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देहरादून: सड़क और पुल निर्माण के लिए डिजाइन सेल बनाएगी सरकार, 10 करोड़ की होगी बचत

राज्य में बन रहे सड़कों और पुलों की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए सरकार शासन स्तर पर जल्द ही एक डिजाइन सेल और एक अंवेसनालय का गठन करने जा रही है. इससे सालाना 5 से 10 करोड़ की बचत होगी.

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Published : Dec 22, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Dec 22, 2019, 10:05 PM IST

उत्तराखंड सरकार न्यूज Uttarakhand Government News
सड़क और पुल निर्माण के लिए डिजाइन सेल बनाएगी सरकार

देहरादून: उत्तराखंड सरकार राज्य में बन रहे सड़कों और पुलों की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. जिसके लिए सरकार शासन स्तर पर जल्द ही एक डिजाइन सेल और एक अंवेसनालय का गठन करने जा रही है. जिससे न सिर्फ पीडब्ल्यूडी विभाग के अभियंताओं को उच्च तकनीकी ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि इससे सालाना 5 से 10 करोड़ भी बचाए जा सकेंगे.

सड़क और पुल निर्माण के लिए डिजाइन सेल बनाएगी सरकार

जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि इस सेल का काम डिजाइनिंग और क्वालिटी कंट्रोल करना होगा. प्रारंभिक स्टेज में सड़कों के जितने भी डिजाइन होंगे वह किसी भी बाहरी संस्था को न देकर खुद पीडब्ल्यूडी के अभियंता डिजाइन करेंगे. हालांकि अभी पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की क्षमता पुल निर्माण करने की नहीं है. लिहाजा भविष्य में धीरे-धीरे पुलों के डिजाइनिंग का काम भी अभियंताओं को दिया जाएगा. लेकिन आईआईटी और केंद्र के संस्थाओं से ही कंसल्टेंसी ली जाएगी.

ये भी पढ़े: दो दिवसीय होम्योपैथिक सेमिनार का आयोजन, देश-विदेश से पहुंचे 400 डॉक्टर्स

उन्होंने आगे बताया कि ये सेल उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी बनाया जा रहा है. इससे करोड़ों की धनराशि भी बचाई जा सकेगी. क्योंकि कंसल्टेंसी के नाम पर सालाना 5 से 10 करोड रुपए खर्च हो रहे हैं. इसके साथ ही एस्टीमेट खर्चे का निरीक्षण भी लगातार किया जा रहा है. वर्तमान समय में दो सलाहकार हैं, जिन्होंने इन कामों का निरीक्षण और एस्टीमेट खर्चों की जांच भी की है. जिससे लगभग 600 करोड रुपए की बचत भी हुई है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार राज्य में बन रहे सड़कों और पुलों की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. जिसके लिए सरकार शासन स्तर पर जल्द ही एक डिजाइन सेल और एक अंवेसनालय का गठन करने जा रही है. जिससे न सिर्फ पीडब्ल्यूडी विभाग के अभियंताओं को उच्च तकनीकी ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि इससे सालाना 5 से 10 करोड़ भी बचाए जा सकेंगे.

सड़क और पुल निर्माण के लिए डिजाइन सेल बनाएगी सरकार

जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि इस सेल का काम डिजाइनिंग और क्वालिटी कंट्रोल करना होगा. प्रारंभिक स्टेज में सड़कों के जितने भी डिजाइन होंगे वह किसी भी बाहरी संस्था को न देकर खुद पीडब्ल्यूडी के अभियंता डिजाइन करेंगे. हालांकि अभी पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की क्षमता पुल निर्माण करने की नहीं है. लिहाजा भविष्य में धीरे-धीरे पुलों के डिजाइनिंग का काम भी अभियंताओं को दिया जाएगा. लेकिन आईआईटी और केंद्र के संस्थाओं से ही कंसल्टेंसी ली जाएगी.

ये भी पढ़े: दो दिवसीय होम्योपैथिक सेमिनार का आयोजन, देश-विदेश से पहुंचे 400 डॉक्टर्स

उन्होंने आगे बताया कि ये सेल उत्तर प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में भी बनाया जा रहा है. इससे करोड़ों की धनराशि भी बचाई जा सकेगी. क्योंकि कंसल्टेंसी के नाम पर सालाना 5 से 10 करोड रुपए खर्च हो रहे हैं. इसके साथ ही एस्टीमेट खर्चे का निरीक्षण भी लगातार किया जा रहा है. वर्तमान समय में दो सलाहकार हैं, जिन्होंने इन कामों का निरीक्षण और एस्टीमेट खर्चों की जांच भी की है. जिससे लगभग 600 करोड रुपए की बचत भी हुई है.

Intro:Raedy To Air..... उत्तराखंड सरकार, राज्य में बन रहे और भविष्य में बनने वाले सड़कों और पुलों की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। जी हा शासन स्तर पर जल्द ही एक डिजाइन सेल और एक अंवेसनालय का गठन करने जा रही हैं। जिससे ना सिर्फ पीडब्ल्यूडी विभाग के अभियंताओं को उच्च तकनीकी ज्ञान प्राप्त होगा, बल्कि इससे सालाना 5 से 10 करोड़ भी बचाया जा सकेंगे।


Body:वही ज्यादा जानकारी देते हुए अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि इस सेल का काम डिजाइनिंग और क्वालिटी कंट्रोल करना होगा। प्रारंभिक स्टेज में सड़कों के जितने भी डिजाइन होंगे वह किसी भी बाहरी संस्था को ना देकर खुद पीडब्ल्यूडी के अभियंता डिजाइन करेंगे। हालांकि अभी पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की क्षमता पुल निर्माण करने की नहीं है लिहाजा भविष्य में धीरे-धीरे पुलों के डिजाइनिंग का काम भी अभियंताओं को दिया जाएगा, लेकिन आईआईटी और केंद्र के संस्थाओं से ही कंसल्टेंसी ली जाएगी।  साथ ही बताया कि यह सेल उत्तर प्रदेश में बना हुआ है उसी तरह उत्तराखंड में भी बनाया जा रहा है जिसका भ्रष्टाचारी एकमात्र मकसद नहीं है बल्कि इससे करोड़ों की धनराशि भी बचाई जा सकेगी। क्योंकि कंसल्टेंसी के नाम पर सालाना 5 से 10 करोड रुपए खर्च हो रहे थे। इसके साथ ही एस्टीमेट खर्चे का निरीक्षण भी लगातार किया जा रहा है। और वर्तमान समय में दो सलाहकार है जिन्होंने कामो का निरीक्षण और एस्टीमेट खर्चो का जांच भी किया है, जिससे लगभग 600 करोड रुपए की बचत भी हुई है। बाइट - ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव


Conclusion:
Last Updated : Dec 22, 2019, 10:05 PM IST
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