ऋषिकेश: प्रदेश में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट योजनाओं को गति दी जा रही है और कंपनी की कई योजनाएं गतिमान हैं. इस संदर्भ में कंपनी के प्रबंध निदेशक ने भावी योजनाओं की जानकारी साझा की है. साथ ही कंपनी की राज्य में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए नए पावर प्रोजेक्ट निर्माण की योजना है.
सीमांत जनपद पिथौरागढ़ जनपद में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड धौलीगंगा घाटी को विकसित करने की तैयारी में है. इसके लिए कंपनी धौलीगंगा पर बोकाएंग बेलिंग हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट निर्माण के शुरूआती कामकाज जुटी है. कंपनी ने सिर्फ बोकाएंग बेलिंग ही नहीं, बल्कि इसी घाटी में तीन और प्रोजेक्ट भी उन्हें दिए जाने का आग्रह राज्य सरकार से किया है.
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) विजय गोयल ने खास बातचीत में कंपनी की भावी योजनाओं का जिक्र किया है. बताया कि राज्य में विद्युत उत्पादन बढ़ाने के लिए नए पावर प्रोजेक्ट निर्माण की योजना है, जिसमें पिथौरागढ़ स्थित धौलीगंगा में 330 मेगावाट के बोकाएंग बेलिंग हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए भू-गर्भीय और पहाड़ी संरचना की जांच कर रही है.
राज्य सरकार से बुकाएंग बेलिंग के अलावा इसी घाटी में एनएचपीसी के 240 मेगावाट के चुंगेरचाल, यूजेवीएनएल के 230 मेगावाट के सेला उर्थिंग और निजी कंपनी के 340 मेगावाट के उर्थिंग सेला प्रोजेक्ट को भी टीएचडीसी को दिए जाने का आग्रह किया है.सीएमडी ने बताया कि बुकाएंग बेलिंग प्रोजेक्ट की सभी जांच पूरी होने के बाद इसकी डीपीआर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और केंद्रीय जल आयोग को भेजी जाएगी.
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मंजूरी मिलने के बाद बजट को लेकर प्रोजेक्ट का प्रस्ताव विद्युत मंत्रालय को जाएगा. बोकाएंग के अलावा अन्य प्रोजेक्ट कंपनी को मिलते हैं, तो फिर पूरी घाटी को ही विकसित किया जाएगा. टिहरी में 1000 मेगावाट के पंप स्टोरेज प्लांट को लेकर भी सीएमडी विजय गोयल ने कई अहम जानकारियां साझा की हैं. बताया कि प्रोजेक्ट काम तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है.
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साल 2022 में जून से 1000 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट से विद्युत उत्पादन शुरू होने की बात उन्होंने कही है. सीएमडी ने विष्णुगाड़ पीपलकोटी में 444 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट की प्रगति पर बताया कि टीएचडीसी साल 2023 के दिसंबर में यहां से भी विद्युत उत्पादन शुरू करने की स्थिति में होगी.