देहरादून: पर्यटन विभाग द्वारा वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तर्ज पर प्रदेश में बेरोजगार युवाओं को रिफ्लेक्सोलॉजी चिकित्सा विधि (reflexology therapy method) का प्रशिक्षण देने की कवायद शुरू की गई है, ताकि प्रदेश के युवाओं को इस चिकित्सा प्रशिक्षण विधि के तहत रोजगार से जोड़ा जा सकें. इतना ही नहीं, इस योजना का मकसद अतिथि देवो भव: की भावना को प्रोत्साहन कर उत्तराखंड में आने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर सेवा को भी आगे बढाना हैं.
उत्तराखंड पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Tourism Minister Satpal Maharaj) ने बताया कि उत्तराखंड में चारधाम सहित केदारनाथ की पैदल यात्रा के लिए काफी श्रद्धालु देश विदेश से हर वर्ष पहुंचते हैं. वहीं, काफी संख्या में आने वाले लोग द्रोणागिरी पर्वत सहित कई अन्य क्षेत्रों की पैदल यात्रा करते हैं. उन्होंने बताया कि तीर्थ स्थानों पर पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को अब मसाजिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
प्रशिक्षण के पहले चरण में 70 लोग जुड़े: इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले चरण में लगभग 70 से अधिक युवा हिस्सा ले रहे हैं. रिफ्लेक्सोलॉजी चिकित्सा विधि में मसाजिंग में एक्यूप्रेशर का इस्तेमाल होता है. उन्होंने बताया कि चारधाम यात्रा पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुनोत्री, केदारनाथ यात्रा के अलावा सुदूर क्षेत्र द्रोणागिरी पर्वत पर पैदल जाते हैं. वहां इस प्रकार के प्रशिक्षित लोगों को रखा जाएगा, जो आवश्यकता मुताबिक यात्रियों को मसाज एक्यूप्रेशर की सेवा मुहैया कराएंगे.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार वैष्णो देवी में जैसे तमाम लोग इस तरह चिकित्सा पद्धति कार्य से जुड़े हैं. उससे ही उनको वहां अलग से रोजगार मिला है. सिंगापुर में भी हर 15वीं दुकान में इस तरह की रिफ्लेक्सोलॉजी चिकित्सा विधि का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे लोगों को बेहतर रोजगार मिल रहा है. उत्तराखंड पर्यटन विभाग भी इस चिकित्सा पद्धति को अपनाकर युवाओं को रोजगार देने का काम करेगी.