ऋषिकेशः परमार्थ निकेतन अब विदेशियों को संस्कृत और हिंदी सिखाने के लिए संस्कृत गुरुकुल खोलने जा रहा है. परमार्थ के भीतर ही विदेशियों को निशुल्क हिंदी और संस्कृत भाषा सिखाई जाएगी. परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती की मानें तो इस साल के अंत तक यह गुरुकुल शुरू कर दिया जाएगा.
भारतीय संस्कृति और भाषा की ओर विदेशियों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है. बड़ी संख्या में विदेशी भारत आकर हिंदी और संस्कृत के साथ-साथ भजन कीर्तन को सीखने में काफी रुचि दिखा रहे हैं. तीर्थनगरी ऋषिकेश में सालाना लाखों विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. जिनमें से कुछ लोग भारतीय संस्कृति के साथ भाषाओं के मुरीद हैं.
इसे देखते हुए परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती परमार्थ के भीतर ही विदेशियों को संस्कृत और हिंदी सिखाने के लिए गुरुकुल खोलने की तैयारी में जुट गए हैं. जहां पर ऋषिकेश आने वाले सभी विदेशियों को निशुल्क में हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान दिया जाएगा.
ये भी पढ़ेंः GB पंत विवि में सहायक लेखाकार के पदों पर बंपर भर्तियां, इस तरह करें आवेदन
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि विदेशियों में भारतीय भाषाओं के साथ यहां की संस्कृति के प्रति काफी लगाव देखा जा रहा है. बड़ी संख्या में विदेशी यहां आकर हिंदी और संस्कृत सीखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें सही तरीके से इसकी शिक्षा नहीं मिल पाती है. इसी के मद्देनजर परमार्थ निकेतन अब विदेशियों के लिए खास तौर पर परमार्थ निकेतन प्रांगण में ही एक गुरुकुल खोलने जा रहा है.
उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय संस्कृति से भी रूबरू करवाया जाएगा. परमार्थ की ओर से रुद्रप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार में संस्कृत के गुरुकुल खोले गए हैं. जहां पर सभी लोग संस्कृत भाषा की शिक्षा लेते हैं, लेकिन विदेशियों के लिए परमार्थ निकेतन में खास गुरुकुल खुलने जा रहा है. जिसकी शुरुआत साल के अंत तक कर दी जाएगी.