनेजमेंट में टेक्नोलॉजी की भूमिका - अवसर और चुनौतियां विषय पर आयोजित सत्र में बोलते हुए भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त दाशो सोनम टोपगे ने ईवीएम उपलब्ध कराने के लिए भारत की सराहना की और भूटान में चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल के बाद से ईवीएम द्वारा लाई गई प्रक्रिया दक्षता की तारीफ की.
'ईवीएम ने भूटान में लोगों का विश्वास जीता'
उन्होंने कहा कि ईवीएम ने भूटान में लोगों का विश्वास जीता है. उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान के चुनाव प्रबंधन निकायों ने 2024 में अपने चुनावी अनुभव पर प्रस्तुतियां दीं और सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं, भ्रामक सूचनाओं और फर्जी बयानों के बारे में अपनी चिंताओं को उजागर किया, जो लाइव चुनावों में चुनावी अखंडता को प्रभावित करते हैं.
फर्जी खबरों के खतरे पर जोर
मॉरीशस के मुख्य चुनाव आयुक्त अब्दुल रहमान ने भी मतदाताओं के विश्वास को कम करने के लिए फर्जी खबरों के खतरे पर जोर दिया. चुनाव कर्मचारियों की भर्ती के लिए फर्जी ऑनलाइन आवेदनों के एक विशेष मामले पर प्रकाश डालते हुए रहमान ने चुनावों के दौरान गलत सूचनाओं और भ्रामक सूचनाओं के खतरे को बढ़ाने में प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की.
इंडोनेशिया के चुनाव आयुक्त इदान होलिक ने वास्तविक समय में गलत सूचनाओं से निपटने के लिए एक डेडिकेटेड वॉट्सऐप चैनल का उपयोग करने के अपने अनुभव के बारे में बात की. सम्मेलन के पहले दिन चुनाव प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और चुनाव प्रबंधन पर उनके प्रभाव, समावेशी और सुलभ चुनावों के लिए चुनावी समानता को बढ़ावा देने और क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व सहित कई सत्र होंगे.
वहीं , अब शुक्रवार को दूसरे दिन लोकतंत्र के लिए 'चुनावों का भविष्य' पर एक सत्र आयोजित किया जाएगा और चुनावों और चुनावी लोकतंत्रों के बेहतर तालमेल और मजबूती के लिए साझा प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए एक 'परिणाम दस्तावेज/घोषणा' के साथ इसका समापन होगा.