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ऋषिकेश: राफ्टों को गंगा में उतरने का इंतजार, एडवेंचर गेम से जुड़े 20 हजार लोगों का व्यवसाय चौपट

ऋषिकेश समेत प्रदेश कई शहरों में आय का मुख्य स्त्रोत पर्यटन है, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से ये शहर सुनसान पड़े हैं, जिसका खामियाजा यहां पर्यटन से जुड़े कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है.

ऋषिकेश
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Published : May 11, 2020, 4:12 PM IST

Updated : May 14, 2020, 7:57 PM IST

ऋषिकेश: कभी पर्यटकों और श्रद्धलुओं से गुलजार रहने वाली योग नगरी ऋषिकेश इन दिनों सुनसान पड़ी है. मंदिरों और आश्रमों को दरवाजें लॉकडाउन में लॉक हैं. वहीं हर साल मार्च-अप्रैल में राफ्टिंग, कैंपिंग समेत अन्य एडवेंचर गेम का लुत्फ उठाने ऋषिकेश आने वाले पर्यटक भी इस बार नदारद हैं. जिससे न सिर्फ राफ्टिंग और कैंपिंग से जुड़े व्यवसायियों को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि पर्यटन से जुड़े अन्य कारोबार भी चौपट हो गए हैं. अकेले ऋषिकेश में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े करीब 50 हजार का रोजगार लॉकडाउन से प्रभावित हुआ है.

राफ्टों को गंगा में उतरने का इंतजार.

ऋषिकेश में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक धूमने आते हैं. पर्यटन सीजन में तो ऋषिकेश में पैर रखने की जगह तक नहीं होती है. पर्यटन सीजन में सभी होटल, धर्मशाला और आश्रम फुल हो जाते हैं. बाहर से बड़ी संख्या में युवा ऋषिकेश में राफ्टिंग और कैंपिंग करने आते हैं.

अप्रैल, मई और जून का महीना ऋषिकेश के पर्यटन व्यवसायियों के लिए बेहद खास होता है. इन दिनों ऋषिकेश में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते थे, गंगा में अठखेलियां करती रंग बिरंगी राफटें दिखाई देती थी. यहां पर भारत ही नहीं बल्कि कई देशों के पर्यटक गंगा में आयोजित होने वाली व्हाइट वाटर राफ्टिंग का लुत्फ उठाने के लिए यहां पंहुचते थे. साथ ही पर्यटक यहां की खूबसूरत वादियों का भी खूब आनंद लेते थे.

पढ़ें-खड़ी-खड़ी जवाब देने लगी नैनी झील की 'शान'

राफ्टिंग के साथ-साथ यहां पर आयोजित होने वाले कैंपिंग और कई साहसिक खेलों का मजा उठाने के लिए इन दिनों लोग पहुंचते थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से पूरा पर्यटन व्यवसाय चौपट हो गया है. ऋषिकेश में इन दिनों कोई भी पर्यटक नहीं पहुंच रहा है.

ऋषिकेश में लगभग 450 राफ्टिंग कंपनियां हैं. इन राफ्टिंग कंपनियों में 20 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. जिनका भरण पोषण इसी पर निर्भर रहता है. इसके साथ ही कैंपिंग व्यवसाई और होटल व्यवसायियों के साथ-साथ कई अन्य छोटे-मोटे व्यवसाय पर्यटन पर ही निर्भर रहते हैं. इन सभी को मिलाकर लगभग 30 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. वहीं कुल मिलाकर लॉकडाउन की वजह से बंद हुए पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लगभग 50 हजार लोगों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. इस व्यवसाय से जुड़े युवा बेरोजगार हो गए हैं, अब इनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

राफ्टिंग व्यवसायियों का कहना है कि अप्रैल-मई और जून के माह में लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते थे. जिनके सहारे सभी लोगों का जीवन यापन होता था. अब ऐसे में यह कारोबार बंद हो चुका है, जिसकी वजह से अब यहां के युवा बेरोजगार हो गए हैं. राफ्टिंग एसोसिएशन की मांग है कि सरकार इस विषय में संज्ञान लेते हुए विशेष पैकेज का ऐलान करें ताकि पर्यटन व्यवसायियों को राहत मिल सके.

ऋषिकेश: कभी पर्यटकों और श्रद्धलुओं से गुलजार रहने वाली योग नगरी ऋषिकेश इन दिनों सुनसान पड़ी है. मंदिरों और आश्रमों को दरवाजें लॉकडाउन में लॉक हैं. वहीं हर साल मार्च-अप्रैल में राफ्टिंग, कैंपिंग समेत अन्य एडवेंचर गेम का लुत्फ उठाने ऋषिकेश आने वाले पर्यटक भी इस बार नदारद हैं. जिससे न सिर्फ राफ्टिंग और कैंपिंग से जुड़े व्यवसायियों को नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि पर्यटन से जुड़े अन्य कारोबार भी चौपट हो गए हैं. अकेले ऋषिकेश में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े करीब 50 हजार का रोजगार लॉकडाउन से प्रभावित हुआ है.

राफ्टों को गंगा में उतरने का इंतजार.

ऋषिकेश में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक धूमने आते हैं. पर्यटन सीजन में तो ऋषिकेश में पैर रखने की जगह तक नहीं होती है. पर्यटन सीजन में सभी होटल, धर्मशाला और आश्रम फुल हो जाते हैं. बाहर से बड़ी संख्या में युवा ऋषिकेश में राफ्टिंग और कैंपिंग करने आते हैं.

अप्रैल, मई और जून का महीना ऋषिकेश के पर्यटन व्यवसायियों के लिए बेहद खास होता है. इन दिनों ऋषिकेश में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंचते थे, गंगा में अठखेलियां करती रंग बिरंगी राफटें दिखाई देती थी. यहां पर भारत ही नहीं बल्कि कई देशों के पर्यटक गंगा में आयोजित होने वाली व्हाइट वाटर राफ्टिंग का लुत्फ उठाने के लिए यहां पंहुचते थे. साथ ही पर्यटक यहां की खूबसूरत वादियों का भी खूब आनंद लेते थे.

पढ़ें-खड़ी-खड़ी जवाब देने लगी नैनी झील की 'शान'

राफ्टिंग के साथ-साथ यहां पर आयोजित होने वाले कैंपिंग और कई साहसिक खेलों का मजा उठाने के लिए इन दिनों लोग पहुंचते थे, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से पूरा पर्यटन व्यवसाय चौपट हो गया है. ऋषिकेश में इन दिनों कोई भी पर्यटक नहीं पहुंच रहा है.

ऋषिकेश में लगभग 450 राफ्टिंग कंपनियां हैं. इन राफ्टिंग कंपनियों में 20 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. जिनका भरण पोषण इसी पर निर्भर रहता है. इसके साथ ही कैंपिंग व्यवसाई और होटल व्यवसायियों के साथ-साथ कई अन्य छोटे-मोटे व्यवसाय पर्यटन पर ही निर्भर रहते हैं. इन सभी को मिलाकर लगभग 30 हजार से अधिक लोग जुड़े हुए हैं. वहीं कुल मिलाकर लॉकडाउन की वजह से बंद हुए पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लगभग 50 हजार लोगों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. इस व्यवसाय से जुड़े युवा बेरोजगार हो गए हैं, अब इनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

राफ्टिंग व्यवसायियों का कहना है कि अप्रैल-मई और जून के माह में लाखों की संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते थे. जिनके सहारे सभी लोगों का जीवन यापन होता था. अब ऐसे में यह कारोबार बंद हो चुका है, जिसकी वजह से अब यहां के युवा बेरोजगार हो गए हैं. राफ्टिंग एसोसिएशन की मांग है कि सरकार इस विषय में संज्ञान लेते हुए विशेष पैकेज का ऐलान करें ताकि पर्यटन व्यवसायियों को राहत मिल सके.

Last Updated : May 14, 2020, 7:57 PM IST
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