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'काली 'करतूतों का अड्डा बने देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र, मौतों से लेकर यातनाओं की लंबी है लिस्ट

राजधानी देहरादून के नशा मुक्ति केन्द्रों की हालत किसी से छुपी नहीं हैं. यहां के नशा मुक्ति केन्द्रों में मौत, मारपीट, प्रताड़ना और भागने की खबरें अब आम बात हो गई हैं. देहरादून के चंद्रबदनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र में सिद्धू की मौत के बाद फिर से नशा मुक्ति केंद्र चर्चाओं में आ गये हैं. अब पुलिस इनका रिकॉर्ड भी खंगाल रही है.

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Published : Apr 12, 2023, 6:49 PM IST

Updated : Apr 12, 2023, 8:19 PM IST

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'काली 'करतूतों का अड्डा बने देहरादून के नशा मुक्ति केंद्र

देहरादून: राजधानी देहरादून में 11 अप्रैल को नशा मुक्ति केंद्र में जिस तरह से सिद्धू की मौत के बाद सवाल खड़े हुए हैं, उसके बाद पुलिस लगातार राजधानी देहरादून के नशा मुक्ति केंद्रों पर एक बार फिर से नजर रख रही है. पुलिस तमाम नशा मुक्ति केंद्रों के रिकॉर्ड खंगाल रही है. यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी नशा मुक्ति केंद्र से इस तरह की खबर आई हो. इससे पहले भी तमाम अनियमितताएं, मारपीट और दूसरी घटनाओं के बाद देहरादून और आसपास के नशा मुक्ति केंद्र सवालों के घेरे में रहे हैं. मंगलवार को हुई इस घटना के बाद एक बार फिर से सिस्टम पर सवाल खड़ा हो गया है कि आखिरकार किस मानक और किस आधार पर यह नशा मुक्ति केंद्र इतनी मनमानी कर रहे हैं.

राजधानी देहरादून के चंद्रबदनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र में सिद्धू के परिजनों ने उसे कुछ समय पहले इसलिए दाखिल करवाया था. जिससे वह कुछ ही महीनों में स्वस्थ होकर और शराब की लत छोड़कर अपनी जिंदगी को आगे बढ़े, मगर जिस तरह से उसके शरीर पर चोट के निशान और उसके शव को नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी घर के बाहर छोड़कर भागे उसके बाद बवाल होना लाजमी था. पुलिस ने जांच में पाया है कि नशा मुक्ति केंद्र में मोटे काले और खतरनाक कुत्तों का पहरा लगाया जाता था. पुलिस ने अपनी जांच में यह भी पाया कि एक व्यक्ति से नशा छुड़वाने के लिए यह नशा मुक्ति केंद्र ₹5000 से लेकर ₹20000 तक लेते थे. राजधानी की पुलिस अब इस से जुड़े अन्य मामलों को भी खंगाल रही है. तमाम नशा मुक्ति केंद्रों का रिकॉर्ड भी खंगाल रही है कि किस आधार पर किस मानकों पर यह नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं.

बताया जा रहा है कि जिस नशा मुक्ति केंद्र में यह घटना हुई है उसके पास कई तरह के कागजों की कमी है. जो कागज उनके पास हैं भी वे भी फर्जीवाड़े के आधार पर बनाए गए हैं. देहरादून एसएसपी दिलीप कुंवर ने कहा इस पूरे मामले पर अभी जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाी की जाएगी. फिलहाल, परिजनों की तहरीर पर नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह भी सिद्ध हो जाएगा कि मौत की असली वजह क्या रही.

देहरादून के नशा मुक्ति केंद्रों में 'काली 'करतूत

  • 24 अक्टूबर 2021 को रिस्पना पुल के पास लाइफ केयर फाऊंडेशन रिहैबिलिटेशन सेंटर में एक युवक की तबीयत खराब होने की वजह से भी मौत का मामला सामने आया था. जिसके बाद पुलिस ने केंद्र के ही 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
  • अगस्त महीने में भी इसी तरह का एक मामला क्लेमेंट टाउन थाना क्षेत्र में प्रकृति विहार के नशा मुक्ति केंद्र से सामने आया. यहां नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक महिला ने अपने साथ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी.
  • 2021 में अगस्त महीने में वसंत विहार थाना स्थित परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र में 12 लोग सिर्फ इसलिए भाग गए थे क्योंकि उन्हें यहां पर प्रताड़ित और यातनाएं दी जा रही थी .
  • 2022 में भी राजपुर थाना क्षेत्र के बिष्ट गांव में जागृति फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र में एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.
  • 2022 में ही अक्टूबर महीने में वसंत विहार थाना क्षेत्र में बने नशा मुक्ति केंद्र से भी 12 लोग फरार हो गए. जिसके बाद परिजनों ने मौके पर पहुंचकर खूब हंगामा किया.
  • मार्च 2023 के बड़ावाला में भी नशा मुक्ति केंद्र के अंदर एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. जिसके बाद संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

साल 2021 से पहले भी इस तरह के मामले नशा मुक्ति केंद्र से सामने आते रहे हैं. राजधानी देहरादून में बिना मानकों और मनमानी के साथ चल रहे यह नशा मुक्ति केंद्र 'काली 'करतूतों का अड्डा बन गये हैं. जिस पर पुलिस प्रशासन के साथ ही पीड़ितों को भी नजर बनाये रखने की सख्त जरुरत है.

