देहरादूनः उत्तराखंड में 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. चारधाम यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक मौसम, बर्फबारी, बारिश जैसी चुनौतियों से सरकार, शासन और श्रद्धालुओं को गुजरना पड़ रहा है. इन तमाम परेशानियों को देखते हुए धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. धामी सरकार ने राज्य में चल रही चारधाम यात्रा 2023 के सुचारू संचालन और तीर्थयात्रियों को होने वाली कठिनाइयों के समाधान के लिए तीन आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है.
दरअसल, धामी सरकार ने चारधाम यात्रा के लिए तीन आईएएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया है. उनमें बीवीआरसी पुरुषोत्तम, रंजीत सिन्हा और एसएन पांडेय शामिल हैं. इन अधिकारियों में केदारनाथ में बीवीआरसी पुरुषोत्तम, बदरीनाथ और हेमकुंड में रंजीत सिन्हा और गंगोत्री व यमुनोत्री के लिए एसएन पांडेय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है.
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ये तीनों अधिकारी इन धामों में होने वाली हर एक एक्टिविटी पर नजर रखेंगे. इसके साथ ही ये अधिकारी, पुलिस, जिला प्रशासन से तालमेल बनाते हुए काम करेंगे.ये तीनों ही अधिकारी चारधाम यात्रा में जिला प्रशासन और राज्य सरकार के बीच ब्रिज का काम करेंगे. इससे कार्यों के क्रियान्वयन में आसानी होगी. चार धाम यात्रा में सबसे ज्यादा दिक्कतें केदारनाथ धाम में हैं, लिहाजा इसमें बीवीआरसी पुरुषोत्तम पर यात्रा में सुविधाओं को बढ़ाने की सबसे ज्यादा चुनौती होगी.
दरअसल, चारधाम यात्रा के दौरान बेहद ज्यादा श्रद्धालुओं के आने से यात्रा को व्यवस्थित रख पाना काफी मुश्किल हो रहा है. लोगों के रहने से लेकर उनके मंदिर में दर्शन करने तक में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं. इस सब पर नजर रखते हुए विभिन्न नियमों में समय-समय पर बदलाव की भी जरूरत महसूस की गई. लिहाजा अब सरकार उम्मीद कर रही है कि नोडल अधिकारी नामित होने के बाद इन धामों की दिक्कतों में कमी आएगी.
बता दें कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खोले गए थे. जबकि, केदारनाथ धाम के कपाट 25 अप्रैल को विधि विधान के खोल दिए गए थे. वहीं, 27 अप्रैल को बदरी विशाल के कपाट खोले गए थे. अब आगामी 20 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खोले जाने हैं. अभी तक करीब 2 लाख श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं.