देहरादूनः वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल की दूसरी लहर में कर्फ्यू के दौरान जरूरतमंदों की मदद करने में एक बार फिर उत्तराखंड पुलिस आगे आई है. पुलिस के जवान इन दिनों युद्धस्तर पर लोगों की हर तरह से मदद करने में जुटे हैं. सुरक्षा व कानून व्यवस्था के साथ-साथ दौहरी भूमिका में जिम्मेदारी निभा रही पुलिस उत्तराखंड के हर जिले में स्थापित कोविड कंट्रोल रूम में आने वाले हेल्पलाइन नंबर के जरिए लोगों तक हरसंभव मदद पहुंचा रही है.
गौर हो कि गरीब- असहाय और मजबूर लोगों तक राशन के रूप रसद सामग्री, पका भोजन, दवा-औषधियों से लेकर ऑक्सीजन, एंबुलेंस अस्पताल में बेड दिलाने के अलावा जीवन दान के रूप में प्लाज्मा डोनेटे जैसे तमाम मदद पुलिस कर रही है. इतना ही नहीं राज्य में घरों में अकेले रहने वाले सीनियर सिटीजन व अन्य लोगों तक भी हेल्पलाइन नंबरों से आने वाली सूचनाओं के अंतर्गत मदद पहुंचाई जा रही है.
पिछले साल के मुताबिक ये साल ज्यादा चुनौतीपूर्ण
बता दें कि पिछले साल 2020 में भी उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्रदेशभर में मजबूर-असहाय लोगों तक भोजन, पानी, रसद, दवा, मेडिकल जैसी तमाम अन्य जरूरत को घर-घर तक पहुंचाया था. इसी क्रम में इस साल भी कोरोना की दूसरी जानलेवा लहर में प्रदेश भर के 13 जिलों में कोविड कंट्रोल रूम के जरिए हजारों की तादाद में पुलिस फोर्स इस वैश्विक संकटकाल में जनता की मदद के लिए जुटी है. इस साल कोरोनाकाल में मेडिकल व्यवस्था सबसे बड़ी जरूरत है. वहीं उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की मानें तो पिछले साल 2020 कोरोनाकाल में जहां पुलिस के लिए प्रवासी मजदूरों और असहाय लोगों तक खाने और राशन पानी सहित मेडिकल जैसी अन्य तरह की व्यवस्था बड़ा मुद्दा था. लेकिन इस साल कोरोना की दूसरी लहर बेहद भयावह होने के चलते मरीजों की जिंदगी बचाना बड़ा मुद्दा हो गया हैं. जिसमें अस्पताल में मरीजों को भर्ती कराना, ऑक्सीजन दिलवाना, जीवन दान में प्लाज्मा व्यवस्था सहित दवाइयां-औषधियां जैसे तमाम बेहद महत्वपूर्ण विषय चुनौतीपूर्ण हो गए हैं.
ऐसे में उत्तराखंड पुलिस फोर्स अपने "मिशन हौसला" के तहत युद्ध स्तर पर जनता की इस मूल आवश्यकताओं को उनके लिए प्रबंध कराने में दिन रात जुटी है. पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा शुरू किए गए "मिशन हौसला" के तहत 1 मई 2021 से 9 मई 2021 तक के आंकड़ों पर गौर करें, तो प्रदेशभर में पुलिस फोर्स द्वारा हर तरह की मदद जारी है.
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एक नजर 1 मई 2021 से 9 मई 2021 तक पुलिस को वित्त कंट्रोल रूम द्वारा आम लोगों को दी मदद का ब्योरा.
- पिछले 9 दिनों में कुल 4365 मदद की कॉल रिसीव की गई. जिसमें आवश्यकतानुसार जरूरतमंदों को 655 ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराया गया. वहीं इस दौरान 274 ऑक्सीजन के सिलेंडर मरीजों के लिए भरवाए गए.
- पिछले 9 दिनों में हेल्पलाइन में आने वाले कॉल सूचना के मुताबिक गंभीर रूप से उपचार के लिए भटक रहे 330 मरीजों को अस्पताल में बेड दिलाने में मदद की गई.
- कोरोना संक्रमण की वजह से जिंदगी और मौत से जूझ रहे 101 मरीजों को पिछले 9 दिनों में प्लाजमा डोनेशन देकर जीवन दान दिया गया.
- कोरोना उपचार में दवाइयों की दरकार के लिए भटक रहे 5460 लोगों को आवश्यकता मुताबिक घर-घर जाकर पुलिस फोर्स द्वारा हर तरह की दवाइयां पहुंचाई जा चुकी है.
- आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचाने के लिए पिछले 9 दिनों में 157 एंबुलेंस की व्यवस्था कर मरीजों को उपचार के लिए हॉस्पिटल पहुंचाया गया है.
- कोरोनाकाल में रोजगार बंद होने से रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे 806 लोगों तक राशन और 4045 लोगों तक खाना वितरण किया जा चुका है. इस दौरान पिछले 9 दिनों में दूध जैसी आवश्यक सेवा में भी 1846 लोगों तक मदद पहुंचाई गई है.
1 मई 2021 से 9 मई 2021 तक पुलिस द्वारा दाह संस्कार की सूची
- उत्तराखंड आपदा राहत दल एसडीआरएफ फोर्स और सिविल पुलिस द्वारा अब तक 289 कोरोना पॉजिटिव शवों का दाह संस्कार किया जा चुका है.
- संकटकाल में सीनियर सिटीजन की सहायता रूप में राज्य भर में अब तक 417 बुजुर्गों और घर में अकेले रहने वाले लोगों की आवश्यकतानुसार मदद पहुंचाई जा चुकी है.
एकजुट होकर कोरोना की चुनौती से पार पाना
डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि यह समय कई गुना कठिन और चुनौतीपूर्ण है. ऐसे में पूरे राज्य की पुलिस को इस विशेष मिशन के तहत हर जरूरतमंद तक आवश्यकता मदद के लिए युद्ध स्तर पर लगाया गया है. ताकि इस महामारी के बीच कोरोना की जंग से पार पाने के लिए सभी का हौसला बना रहे. डीजीपी अशोक कुमार ने एक बार फिर प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा कि महामारी का यह समय बेहद ही संकटों व चुनौतियों से भरा है. ऐसे में इस दौर से निजात पाने का एक ही मूल मंत्र है. स्वास्थ्य गाइडलाइन का पालन करें और बेवजह घरों से बाहर ना निकलें.