देहरादून: राजधानी देहरादून में 11 अप्रैल को नशा मुक्ति केंद्र में जिस तरह से सिद्धू की मौत के बाद सवाल खड़े हुए हैं, उसके बाद पुलिस लगातार राजधानी देहरादून के नशा मुक्ति केंद्रों पर एक बार फिर से नजर रख रही है. पुलिस तमाम नशा मुक्ति केंद्रों के रिकॉर्ड खंगाल रही है. यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी नशा मुक्ति केंद्र से इस तरह की खबर आई हो. इससे पहले भी तमाम अनियमितताएं, मारपीट और दूसरी घटनाओं के बाद देहरादून और आसपास के नशा मुक्ति केंद्र सवालों के घेरे में रहे हैं. मंगलवार को हुई इस घटना के बाद एक बार फिर से सिस्टम पर सवाल खड़ा हो गया है कि आखिरकार किस मानक और किस आधार पर यह नशा मुक्ति केंद्र इतनी मनमानी कर रहे हैं.

राजधानी देहरादून के चंद्रबदनी स्थित नशा मुक्ति केंद्र में सिद्धू के परिजनों ने उसे कुछ समय पहले इसलिए दाखिल करवाया था. जिससे वह कुछ ही महीनों में स्वस्थ होकर और शराब की लत छोड़कर अपनी जिंदगी को आगे बढ़े, मगर जिस तरह से उसके शरीर पर चोट के निशान और उसके शव को नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी घर के बाहर छोड़कर भागे उसके बाद बवाल होना लाजमी था. पुलिस ने जांच में पाया है कि नशा मुक्ति केंद्र में मोटे काले और खतरनाक कुत्तों का पहरा लगाया जाता था. पुलिस ने अपनी जांच में यह भी पाया कि एक व्यक्ति से नशा छुड़वाने के लिए यह नशा मुक्ति केंद्र ₹5000 से लेकर ₹20000 तक लेते थे. राजधानी की पुलिस अब इस से जुड़े अन्य मामलों को भी खंगाल रही है. तमाम नशा मुक्ति केंद्रों का रिकॉर्ड भी खंगाल रही है कि किस आधार पर किस मानकों पर यह नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं.

बताया जा रहा है कि जिस नशा मुक्ति केंद्र में यह घटना हुई है उसके पास कई तरह के कागजों की कमी है. जो कागज उनके पास हैं भी वे भी फर्जीवाड़े के आधार पर बनाए गए हैं. देहरादून एसएसपी दिलीप कुंवर ने कहा इस पूरे मामले पर अभी जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाी की जाएगी. फिलहाल, परिजनों की तहरीर पर नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद यह भी सिद्ध हो जाएगा कि मौत की असली वजह क्या रही.

देहरादून के नशा मुक्ति केंद्रों में 'काली 'करतूत

  • 24 अक्टूबर 2021 को रिस्पना पुल के पास लाइफ केयर फाऊंडेशन रिहैबिलिटेशन सेंटर में एक युवक की तबीयत खराब होने की वजह से भी मौत का मामला सामने आया था. जिसके बाद पुलिस ने केंद्र के ही 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.
  • अगस्त महीने में भी इसी तरह का एक मामला क्लेमेंट टाउन थाना क्षेत्र में प्रकृति विहार के नशा मुक्ति केंद्र से सामने आया. यहां नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती एक महिला ने अपने साथ दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी.
  • 2021 में अगस्त महीने में वसंत विहार थाना स्थित परिवर्तन नशा मुक्ति केंद्र में 12 लोग सिर्फ इसलिए भाग गए थे क्योंकि उन्हें यहां पर प्रताड़ित और यातनाएं दी जा रही थी .
  • 2022 में भी राजपुर थाना क्षेत्र के बिष्ट गांव में जागृति फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र में एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.
  • 2022 में ही अक्टूबर महीने में वसंत विहार थाना क्षेत्र में बने नशा मुक्ति केंद्र से भी 12 लोग फरार हो गए. जिसके बाद परिजनों ने मौके पर पहुंचकर खूब हंगामा किया.
  • मार्च 2023 के बड़ावाला में भी नशा मुक्ति केंद्र के अंदर एक व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. जिसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. जिसके बाद संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.

साल 2021 से पहले भी इस तरह के मामले नशा मुक्ति केंद्र से सामने आते रहे हैं. राजधानी देहरादून में बिना मानकों और मनमानी के साथ चल रहे यह नशा मुक्ति केंद्र 'काली 'करतूतों का अड्डा बन गये हैं. जिस पर पुलिस प्रशासन के साथ ही पीड़ितों को भी नजर बनाये रखने की सख्त जरुरत है.

Last Updated : Apr 12, 2023, 8:19 PM IST
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