देहरादून: उत्तराखंड महिला क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राज्यपाल गुरमीत सिंह ने मंजूरी दे दी है. राज्यपाल की मंजूरी के बाद अब उत्तराखंड में महिलाओं का सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है. यानी महिलाएं को सरकारी नौकरी में अब 30 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. महिला क्षैतिज आरक्षण विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुशी जाहिर की है. उन्होंने प्रदेश की सभी महिलाओं को बधाई दी है.
बता दें कि धामी सरकार ने 30 नवंबर 2022 को उत्तराखंड विधानसभा में सर्वसम्मति से महिला आरक्षण बिल को पास कर राजभवन भेजा था, लेकिन राज्यपाल की तरफ से इस बिल को मंजूरी नहीं मिली थी, इसीलिए ये विधेयक अधर में लटका हुआ था, हालांकि आज 10 जनवरी को राज्यपाल गुरमीत सिंह ने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है.
दरअसल, महिला क्षैतिज आरक्षण विधेयक को मंजूरी देने से पहले राज्यपाल ने न्याय और विधि विशेषज्ञों से परीक्षण कराया था. इसी कारण महिला क्षैतिज आरक्षण विधेयक को राजभवन से मंजूरी मिलने में समय लगा. वैसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों ही इसके संकेत दे दिए थे.
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महिला क्षैतिज आरक्षण पर एक नजर: 18 जुलाई 2001 को अंतरिम सरकार ने 20 प्रतिशत आरक्षण का शासनादेश जारी किया, हालांकि 24 जुलाई 2006 में तत्कालीन एनडी तिवारी की सरकार ने इसे बढ़ाकर 20 से 30 प्रतिशत कर दिया. इसके बाद 26 अगस्त 2022 को हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान महिला क्षैतिज आरक्षण के शासनादेश पर रोक लगा दी थी.
इसके बाद चार नवंबर 2022 को सरकार ने एसएलपी पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. 29 नवंबर को सरकार ने विधानसभा के सदन में विधेयक पेश किया. 30 नवंबर 2022 को सरकार ने विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कराकर राजभवन भेजा और आज 10 जनवरी को राज्यपाल ने विधेयक को मंजूरी दे दी.