हरिद्वार/देहरादून/मसूरी/नैनीताल: सरकार प्रदेश को पर्यटन प्रदेश के तौर पर विकास करना चाहती है, लेकिन जाम की समस्या नजर नहीं आ रही है. चार धाम यात्रा और गर्मी से निजात पाने के लिए उत्तराखंड पहुंच रहे पर्यटक जाम से हलकान हैं. बीते कई दिनों से उत्तराखंड में जाम की समस्या पहाड़ जैसी समस्या हो गई है. जिसे पार पाने में पुलिस और प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं. क्या हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून, मसूरी और चारधाम यात्रा हर रूट पर जाम से यात्री बेहाल हैं. सोमवार को भी उत्तराखंड जाम से हांफता नजर आया.
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हरिद्वार: जाम के झाम में फंसे पर्यटक
जाम के सबसे बूरे हालात हरिद्वार में देखने को मिल रहे हैं. यहां शनिवार से जाम की स्थिती जस की तस बनी हुई है. ऐसे में हरिद्वार को जामनगरी कहा जाए तो ये कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. ऐसा कोई दिन नहीं जिस दिन हरिद्वार में स्थानीय लोगों और बाहर से आने वाले पर्यटकों को जाम से नहीं जूझना पड़ रहा हो. सैलानियों की बढ़ती संख्या को देखकर पुलिस और प्रशासन की सारी प्लानिंग फेल हो चुकी है. हरिद्वार में दो से तीन किलोमीटर का सफर तय करने के लिए भी लोगों को घंटों लग रहे हैं.
देहरादून: जाम से बेहाल सैलानी
मैदानी इलाकों में गर्मी से बचने के लिए पर्यटक देहरादून और मसूरी आ रहे हैं, लेकिन यहां गर्मी से निजात मिलना तो दूर उन्हें जाम में फंस कर और परेशान होना पड़ रहा है. देहरादून और मसूरी में गाड़ियों का दबाव बढ़ने से पुलिस के भी हाथ पैर फूल गए हैं. पर्यटन सीजन शुरू होते ही पुलिस की सारी तैयारी धरी की धरी रह गई. यातायात व्यवस्था से जुड़े पुलिस के सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं.
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देहरादून में जाम की सबसे ज्यादा खराब स्थिती सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक, सर्वे चौक, घंटाघर, दिलाराम चौक और रिस्पना पुल पर देखने को मिल रही है. सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि पुलिस अधिकारी इसे जाम मानने को तैयार नहीं है. एसपी ट्रैफ़िक प्रकाश चन्द्र आर्य इसे जाम नहीं बल्कि यातायात का दबाव बता रहे है. उनका मानना है कि पर्यटन सीजन के चलते देहरादून में ट्रैफिक 3 से 4 गुना बढ़ गया है. अधिकतर पर्यटक मसूरी की तरफ रुख कर रहे हैं.
पुलिस कोशिश कर रही है कि कहीं भी जाम न लगे. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उनके पास फोर्स की भी कमी है, क्योंकि कुछ फोर्स हरिद्वार गंगा दशहरा और चारधाम यात्रा में लगी हुई है. हालांकि बाहर से आने वाले यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए 2 शिफ्टों में डयूटी लगाई गई है.
पहाड़ों की रानी मसूरी में सैलानी परेशानी
मसूरी में भी यातायात व्यवस्था चौपट हो गई है. मसूरी में तो पर्यटकों को रात बिताने के लिए होटल या गेस्ट हाउस तक नहीं मिल रहा है. कमरा नहीं मिलने के कारण यहां पर्यटक या तो वापस देहरादून जा रहे हैं या फिर सड़क किनारे रात गुजारने को मजबूर हैं.
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इसके अलावा ट्रैफिक जाम से भी यात्री परेशान हैं. देहरादून से मसूरी पहुंचने में पर्यटकों को तीन से चार घंटे लग रहे हैं. मसूरी में पार्किंग की सुविधाएं भी बहुत कम है, जिससे उनको अपने वाहन को पार्क करने में भी खासी दिक्कतें आ रही हैं. मसूरी कोतवाल भावना कैन्थोला ने बताया कि पर्यटक सीजन को देखते हुए ट्रैफिक और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर कुछ प्लान तैयार किए गए थे, जो कामयाब भी हुए हैं, लेकिन मसूरी में इस बार अनुमान से ज्यादा पर्यटक आए हैं. जिस कारण व्यवस्था चरमरा गई है. जाम की स्थिती से निपटने के लिए मुख्य मार्गों पर अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है.
नैनीताल में लगे जाम से पर्यटक हुए हलकान
मसूरी जैसे हालत इन दिनों नैनीताल में भी देखने को मिल रहे हैं. यहां भी पुलिस और प्रशासन की सारी प्लानिंग फेल हो गई है. नैनीताल में लगे जाम के आगे पुलिस बेबस है. हल्द्वानी से नैनीताल जाने में पर्यटकों को एक घंटे के बजाय तीन से चार घंटे लग रहे हैं. पुलिस पर्यटकों को जाम का हवाला देकर उनकी गाड़ियां शहर से 10 किमी बाहर ही रोक रही है.
नैनीताल में लगे जाम को लेकर एसएसपी सुनील कुमार मीणा का कहना है कि उनकी सभी तैयारी पूरी है. उनके द्वारा शहर से बाहर छोटी-छोटी पार्किंग बनाई गई है, ताकि जाम न लगे. जाम की वजह से होटल कारोबारियों काम पर असर पड़ रहा है.