देहरादून: राजनीतिक जानकार भी इस बात को लेकर बड़े अचंभित हैं कि जिस हरिद्वार ने 7 महीने पहले बीजेपी को 5 सीटों का नुकसान करके एक बड़ा झटका दिया था, उसी हरिद्वार ने आखिरकार कैसे जिला पंचायत चुनावों में बीजेपी का कमल खिला दिया. खास बात यह है कि 14 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी के साथ अब निर्दलीय ही नहीं बल्कि अन्य प्रत्याशी भी खुलकर समर्थन में आ गए हैं. इस तरह से समर्थन लेकर बीजेपी आने वाले हफ्ते में अपना बोर्ड बनाने में कामयाब हो जाएगी.
बीजेपी के लिए ऐतिहासिक है ये जीत: हरिद्वार जिला पंचायत चुनाव में न केवल भारतीय जनता पार्टी की साख दांव पर थी, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक सहित पूर्व मंत्री और विधायक मदन कौशिक, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के साथ-साथ उन तमाम विधायकों की भी सांसें अटकी हुई थी जिनके ऊपर आलाकमान ने चुनाव जीतने का जोरदार प्रेशर बना रखा था. इन नेताओं को जिला पंचायत चुनावों में भी विधानसभा चुनाव की तरह ही प्रचार प्रसार करना पड़ा. हालत ये थी कि 10-10, 15 -15 लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक दिखे तो स्थानीय विधायक भी गांव में कैंप करते दिखाई दिए. भारतीय जनता पार्टी ने इस पूरे चुनाव में कांग्रेस और बसपा को सबसे बड़ा झटका दिया है.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार पंचायत चुनाव में निर्वाचित 11 BDC सदस्य बीजेपी में शामिल, मिशन 2024 में जुटी BJP
बीजेपी पहली बार जीती हरिद्वार पंचायत चुनाव: दरअसल उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से अब तक कभी कांग्रेस तो कभी बसपा का ही हरिद्वार जिले में बोर्ड बनता आया था. ऐसे में विधानसभा चुनावों में आए परिणाम भी यही इशारा कर रहे थे कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस को अच्छा खासा समर्थन मिल जाएगा. लेकिन परिणाम आने के बाद सारे के सारे समीकरण धरे के धरे रह गए. भारतीय जनता पार्टी ने 40 में से 14 सीटों पर जीत हासिल की है तो वहीं कांग्रेस मात्र 5 सीटों पर सिमट कर रह गई. बसपा को 6 सीटें मिली हैं. लेकिन जितने भी निर्दलीय प्रत्याशी हैं, वह धीरे-धीरे करके बीजेपी के पाले में आने लगे हैं. बीजेपी के तमाम बड़े नेता निर्दलीयों के दरवाजे खटखटाते हुए दिख जाते हैं. अगले ही दिन भारतीय जनता पार्टी के देहरादून दफ्तर में उनकी ताजपोशी भारतीय जनता पार्टी में कर दी जाती है.
जानकार बोले सब मोदी मैजिक: उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं इसमें कोई दो राय नहीं है कि बीजेपी ने जिस तरह से बड़े चुनावों में चुनाव प्रचार का तरीका अपनाया है, उसके बाद देश के कई हिस्सों में उनको सफलता हासिल होने लगी है. ऐसे ही पंचायत चुनाव में भी हमने देखा कि भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े नेता मोदी मोदी करते दिखाई दे रहे थे. मोदी मैजिक हरिद्वार पंचायत चुनाव में भी काम कर गया.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार पंचायत चुनाव 2022: सभी सीटों पर नतीजे घोषित, पहली बार बोर्ड बनाएगी बीजेपी, तोड़े पुराने मिथक
मोदी के नाम पर मिलते हैं वोट: भागीरथ शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों को ही बता रहे थे. बीजेपी इस बात को सीधे तौर पर समझ गई है कि चुनाव छोटा हो या बड़ा चुनाव चुनाव की तरह से ही लड़ा जाएगा. जबकि अन्य पार्टियां इस मामले में काफी पीछे हैं. आप पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर अगर देखेंगे तो गांव के गांव बीजेपी के बैनर पोस्टर से पटे पड़े हैं. मौजूदा समय में जो दिख रहा है वही बिक रहा है. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने इस बात को अच्छी तरह से समझ लिया है.
बीजेपी के आगे कांग्रेस ने डाले हथियार: इसमें कोई दो राय नहीं है कि चुनावी परिणाम बीजेपी के पक्ष में हैं और उसके बाद सोने पर सुहागा यह हुआ कि तमाम निर्दलीय जीते हुए प्रत्याशियों ने बीजेपी के पक्ष में ही जाना उचित समझा. इन चुनावों में एक बात ये भी देखने को मिली है कि कांग्रेस के बड़े नेता भले ही वह हरीश रावत हों या देहरादून में बैठे प्रीतम सिंह, करण माहरा और अन्य नेता, उन्होंने जिला पंचायत चुनाव को बेहद हल्के में लिया है. उनकी तरफ से कोई भी ऐसी कोशिश इन चुनावों में नहीं दिखी जो यह बताती हो कि निर्दलीयों से उनकी बातचीत चल रही है या निर्दलीय उनके पास आ सकते हैं. तमाम पार्टियों ने मानो बीजेपी को फ्री हैंड कर दिया है.
ये भी पढ़ें: पंचायत चुनाव के बाद कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, BJP में शामिल हुए विधायक ममता राकेश के बेटा-बेटी
2024 के लिए मिली बीजेपी को संजीवनी: जिला पंचायत चुनावों के परिणामों को लेकर उत्तराखंड बीजेपी के तमाम बड़े नेता बेहद खुश हैं. खुशी इस बात की भी है कि जिस किले को 7 महीने पहले वह गिरा हुआ समझ रहे थे, उस किले को पंचायत चुनावों ने एक बार फिर से खड़ा कर दिया है. इतना ही नहीं साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड की सबसे महत्वपूर्ण सीट अगर कोई है तो वह हरिद्वार है. हरिद्वार में अगर बीजेपी के पक्ष में पंचायत चुनाव के परिणाम आए हैं तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून की अन्य सीटों के साथ मिलकर बनी हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी काफी अच्छी बढ़त से इस बार चुनावी मैदान में उतरेगी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और रमेश पोखरियाल निशंक की साख जिस तरह से इस चुनावों में लगी हुई थी, उसको भी काफी हद तक बल मिला है. अब देखना यह भी होगा कि आने वाले चुनावों में बीजेपी इस अभियान को जारी रख पाती है या नहीं.
मुसलमानों का बीजेपी में बढ़ा विश्वास!: रमेश पोखरियाल निशंक पंचायत चुनाव को लेकर मीडिया से यह पहले ही कह चुके हैं कि इस बात को पंचायत चुनावों ने बिल्कुल नकार दिया है जिसमें बार-बार कहा जाता था कि बीजेपी के साथ मुस्लिम तबका नहीं है. हरिद्वार में हुए चुनावों में ना केवल मुस्लिम बल्कि अनुसूचित जाति और तमाम समुदाय के लोगों ने बीजेपी का साथ दिया है. यह नतीजे बेहद ऐतिहासिक हैं. उनका कहना है कि ग्रामीण परिवेश में रहने वाले लोग यह जानते हैं कि मौजूदा मोदी सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के लिए कितना कुछ कर रही है. यही कारण है कि तमाम ग्रामीण मतदाताओं ने बीजेपी के पक्ष में अपना मतदान किया और आने वाले समय में क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने में बीजेपी कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार पंचायत चुनाव में हार से बौखलाए प्रत्याशी, दो पक्षों में चले लाठी-डंडे, 16 लोगों पर केस दर्ज
जिला पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना भी जारी: आपको बता दें हरिद्वार पंचायत चुनावों में परिणाम आने के बाद अब जिला पंचायत चुनाव के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी है. 5 दिन की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मतगणना की जाएगी. 10 अक्टूबर को नामांकन पत्र जमा होंगे. जबकि 11 अक्टूबर को जांच और वापसी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. इसके साथ ही 14 अक्टूबर को मतदान होगा. 5:00 बजे के बाद मतगणना उसी दिन शुरू हो जाएगी. आपको बता दें कि भाजपा ने हरिद्वार जिला पंचायत के लिए प्रत्याशी घोषित कर दिया है. पार्टी ने राजेन्द्र सिंह (किरण) पुत्र रामपाल सिंह को पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया है.
ये भी पढ़ें: हरिद्वार पंचायत चुनाव में AIMIM की एंट्री, दो समर्थित प्रत्याशियों ने जिला पंचायत चुनाव जीता